सड़क हादसों में मरने वालों की संख्या को लेकर परिवहन मंत्रालय और NCRB के आंकड़ों में अंतर

सड़क परिवहन मंत्रालय की रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2022 में वाहनों की टक्कर से सड़क हादसों में मरने वाले पैदल यात्रियों की संख्या 32,825 है, जो एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार करीब 32 फीसदी अधिक है. एनसीआरबी की रिपोर्ट में वाहन दुर्घटना में मारे जाने वाले पैदल यात्रियों की संख्या 15,087 है.

By KumarVishwat Sen | December 18, 2023 11:12 AM

नई दिल्ली : सड़क हादसों को लेकर राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) और केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय की ओर से जारी किए गए आंकड़ों में भारी अंतर दिखाई दे रहा है. अब जबकि यह मामला सामने आ गया है, तो आंकड़ों में विसंगतियों के पीछे फील्ड स्टाफ को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. अभी हाल ही में एनसीआरबी और सड़क परिवहन मंत्रालय की ओर से सड़क हादसों को लेकर आंकड़े जारी किए गए हैं. अंग्रेजी के अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सड़क परिवहन मंत्रालय और एनसीआरबी की ओर से अभी हाल ही में साल 2022 के दौरान सड़क हादसों में मारे जाने वाले लोगों को लेकर दो सेट में आंकड़े जारी किए गए हैं, लेकिन इन दोनों के आंकड़ों में काफी अंतर दिखाई देता है.

सड़क हादसों में मरने वाले पैदल यात्रियों की संख्या में अंतर

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, सड़क परिवहन मंत्रालय की रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2022 में वाहनों की टक्कर से सड़क हादसों में मरने वाले पैदल यात्रियों की संख्या 32,825 है, जो एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार करीब 32 फीसदी अधिक है. एनसीआरबी की रिपोर्ट में वाहन दुर्घटना में मारे जाने वाले पैदल यात्रियों की संख्या 15,087 है. वहीं, मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, सड़क हादसे में मरने वाले पैदल यात्रियों की संख्या में दोनों एजेंसियों के अंतर में करीब 42 फीसदी का बड़ा अंतर दिखाई देता है.

फील्ड स्टाफ की वजह से आंकड़ों में पैदा हो रहीं विसंगतियां

वहीं, दोनों एजेंसियों के आंकड़ों में अंतर को लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि फील्ड स्टाफ की वजह से आंकड़ों में इस तरह की विसंगतियां पैदा हो रही हैं. उनका कहना है कि आंकड़ा एकत्र करने वाले फील्ड स्टाफ को जब तक सही ढंग से प्रशिक्षित नहीं किया जाएगा, आंकड़ों में अंतर दिखाई देगा. उनका कहना है कि सड़क परिवहन मंत्रालय के फील्ड स्टाफ की कम समझ होने की वजह से इस प्रकार की विसंगतियां पैदा होती हैं. वे कहते हैं कि सड़क हादसों में मरने वाले पैदल यात्रियों का रिकॉर्ड दर्ज करने में अनियमितता बरती जाती है, जिससे आंकड़ों में भी गड़बड़ी पैदा हो जाती है.

कैसे एकत्र होता है आंकड़ा

सड़क परिवहन मंत्रालय की ओर से सड़क हादसों में मरने वाले लोगों का आंकड़ा इंटर-लिंक्ड सिस्टम के तहत दर्ज किया जाता है. इसके लिए मंत्रालय करीब 21 इंटर-लिंक्ड सिस्टम का इस्तेमाल करता है. विशेषज्ञों का कहना है कि मंत्रालय की ओर से इंटर-लिंक्ड सिस्टम से डाटा एकत्र करने वाले फील्ड स्टाफ पूरी तरह से प्रशिक्षित नहीं हैं और उन्हें इसकी समझ ही नहीं है. इस वजह से एनसीआरबी और मंत्रालय के आंकड़े आपस में मेल नहीं खाते.

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सड़क हादसों में मृतकों का क्या है आंकड़ा

सड़क परिवहन मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, साल 2022 में दोपहिया वाहनों से मरने वालों की संख्या 74,897 है. वहीं, एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार, यह आंकड़ा 77,876 है. सड़क परिवहन मंत्रालय के आंकड़ों में पैदल चलने वाले लोगों का वाहनों की टक्कर से मरने वालों की संख्या 32,825 है. वहीं, एनसीआरबी के आंकड़ों में यह संख्या 24,742 है. इसके अलावा, मंत्रालय के आंकड़ों में कार और हल्के मोटर वाहनों के हादसों में मरने वालों की संख्या 21,040 है, जबकि एनसीआरबी के आंकड़ों में यह संख्या 24,086 है. इस प्रकार देखेंगे, तो सड़क परिवहन मंत्रालय के आंकड़ों में साल 2022 में सड़क हादसे में मरने वाले लोगों की 1,68,491 है, तो एनसीआरबी के आंकड़े में यह संख्या 1,71,100 दी गई है.

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