Drone Analysis: तेजी से बढ़ रहा ड्रोन मार्केट, इन सेक्टर्स में हो रहा जमकर इस्तेमाल, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

Drone Market Analysis: दुनियाभर में ड्रोन टेक्नोलॉजी काफी तेजी से अपना विस्तार कर रहा है. बीते कई सालों में इसका मार्केट भी काफी तेजी से बड़ा हुआ है. आज हम आपको ड्रोन इंडस्ट्री से जुड़ी कुछ रोचक जानकारी देने वाले हैं. आज हम आपको यह भी बताने वाले हैं इसका भविष्य कैसा होने वाला है.

By Vyshnav Chandran | November 29, 2022 4:08 PM
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Drone Technology: बीते कई सालों में टेक्नोलॉजी जगत काफी तेजी से बदला है. इन सभी बदलावों में से एक Drone टेक्नोलॉजी भी है. ड्रोन टेक्नोलॉजी बीते कई सालों में जबरदस्त तरीके से बदली है. इसका इस्तेमाल कई तरह के फील्ड में जबरदस्त तरीके से किया जाने लगा है. रिपोर्ट्स की अगर माने तो ड्रोन इंडस्ट्री आने वाल इन 10 सालों में 279 बिलियन यूएस डॉलर्स की इंडस्ट्री बन जाएगी. केवल यही नहीं साल 2017 से लेकर 2021 तक ड्रोन्स की डिमांड 23.5 प्रतिशत की सीएजीआर (CAGR) से बढ़ी है. आज हम आपको ड्रोन और ड्रोन इंडस्ट्री के बारे में कुछ रोचक बातें बताने वाले हैं. केवल यही नहीं आज हम आपको बताएंगे कि ड्रोन का इस्तेमाल कहां-कहां और किस तरीके से किया जाने लगा है.

लॉकडाउन के दौरान दिखा काफी उतार-चढ़ाव

ड्रोन इंडस्ट्री ने सबसे ज्यादा उतार चढ़ाव Covid-19 महामारी के दौरान देखा है. मैन्युफैक्चरिंग से लेकर हॉस्पिटैलिटी जैसे कई उद्योगों में साल 2020 के दौरान इसके संभावनाएं काफी कम हो गयी थी. वहीं, डोमेन में इससे जुड़ी सभी तरह की गतिविधियों में लॉकडाउन के चलते रोक लगा दिया गया था. रोक लगाए जाने के बावजूद जनरल निगरानी के उद्देश्य जैसे कि सामजिक दूरी अथवा सोशल डिस्टेंसिंग जैसे गतिविधियों पर निगरानी रखने के लिए इसका इस्तेमाल काफी जोरों-शोरों से किया जाने लगा. लॉकडाउन के दौर में ड्रोन्स का इस्तेमाल इसलिए किया जाने लगा ताकि पता लगाया जा सके कि लोग नियमों का पालन ठीक से कर रहे हैं या फिर नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं.

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2022 – 2032 के दौरान मार्केट बढ़ने की संभावना

रिपोर्ट्स की अगर माने तो ड्रोन मार्केट 2022-2032 के दशक में काफी तेजी से बढ़ने की संभावना है. रिपोर्ट्स की अगर माने तो साल 2032 तक दुनियाभर में ड्रोन मार्केट 279 बिलियन यूएस डॉलर्स का मार्केट बन जाएगा. अभी के मार्केट कंडीशन से अगर इसकी तुलना करें तो यह करीबन 9.3 गुणा ज्यादा बढ़ सकती है. इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल दशक के दौरान सिक्योरिटी और सेफ्टी के मामले में ड्रोन्स का इस्तेमाल सबसे ज्यादा किये जाने की उम्मीद है.

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फोटोग्राफिक निगरानी में बढ़ रही डिमांड

ड्रोन्स का इस्तेमाल मुख्य तौर पर निगरानी के परपस से किया जा रहा है. दरअसल इनमें खूबी होती है काफी ऊंचाई में रहकर इलाके की निगरानी करने की. बता दें ड्रोन टेक्नोलॉजी आसमान में काफी ऊपर रहते हुए क्षेत्र की निगरानी करती है, जिस वजह से दुश्मन के नजरों से बची रह सकती है. आने वाले समय में ड्रोन्स का इस्तेमाल और भी बढ़ चढ़कर सैन्य अभियानों से लेकर विभिन्न प्रकार के व्यावसायिक अनुप्रयोगों में किया जा सकता है. फिलहाल इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट का उपयोग, हवाई फोटोग्राफी और वीडियो रिकॉर्डिंग के लिए किया जा रहा है. इन ड्रोन्स का इस्तेमाल जनवरी की देखभाल, कुछ पब्लिक सर्विस मिशंस, कई कंपनियों के लिए खेती के दौरान और डेटा का जुगाड़ करने के लिए किया जा रहा है.

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ड्रोन के जरिये हो रही होम डिलीवरी

ड्रोन्स का इस्तेमाल आज के दौर में केवल हवाई फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी के लिए ही नहीं बल्कि, जल्द ही कई बड़ी कंपनियों के लिए अपने प्रोडक्ट्स की होम डिलीवरी करने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाने लगेगा. कुछ समय पहले ऐसा कर पाना एक इमेजिनेशन जैसा था लेकिन, आज यह एक हकीकत बनकर सामने आया है. जानकारी के लिए बता दें यह जो कमर्शियल ड्रोन्स होते हैं वे 100 माइल्स प्रतिघंटा की स्पीड से ट्रैवल कर सकते हैं और इनका इस्तेमाल 2.5 किलोग्राम तक के पैकेजेस को डिलीवर करने के लिए किया जा सकता है. इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल बड़ी कंपनियां अपने बहुमूल्य समय और खर्च को बचाने के लिए कर रहे हैं. ड्रोन प्रौद्योगिकी में निवेश में वृद्धि से भी दीर्घकालिक उद्योग विकास को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है.

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कृषि उपज और वेदर फोरकास्ट में साबित होगी मददगार

आज के जो मॉडर्न किसान हैं वे उत्पादकता बढ़ाने और खेती में आने वाले खर्च को कम करने के लिए ड्रोन का उपयोग कर रहे हैं. ड्रोन टेक्नोलॉजी किसानों की मदद करेगा डुप्लीकेट ऑपरेशन को समाप्त करने में और इसके साथ ही किसान ड्रोन की मदद से ऑपरेशन्स को अधिक संचालन योग्य और कुशल भी बना सकते हैं. जानकारी के लिए बता दें एग्रीकल्चरल ड्रोन्स में रोबोटिक्स टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है. इस टेक्नोलॉजी की मदद से नीरस, बार बार दोहराये जाने वाले प्रोसेस और काफी समय बर्बाद करने वाले सभी संचालनों को और भी अधिक कुशल बनाया जा सकता है.

केवल यही नहीं इन ड्रोन्स की मदद से मौसम में अचानक हो रहे बदलावों की भी रियल टाइम निगरानी की जा सकती है. इस टेक्नोलॉजी की बदौलत मौसम में लगातार हो रहे बदलावों को ट्रैक किया जा सकता है. उदाहरण के तौर पर अगर बताएं तो एक नाविक को कि समुद्र पर निकला हुआ है उसे समुद्र की लहरों में हो रहे बदलाव और समुद्री इलाके के मौसम में हो रहे बदलावों का समय रहते ही पता चल जाएगा.

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कंस्ट्रक्शन साइट्स पर हो सकेंगे इस्तेमाल

ड्रोन्स टेक्नोलॉजी को इस्तेमाल करने के कई तरीके हैं. इन्हीं तरीकों में से एक कंस्ट्रक्शन साइट्स पर इसका इस्तेमाल करना है. इस टेक्नोलॉजी की मदद से जब भी कोई इंजीनियर किसी क्षेत्र में नयी बिल्डिंग खड़ी करेगा उस समय ड्रोन का इस्तेमाल आसपास के एरिया को स्कैन करने के लिए कर सकेगा. एक बार एरिया पूरी तरह से स्कैन हो जाए तो उस इंजीनियर को अपने प्रोजेक्ट को पूरा करने में और भी आसानी हो जाएगी क्योंकि इन तस्वीरों की मदद से इंजीनियर को पहले ही पता चलजाएगा कि इस एरिया का इस्तेमाल उसे किस तरह से करना है. इस टेक्नोलॉजी की मदद से इंजीनियर का काम भी काफी जल्दी खत्म हो सकेगा.

केवल यही नहीं कई तरह के कॉर्पोरेट हाउस में थर्मल इमेजिंग के लिए भी किया जा रहा है. थर्मल इमेजिंग की मदद से उस बिल्डिंग में जब भी किसी तरह की घटना होगी तो अंदर में फंसे लोगों को आसानी से ट्रैक किया जा सकेगा और उन्हें भी खोज निकाला जा सकेगा जिन्हें आंखों से भी नहीं देखा जा सकता है.

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