दुनिया के सबसे अमीर कारोबारी Elon Musk ने अपने कर्मचारियों से कहा- ऑफिस लौटें या छोड़ दें काम

विस्तार से किये गये ई-मेल में एलन मस्क ने अपने कर्मचारियों से कहा है कि ऑफिस का मतलब टेस्ला का मेन ऑफिस है. कोई रिमोट ब्रांच ऑफिस नहीं, जहां जाकर कोई अपना काम कर ले.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 1, 2022 5:27 PM
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इलेक्ट्रिक वाहन बनाने वाली कंपनी टेस्ला (Tesla) के मालिक और दुनिया के सबसे अमीर कारोबारी एलन मस्क (Elon Musk) ने अपने कर्मचारियों को अल्टीमेटम दे दिया है. मस्क ने कड़े लहजे में कहा है कि लोग ऑफिस आकर काम करना शुरू करें. अगर उन्हें वर्क फ्रॉम होम ही करना है, तो कम से कम 40 घंटे दफ्तर में बिताने होंगे. एलन मस्क ने लिखा है- रिमोट वर्क इज नो लांगर एक्सेप्टेबल.

ऑफिस का मतलब टेस्ला का मेन ऑफिस

विस्तार से किये गये ई-मेल में एलन मस्क ने अपने कर्मचारियों से कहा है कि ऑफिस का मतलब टेस्ला का मेन ऑफिस है. कोई रिमोट ब्रांच ऑफिस नहीं, जहां जाकर कोई अपना काम कर ले. उदाहरण के लिए, अगर कोई फ्रीमोंट फैक्ट्री ह्यूमन रिलेशन के लिए जिम्मेदार है, लेकिन वह किसी अन्य राज्य में स्थित कार्यालय से काम कर रहा है, तो उसे अपने फ्रीमोंट फैक्ट्री में आकर काम करना होगा.

ऑफिस नहीं आना चाहते, तो कहीं और काम करने को स्वतंत्र हैं

मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि यह ई-मेल एलन मस्क ने ही किया है, लेकिन इसमें कहा गया है कि अगर कोई ऑफिस में आकर काम करने का इच्छुक नहीं है, तो वह कहीं और काम करने के लिए स्वतंत्र है.

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एलन मस्क की कुछ कहानियां

  • यह पहला मौका नहीं है, जब मस्क का अपने कर्मचारियों के प्रति ऐसा व्यवहार सामने आया है. दो सप्ताह पहले जब एलन मस्क ट्विटर इंक को खरीदने वाले थे, तब सिलिकॉन वैली के एक उद्यमी कीथ रबोइस ने मस्क के स्टार्टअप के दिनों की एक कहानी साझा की थी. कीथ ने कहा था कि एक बार स्पेस एक्सप्लोरेशन टेक्नोलॉजीज कॉर्पोरेशन में एलन मस्क ने कॉफी के लिए लाइन में खड़े इंटर्नस को घूरते हुए उन्हें देखा था.

  • मस्क के लिए यह उत्पादकता में बाधा थी. एलन मस्क को पेपाल होल्डिंग्स इंक के दिनों से जानने वाले कीथ रबोइस ने कहा कि उन्होंने सभी इंटर्न्स को धमकी दी कि अगर फिर से ऐसा हुआ, तो सभी को नौकरी से निकाल बाहर करेंगे. इसके बाद मस्क ने सिक्यूरिटी कैमरे लगवा दिये, ताकि कंपनी लोगों की निगरानी कर सके.

  • शंघाई में स्थित टेस्ला की अपनी फैक्ट्री की भी कहानी कम दिलचस्प नहीं है. वहां हजारों कामगारों को महीनों एक तरह से बंद करके रखा गया था. 12 घंटे के शिफ्ट में उनसे काम लिया जा रहा था. सप्ताह में 6 दिन. हाल ही में देखा गया कि कुछ लोग फर्श पर सो रहे हैं, ताकि कोरोना की कंपनी में एंट्री न हो सके और कार का उत्पादन लगातार जारी रहे.

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