Driving License और RC डिजिटल रूप में रखें और मांगे जाने पर दिखाएं, नहीं लगेगा जुर्माना, हाई कोर्ट ने दिया आदेश
DL RC News - दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार से ड्राइविंग लाइसेंस और अन्य परिवहन संबंधी दस्तावेज की इलेक्ट्रॉनिक प्रतियां स्वीकार करते समय मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) सहित मोटर वाहन कानून का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा है.
Driving License and RC News: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को मोटर वाहन अधिनियम का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है, जिसमें ड्राइविंग लाइसेंस (Driving Licence), पंजीकरण प्रमाण पत्र (RC) और अन्य परिवहन संबंधी जानकारी को इलेक्ट्रॉनिक रूप में स्वीकार करना भी शामिल है. हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद डिजिटल रूप (Digital Form) से भी अब ड्राइविंग लाइसेंस दिखाया जा सकेगा. पीटीआई भाषा की एक रिपोर्ट के अनुसार, मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ यातायात उल्लंघन की निगरानी और उनके प्रभावी कामकाज के संबंध में प्रौद्योगिकी और बुनियादी ढांचे के उन्नयन की मांग वाली एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी.
दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार से ड्राइविंग लाइसेंस और अन्य परिवहन संबंधी दस्तावेज की इलेक्ट्रॉनिक प्रतियां स्वीकार करते समय मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) सहित मोटर वाहन कानून का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा है.
मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा की अध्यक्षता वाली पीठ ने यातायात नियमों के उल्लंघन की निगरानी के लिए प्रौद्योगिकी और बुनियादी ढांचे के उन्नयन के अनुरोध संबंधी एक जनहित याचिका का निस्तारण करते हुए कहा कि इस मामले में और कोई आदेश पारित करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि केंद्र सरकार ने इस संबंध में कदम उठाये हैं और दिल्ली सरकार वैधानिक प्रावधानों और प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन कर रही है.
अदालत ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से चालान जारी किए जा रहे हैं और भुगतान किया जा रहा है, जबकि मोटर वाहन कानून में संशोधन किये गए हैं और क्लोज-सर्किट टेलीविजन कैमरे, स्पीड गन और ‘बॉडी वियरेबल कैमरे’ लगाकर जुर्माना लगाने के मामले में पारदर्शिता लायी जा रही है. पीठ में सुब्रमण्यम प्रसाद भी शामिल थे.
पीठ ने कहा, जुर्माने की वसूली के संबंध में दिल्ली मॉडल को देश के अन्य राज्यों द्वारा भी अपनाया जा रहा है. जहां तक दिल्ली का संबंध है, यह सुनिश्चित करने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग करना शामिल किया गया है कि किसी नागरिक को जुर्माने के भुगतान के मामले में परेशानी नहीं हो.
अदालत ने कहा, इस अदालत का मानना कि वर्तमान जनहित याचिका में कोई और आदेश पारित करने की आवश्यकता नहीं है. हालांकि, जीएनसीटीडी (दिल्ली सरकार) मोटर वाहन अधिनियम, 1988 और उसके बाद के संशोधनों के साथ-साथ 17.12.2018 को जारी उपरोक्त एसओपी का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करेगी.
अदालत ने कहा कि 17 दिसंबर, 2018 की एसओपी में यह स्पष्ट किया गया है कि डिजिटल रूप में प्रमाण पत्र स्वीकार्य हैं ताकि नागरिकों को मामले में किसी कठिनाई का सामना न करना पड़े. दिल्ली सरकार ने कहा कि वह मोटर वाहन कानून का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कर रही है और यातायात पुलिस द्वारा अत्याधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है. (भाषा इनपुट के साथ)