पेरिस की सड़कों पर 1 सितंबर से नहीं चलेंगे इलेक्ट्रिक स्कूटर, लगेगा बैन! जानें क्या है कारण
एक सितंबर 2023 से पेरिस में इलेक्ट्रिक स्कूटरों पर प्रतिबंध लग जाएगा. फ्रांस की राजधानी पेरिस के मेयर एनी हिडाल्गो ने कहा कि जनता द्वारा सड़कों से इलेक्ट्रिक स्कूटरों को हटाने के लिए मतदान किए जाने के बाद उन्हें यह फैसला लेना पड़ा है.
नई दिल्ली : देश-दुनिया में जहां एक ओर इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए सरकारों की ओर से विभिन्न प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही हैं, वहीं फ्रांस की राजधानी पेरिस में इलेक्ट्रिक स्कूटरों पर इस हफ्ते से प्रतिबंध लगा दिया जाएगा. यह जानकर आपको हैरानी जरूर होगी, लेकिन इसके पीछे के कारणों को जानना भी बेहद जरूरी है कि क्या सही मायने में पेरिस में इलेक्ट्रिक स्कूटरों पर प्रतिबंध लग जाएगा? मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, शुक्रवार यानी एक सितंबर 2023 से पेरिस की सड़कों पर चलने वाले फ्लोटिंग इलेक्ट्रिक स्कूटरों पर प्रतिबंध लग जाएगा. इसके साथ ही, इलेक्ट्रिक स्कूटरों पर प्रतिबंध लगाने वाला पेरिस यूरोप का पहला शहर बन जाएगा. हालांकि, इस कदम से इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रशंसकों को ठेस तो जरूर लगेगी, लेकिन उन लोगों को राहत मिलेगी, जो इनसे काफी परेशानी का सामना कर रहे हैं.
किन इलेक्ट्रिक स्कूटरों पर लगेगा प्रतिबंध
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, एक सितंबर 2023 से पेरिस में इलेक्ट्रिक स्कूटरों पर प्रतिबंध लग जाएगा. फ्रांस की राजधानी पेरिस के मेयर एनी हिडाल्गो ने कहा कि जनता द्वारा सड़कों से इलेक्ट्रिक स्कूटरों को हटाने के लिए मतदान किए जाने के बाद उन्हें यह फैसला लेना पड़ा है. इलेक्ट्रिक स्कूटरों को सड़कों से हटाने को लेकर इस साल के अप्रैल महीने के दौरान पेरिस में जनमत संग्रह कराया गया था. इस दौरान करीब 90 फीसदी लोगों ने इलेक्ट्रिक स्कूटरों को सड़कों से हटाने के पक्ष में मतदान किया था.
ऑपरेटरों को अब भी है सरकार से उम्मीदें
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, पेरिस में इलेक्ट्रिक स्कूटरों को किराए पर दिया जाता है. यहां की जनता ने इन किराए वाले स्कूटरों को सड़कों से हटाने के लिए मतदान में हिस्सा लिया था. इसके बाद मेयर की ओर से उस पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया गया है. हालांकि, इलेक्ट्रिक स्कूटरों के मालिकों को अब भी ये उम्मीद है कि सरकार उनके हक में भी कोई फैसला ले सकती है या फिर कोई योजना पेश कर सकती है. रिपोर्ट में कहा गया है कि पेरिस में इलेक्ट्रिक स्कूटरों से घायल होने या फिर उनसे होने वाली मौतों की संख्या में इजाफा होने के बाद सरकार की ओर से जनमत संग्रह कराने का फैसला किया गया था.
बैन के बावजूद चलेंगे निजी इलेक्ट्रिक स्कूटर
मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, पेरिस में केवल उन इलेक्ट्रिक स्कूटरों पर प्रतिबंध लगाया जाएगा, जिसे कई ऑपरेटरों द्वारा वर्ष 2018 से किराए पर चलाया जा रहा है. हालांकि, इन इलेक्ट्रिक स्कूटरों पर प्रतिबंध लगाए जाने के बावजूद लोग अपने निजी इलेक्ट्रिक स्कूटरों को सड़कों पर दौड़ा सकते हैं. आपको बताते चलें कि पेरिस में जिन इलेक्ट्रिक स्कूटरों पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है, ये एक प्रकार से फ्री-फ्लोटिंग इलेक्ट्रिक स्कूटर हैं. ये दिखने में स्केटबोर्ड जैसा दिखाई देते हैं और इसे इसका ड्राइवर खड़ा होकर चलाता है. कई बार इस किराए के स्कूटर पर दो लोग भी सवार हो जाते हैं, जिसके चलते यह अनियंत्रित होकर दुर्घटनाग्रस्त भी हो जाता है. इसीलिए, अब ये इलेक्ट्रिक स्कूटर लोगों की परेशानी का सबब बन गए हैं.
क्या है विवाद
पेरिस में किराए पर दिए जाने वाले इलेक्ट्रिक स्कूटरों को लेकर विवाद काफी गहरा है. आम तौर पर इसका इस्तेमाल पर्यटकों द्वारा किया जाता है. ये पर्यटक वैसे लोग होते हैं, जिन्हें पेरिस की यातायात व्यवस्था की जानकारी बहुत कम होती है और वे जाने-अनजाने में यातायात नियमों का उल्लंघन करते दिखाई देते हैं. इस वजह से इन इलेक्ट्रिक स्कूटरों से कई बार गंभीर सड़क हादसे भी हो जाते हैं. मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2022 के दौरान पेरिसर में इन इलेक्ट्रिक स्कूटरों से करीब 459 से अधिक सड़क हादसे हुए, जिनमें करीब तीन लोगों की मौत हो गई और कई गंभीर रूप से घायल हो गए. हालांकि, यहां की परिवहन मंत्री क्लेमां ब्युएने इलेक्ट्रिक स्कूटर की पक्षधर हैं और उनका कहना है कि इलेक्ट्रिक स्कूटरों ने कम से कम 20 फीसदी ऐसी यात्राओं को कम कर दिया है, जो जीवाश्म ईंधन वाले वाहनों से तय की जाती रही हैं. वहीं, इसके विरोधियों का कहना है कि इन स्कूटरों की बैटरी करीब तीन साल तक चलती है. इनका इस्तेमाल अक्सर वे लोग करते हैं, जो पहले या तो पैदल जाते थे या फिर साइकिल और सरकारी परिवहन व्यवस्था का इस्तेमाल किया करते थे.
प्रतिबंध का नुकसान
अब जबकि पेरिस में किराए वाले इलेक्ट्रिक स्कूटरों पर एक सितंबर से प्रतिबंध लग जाएगा, तो पर्यटकों के साथ-साथ उन लोगों की परेशानियां बढ़ जाएंगी, जो अपने काम जाने के लिए इनका इस्तेमाल किया करते थे. प्रतिबंध लगने के बाद एक बार फिर उन्हें पैदल जाना पड़ेगा या फिर साइकिल और सरकारी परिवहन व्यवस्था पर निर्भर होना पड़ेगा. ऐसे में, सरकार को पेरिस में आने वाले पर्यटकों, काम पर जाने वाले कर्मचारियों और गरीब तबके के लोगों के लिए एक बार फिर सरकारी परिवहन व्यवस्था के तहत बसों और अन्य वाहनों के इंतजाम के लिए पैसे खर्च करने पड़ेंगे.