Economic Survey 2023-24: ऑटोमोबाइल सेक्टर में PLI योजना के तहत 67,690 करोड़ का निवेश हुआ

Automobile Sector में PLI योजना के तहत 67,690 करोड़ का निवेश हुआ है. Economic Survey 2023-24 में कहा गया कि वित्त वर्ष 2020 से वित्त वर्ष 23 के दौरान ऑटोमोटिव पार्ट्स के घरेलू उत्पादन और खपत के मूल्य में वृद्धि पिछले पांच वर्षों की तुलना में कम रही.

By Abhishek Anand | July 23, 2024 10:22 AM

Economic Survey 2023-24 में कहा गया कि वित्त वर्ष 2020 से वित्त वर्ष 23 के दौरान ऑटोमोटिव पार्ट्स के घरेलू उत्पादन और खपत के मूल्य में वृद्धि पिछले पांच वर्षों की तुलना में कम रही. सर्वेक्षण में कहा गया है कि पिछले दशक की पहली छमाही में, कारों और उपयोगिता वाहनों सहित यात्री वाहनों ने महत्वपूर्ण वृद्धि का अनुभव किया, लेकिन महामारी का ऑटोमोटिव उद्योग के सभी क्षेत्रों पर काफी प्रभाव पड़ा.

PLI योजना के तहत 67,690 करोड़ का निवेश

सोमवार को संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण में आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 पेश किया, जिसमें कहा गया है, “यात्री वाहनों में तेजी से सुधार हुआ है, दोपहिया, तिपहिया और वाणिज्यिक वाहनों के लिए रिकवरी की अवधि लंबी है.” सोमवार को संसद में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 से पता चला है कि ऑटोमोबाइल और ऑटो घटकों के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) ने 67,690 करोड़ रुपये के प्रस्तावित निवेश को आकर्षित किया है. मार्च 2024 के अंत तक, 14,043 करोड़ रुपये का निवेश किया जा चुका है. इस योजना का उद्देश्य रोजगार को बढ़ावा देना है, जिसके तहत 31 मार्च, 2024 तक 1.48 लाख नौकरियों का प्रस्ताव है और 28,884 नौकरियों का सृजन हो चुका है. अब तक इस योजना के तहत 85 आवेदकों को मंजूरी मिल चुकी है.

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चैंपियन ओईएम प्रोत्साहन योजना और घटक चैंपियन प्रोत्साहन योजना

वित्त वर्ष 23 से वित्त वर्ष 27 की अवधि के लिए 25,938 करोड़ रुपये के बजटीय परिव्यय वाली पीएलआई योजना को दो भागों में विभाजित किया गया है: चैंपियन ओईएम प्रोत्साहन योजना और घटक चैंपियन प्रोत्साहन योजना. इसके अतिरिक्त, सरकार ने मई 2021 में उन्नत रसायन सेल (एसीसी) बैटरी स्टोरेज पर राष्ट्रीय कार्यक्रम को मंजूरी दी, जिसका बजटीय परिव्यय 18,100 करोड़ रुपये है.

आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 में कहा गया है, “जबकि यात्री वाहनों में तेजी से सुधार हुआ है, दोपहिया, तिपहिया और वाणिज्यिक वाहनों के लिए सुधार की अवधि लंबी है.”

ऑटोमोटिव पार्ट्स के घरेलू उत्पादन और खपत के मूल्य में वृद्धि वित्त वर्ष 20 से वित्त वर्ष 23 के दौरान पिछले पांच वर्षों की तुलना में कम हुई है. सर्वेक्षण में कहा गया है कि पिछले दशक की पहली छमाही में कारों और उपयोगिता वाहनों सहित यात्री वाहनों ने महत्वपूर्ण वृद्धि का अनुभव किया, लेकिन महामारी का ऑटोमोटिव उद्योग के सभी क्षेत्रों पर काफी प्रभाव पड़ा. वित्त वर्ष 24 में, भारत ने लगभग 49 लाख यात्री वाहन, 9.9 लाख तिपहिया वाहन, 214.7 लाख दोपहिया वाहन और 10.7 लाख वाणिज्यिक वाहन का उत्पादन किया.

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