5G RollOut: नयी तकनीक के साथ बढ़ेगा डेटा सिक्योरिटी का खतरा, सावधानी है जरूरी

5G तकनीक 4G के साथ काम करेगी और धीरे-धीरे पूरी तरह से इसकी जगह ले लेगी. जहां 5G तकनीक इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT), स्मार्ट सिटीज और उद्योग 4.0 को बढ़ावा देने का वादा करता है, वहीं यह साइबर हमले के भी रास्ते खोलते हुए कुछ सावधानी और सावधानी बरतने का आह्वान करती है.

By Rajeev Kumar | September 11, 2022 6:41 PM
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5G Rollout Challenges: 5G यानी पांचवीं पीढ़ी का वायरलेस सेलुलर नेटवर्क इसी महीने लॉन्च किया जाएगा. संचार की पहली चार पीढ़ियां कनेक्टिविटी काे नये स्तर तक ले गईं. जहां 3G और 4G ने मोबाइल डेटा में सुधार किया है, वहीं 5G मोबाइल ब्रॉडबैंड ऐक्सेस का विस्तार करने जा रहा है.

5G तकनीक 4G के साथ काम करेगी और धीरे-धीरे पूरी तरह से इसकी जगह ले लेगी. जहां 5G तकनीक इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT), स्मार्ट सिटीज और उद्योग 4.0 को बढ़ावा देने का वादा करता है, वहीं यह साइबर हमले के भी रास्ते खोलते हुए कुछ सावधानी और सावधानी बरतने का आह्वान करती है.

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उदाहरण के लिए, हाई बैंडविड्थ और 5G की कम विलंबता का मतलब होगा कि बॉडी कैमरा, चेहरे की पहचान करनेवाली तकनीक, नंबर प्लेट रीडिंग, ड्रोन और सीसीटीवी जैसे उपकरण अधिक कुशलता से काम करेंगे. इससे पुलिस को मदद मिलेगी क्योंकि उनके पास अधिक परिष्कृत डेटा और स्पष्ट चित्रों तक पहुंच संभव होगी. इससे संगठनों के साथ आपातकालीन उत्तरदाताओं के साथ संचार भी तेज होगा.

दूसरी ओर, 5G में समान बड़ी बैंडविड्थ अपराधियों को आसानी से डेटाबेस चुराने करने की अनुमति देगी. समय के साथ और अधिक उपकरण जुड़ेंगे और इससे अटैक्स की संख्या बढ़ेगी. यही नहीं, साइबर हमले और भी अधिक सटीक हो सकते हैं. हालांकि, पुलिस के लिए 5जी के माध्यम से उपलब्ध होने वाले विशाल डेटा का लाभ उठाने की स्थिति में होने के लिए, सरकारों को पुलिस सॉफ्टवेयर के इंफ्रास्ट्रक्चर और टूल्स को अपग्रेड करने की दिशा में तेज कदम उठाने चाहिए. यही नहीं, पुलिसकर्मियों को 5G सक्षम अपराधों का पता लगाने के लिए भी प्रशिक्षित करने की भी जरूरत है.

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5G में वायरलेस सेलुलर नेटवर्क एक केंद्रीकृत, हार्डवेयर आधारित स्विचिंग से एक वितरित, सॉफ्टवेयर परिभाषित डिजिटल रूटिंग में ट्रांसफर हो जाएगा. 5G में ज्यादा ट्रैफिक रूटिंग पॉइंट होंगे. वर्तमान नेटवर्क में, हार्डवेयर चोक पॉइंट के रूप में कार्य करता है और ऐसे हमलों को रोकता है. पूरी तरह से सुरक्षित होने के लिए सभी ट्रैफिक रूटिंग पॉइंट्स पर नजर रखनी होगी. कोई भी असुरक्षित क्षेत्र नेटवर्क के अन्य भागों के लिए खतरा पैदा कर सकता है.

मौजूदा नेटवर्क गति और क्षमता में सीमित हैं और इससे सेवा प्रदाताओं को वास्तविक समय में सुरक्षा की निगरानी करने में मदद मिली. 5G में बड़ी बैंडविड्थ हमले के अतिरिक्त रास्ते बनाती है. अतिरिक्त गति और मात्रा सुरक्षा तंत्र को चुनौती देगी या दबाव डालेगी.

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सेल साइट्स 5G की गतिशील स्पेक्ट्रम साझा करने की क्षमता का उपयोग करती हैं ताकि सूचना की कई धाराओं को बैंडविड्थ को स्लाइस में साझा करने की अनुमति मिल सके. इंटरनेट ऑफ थिंग्स से अधिक स्मार्ट डिवाइस जुड़े होने के कारण नेटवर्क असुरक्षित हो जाता है.

कास्परस्की का सुझाव है कि आज के समय में जहां हर डिवाइस एक छोटा कंप्यूटर है. मौजूदा इंटरनेट इंफ्रास्ट्रक्चर की वर्तमान और भविष्य की कमजोरियां तेज हो गई हैं. परिष्कृत बॉटनेट, गोपनीयता उल्लंघन और तेज डेटा निष्कर्षण का जोखिम 5G के साथ बढ़ सकता है. मोबाइल फोन, कंप्यूटर, स्मार्ट होम डिवाइस, कार के इंफोटेनमेंट सिस्टम, स्मार्ट टीवी, डोर लॉक, रेफ्रिजरेटर, स्पीकर और अन्य घरेलू उपकरण जो इंटरनेट, ब्लूटूथ या अन्य से जुड़ते हैं, कमजोर कड़ी हो सकते हैं. इन डिवाइसेज के पास ऐप्स, फर्मवेयर और ऑपरेटिंग सिस्टम का नवीनतम संस्करण होना चाहिए.

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