निवर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपनी उत्तराधिकारी द्रौपदी मुर्मू को सोमवार को शपथ ग्रहण समारोह के लिए राष्ट्रपति भवन से राष्ट्रपति की लिमोजीन (कार) में संसद भवन ले गए. कोविंद के साथ नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मुर्मू राष्ट्रपति भवन की 31 भव्य सीढ़ियां उतरकर सलामी मंच पर पहुंचीं, जहां उन्होंने ‘प्रेसिडेंशियल सैल्यूट’ (सलामी) ली.
राष्ट्रपति के अंगरक्षकों ने राष्ट्रगान गाया, जिसके बाद दोनों को राष्ट्रपति की लिमोजीन में ले जाया गया, जो औपचारिक शपथ ग्रहण समारोह के लिए राष्ट्रपति भवन से संसद भवन के लिए रवाना हो गई. इसके साथ राष्ट्रपति के अंगरक्षकों का काफिला भी रवाना हुआ. राष्ट्रपति के अंगरक्षकों ने संसद भवन की द्वार संख्या पांच की सीढ़ियों पर राष्ट्रपति को राष्ट्रीय सलामी दी.
इस दौरान नवनिर्वाचित राष्ट्रपति उनके साथ मौजूद थीं. प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी उनके साथ मौजूद थे. इसे बाद वे संसद के ‘सेंट्रल हॉल’ गए, जहां ड्रम बजाकर उनका स्वागत किया गया, जो राष्ट्रपति के आगमन का संकेत देता है
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज राष्ट्रपति पद के लिए शपथ ग्रहण किया. उन्हें प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना ने शपथ दिलाई. मुर्मू ने अपने संबोधन की शुरूआत करते हुए कहा कि जोहार ! नमस्कार ! मैं भारत के समस्त नागरिकों की आशा-आकांक्षा और अधिकारों की प्रतीक इस पवित्र संसद से सभी देशवासियों का पूरी विनम्रता से अभिनंदन करती हूं. आपकी आत्मीयता, विश्वास और आपका सहयोग, मेरे लिए इस नए दायित्व को निभाने में मेरी बहुत बड़ी ताकत होंगे.
द्रौपदी मुर्मू ने आगे कहा कि ऐसे ऐतिहासिक समय में जब भारत अगले 25 वर्षों के विजन को हासिल करने के लिए पूरी ऊर्जा से जुटा हुआ है, मुझे ये जिम्मेदारी मिलना मेरा बहुत बड़ा सौभाग्य है. उन्होंने कहा कि ये भी एक संयोग है कि जब देश अपनी आजादी के 50वें वर्ष का पर्व मना रहा था तभी मेरे राजनीतिक जीवन की शुरुआत हुई थी. और आज आजादी के 75वें वर्ष में मुझे ये नया दायित्व मिला है. (इनपुट:भाषा)