टाइप 2 डायबिटीज को जड़ से खत्म कर देती है इलेक्ट्रिक बाइक, करना होगा ये काम
इलेक्ट्रिक साइकिलें मूल रूप से ऐसी साइकिलें होती हैं, जिनमें एक बैटरी और एक मोटर लगी होती है. ऐसी साइकिलों का इस्तेमाल किसी भी अन्य पारंपरिक साइकिल की तरह किया जा सकता है, जिसमें आगे की ओर पैडल मारने की मांसपेशियों को पावर मिलती है.
नई दिल्ली : आजकल लोगों की दिनचर्या और खान-पान ऐसे हो गए हैं कि डायबिटीज जैसी बीमारी होना आम हो गया है. नियमित शारीरिक व्यायाम टाइप 2 मधुमेह वाले लोगों के लिए बेहद फायदेमंद हो सकती है. नियमित व्यायाम करने के लिए किसी जिम में जाकर पसीना बहाना जरूरी नहीं है. आप छोटे-छोटे उपाय से भी शारीरिक व्यायाम कर सकते हैं. इन्हीं छोटे उपायों में साइकिल चलाना भी शामिल है. एक शोध में यह बात सामने आई है कि अगर आप साइकिल चलाते हैं, तो टाइप 2 डायबिटीज को आप जड़ से समाप्त कर सकते हैं. इसमें इलेक्ट्रिक साइकिल फायदेमंद साबित हो सकती है.
साइकिल चलाने से खुद-ब-खुद हो जाता है शारीरिक व्यायाम
ब्रिस्टल विश्वविद्यालय की ओर से अभी हाल के दिनों में किए गए एक अध्ययन में पाया गया है कि इलेक्ट्रिक साइकिल को पैडल चलाने से मध्यम गति वाला शारीरिक व्यायाम खुद-ब-खुद हो जाता है, जिससे टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. इलेक्ट्रिक साइकिल चलाने से लोगों को मेहनत भी कम करनी पड़ती है और लोगों शारीरिक थकान भी कम होती है. हालांकि, यह बात दीगर है कि डायबिटीज के शिकार लोग अपनी दिनचर्या में शारीरिक व्यायाम के लिए परंपरावादी पुरानी साइकिलों को चलाने में थोड़ी आनाकानी कर सकते हैं. ऐसे में, इलेक्ट्रिक साइकिल उनके लिए बेहतरीन विकल्प हो सकती है.
हृदय संबंधी व्यायाम में भी सहायक है साइकिल
इलेक्ट्रिक साइकिलें मूल रूप से ऐसी साइकिलें होती हैं, जिनमें एक बैटरी और एक मोटर लगी होती है. ऐसी साइकिलों का इस्तेमाल किसी भी अन्य पारंपरिक साइकिल की तरह किया जा सकता है, जिसमें आगे की ओर पैडल मारने की मांसपेशियों को पावर मिलती है. जरूरत पड़ने पर बैटरी सहायक पैडलिंग के लिए मोटर को भी पावर प्रदान कर सकती है, जिससे हृदय संबंधी व्यायाम करना आसान हो जाता है.
क्या कहता है कि ब्रिस्टल विश्वविद्यालय का अध्ययन
ब्रिस्टल विश्वविद्यालय का अध्ययन इस बात पर प्रकाश डालता है कि एक इलेक्ट्रिक साइकिल संभावित रूप से लोगों को एक नियमित साइकिल की तुलना में कहीं अधिक प्रेरित कर सकता है. टाइप 2 डायबिटी पर काबू पाने के लिए शारीरिक श्रम करना जरूरी है. अध्ययन में कहा गया है कि हालांकि, बड़ी आबादी में शारीरिक व्यायाम करने की दर काफी कम है. ऐसे में, इलेक्ट्रिक साइकिल को एक ऐसे साधन के रूप में पहचाना गया है, जिसके माध्यम से पारंपरिक साइकिलिंग की कुछ बाधाओं को दूर करते हुए दैनिक जीवन में गतिविधि को शामिल करके शारीरिक व्यायाम को किया जा सकता है.
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डायबिटीज पर काबू करने में इलेक्ट्रिक साइकिल मददगार
टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों के एक छोटे समूह को अध्ययन शामिल किया गया. हालांकि, इन प्रतिभागियों की सटीक संख्या नहीं बताई गई है. अध्ययन के दौरान यह पाया गया कि जिन लोगों को इलेक्ट्रिक साइकिल दी गई, वे पारंपरिक साइकिल वालों की तुलना में इसका उपयोग करने के लिए अधिक उत्सुक थे. अध्ययन से पता चलता है कि खान-पान को नियंत्रित करने या अन्य प्रकार के व्यायाम की तुलना में ई-साइक्लिंग को डायबिटीज पर नियंत्रण पाने का एक आसान तरीका माना जाता है.
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जोड़ों और मांसपेशियों की समस्या को भी दूर करती है साइकिल
अध्ययन में यह भी कहा गया है कि इलेक्ट्रिक साइकिल उन लोगों के लिए भी मददगार साबित हो सकती है, जिन्हें जोड़ों और मांसपेशियों से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ रहा हो. पैडल के माध्यम से साइकिल चलाना उन लोगों के लिए भी फायदेमंद है, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो सकती है. यह तुलनात्मक रूप से लंबी सवारी की अनुमति भी देता है, जो बदले में समान मात्रा में शारीरिक लाभ प्रदान करता है.
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