Delhi PUC new Rates: दिल्ली सरकार ने लगभग 13 वर्षों के अंतराल के बाद पेट्रोल, सीएनजी और डीजल वाहनों के लिए प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी) प्रमाणपत्रों के शुल्क में वृद्धि की है.
दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने गुरुवार को इसकी घोषणा की.उन्होंने कहा, “दिल्ली सरकार शहर की वायु गुणवत्ता को बनाए रखने और यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि सभी वाहन आवश्यक प्रदूषण मानकों को पूरा करें
कितनी हुई बढ़ोतरी
दो पहिया और तीन पहिया वाहनों के लिए शुल्क 60 रुपये से बढ़ाकर 80 रुपये और चार पहिया वाहनों के लिए 80 रुपये से बढ़ाकर 110 रुपये कर दिया गया है.डीजल वाहनों के लिए पीयूसी प्रमाणपत्र का शुल्क 100 रुपये से बढ़ाकर 140 रुपये कर दिया गया है.
Central Motor Vehicles Rules, 1989 के अनुसार, भारत में सभी मोटर वाहनों के पास पंजीकरण तिथि से एक वर्ष के बाद वैध पीयूसी (प्रदूषण नियंत्रण) प्रमाणपत्र होना चाहिए. चार पहिया बीएस-IV अनुरूप वाहनों के लिए, प्रमाणपत्र एक वर्ष के लिए वैध रहता है, जबकि अन्य के लिए यह तीन महीने के लिए वैध होता है.
इससे पहले 2011 में हुआ था बदलाव
दिल्ली में पीयूसी प्रमाणन के लिए शुल्क आखिरी बार 2011 में बढ़ाया गया था. हालांकि, पिछले कुछ सालों में बिना पीयूसी प्रमाणपत्र वाले वाहनों के लिए जुर्माने में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. मोटर वाहन अधिनियम के अनुसार, बिना वैध प्रमाणपत्र वाले वाहन मालिकों को अब छह महीने तक की कैद या 10,000 रुपये तक का जुर्माना या दोनों का सामना करना पड़ सकता है.
दिल्ली में पीयूसी प्रमाणीकरण प्रक्रिया वास्तविक समय में संचालित की जाती है और इसे वाहन पंजीकरण डेटाबेस के साथ एकीकृत किया जाता है.
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परिवहन विभाग के आंकड़ों ने हवाला देते हुए टाइम्स ऑफ इंडिया की 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली की सड़कों पर बिना PUC प्रमाणपत्र के 85% से अधिक वाहन दोपहिया वाहन हैं.दिल्ली सांख्यिकी पुस्तिका 2023 के अनुसार, राजधानी में पंजीकृत वाहनों की कुल संख्या 79,45,596 थी, जिसमें 20,71,115 कार और जीप, 52,94,900 मोटर साइकिल और स्कूटर, 93,654 ऑटो रिक्शा और 83,278 टैक्सियाँ शामिल हैं.