COVID 2.0 के दौरान साइबर फ्रॉड के मामले बढ़े, Airtel ने अपने यूजर्स को किया Alert

COVID 2.0, Cyber Fraud, Airtel CEO, Warning: कोरोनावायरस महामारी की दूसरी लहर के बीच विभिन्न कार्यों में ऑनलाइन लेन-देन बढ़ने के साथ साइबर धोखाधड़ी (Cyber Fraud) की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है. इस बारे में एयरटेल के सीईओ गोपाल विट्टल (Gopal Vittal) ने यूजर्स को सचेत किया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 21, 2021 11:23 PM
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COVID 2.0, Cyber Fraud, Airtel CEO, Warning: कोरोनावायरस महामारी की दूसरी लहर के बीच विभिन्न कार्यों में ऑनलाइन लेन-देन बढ़ने के साथ साइबर धोखाधड़ी (Cyber Fraud) की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है. इस बारे में एयरटेल के सीईओ गोपाल विट्टल (Gopal Vittal) ने यूजर्स को सचेत किया है.

एयरटेल के सीईओ गोपाल विट्टल ने कहा कि कंपनी अथक काम कर रही है और यह सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा सुविधाओं के साथ आ रही है कि ग्राहक असुरक्षित न हों. ग्राहकों के लिए एक ई-मेल आउटरीच में, विट्ठल ने धोखेबाजों द्वारा अपनाये जा रहे तौर-तरीकों पर प्रकाश डाला और डिजिटल भुगतान से संबंधित साइबर धोखाधड़ी की ओर भी ध्यान आकर्षित किया.

एयरटेल सीईओ ने कहा, महामारी की दूसरी लहर के बीच देश के कई हिस्सों में लॉकडाउन लगने के साथ, ऑनलाइन लेन-देन में काफी तेजी आयी है. बदकिस्मती से इसके साथ ही साइबर धोखाधड़ी भी उतनी ही तेजी से बढ़ रही है. विट्टल ने उपभोक्ताओं को संभावित ठगी के प्रकारों को लेकर आगाह करते हुए कहा कि एयरटेल ने एक ‘इंडस्ट्री फर्स्ट फीचर’ शुरू किया है जो ‘किसी ठग का शिकार बनने के भय के बिना’ सुरक्षित ऑनलाइन लेन-देन की व्यवस्था करने में मदद करेगा.

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उन्होंने एयरटेल की दूरसंचार सेवा का इस्तेमाल करने वाले लोगों से कहा, कृपया यह बात ध्यान में रखें कि एयरटेल फोन पर वीआईपी नंबर नहीं बेचती और हम आपसे कभी भी किसी तीसरे पक्ष की ऐप डाउनलोड करने के लिए नहीं कहते हैं. दोनों ही मामलों में तत्काल 121 नंबर पर फोन करके पुष्टि करें. असल में मैं यह कहूंगा कि आपको जब भी कोई शंका हो, तुरंत 121 पर फोन करें.

धोखाधड़ी करने वालों से सचेत करते हुए उन्होंने कहा कि कोई ठग खुद को एयरटेल का कर्मचारी बताकर आपसे जानकारी ले सकता है और यह जानकारी अपने ग्राहक को जानिये (केवाईसी) फॉर्म को पूरा करने के संबंध में ली जा सकती है. ठगी करने वाला व्यक्ति ग्राहक को ‘एयरटेल क्विक सपोर्ट’ ऐप को डाउनलोड करने के लिए कहा जा सकता है, जबकि गूगल प्ले स्टोर पर ऐसा कोई ऐप है ही नहीं. जैसे ही ग्राहक इसे अपने फोन में स्थापित करता है, पूरा उपकरण ठग के सामने आ जाता है और उससे जुड़े तमाम खातों तक उसकी पहुंच हो जाती है. विट्टल ने उपयोगकर्ताओं से इस प्रकार के झांसे में आने से बचने का आग्रह किया है. (इनपुट : भाषा)

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