बजट में EV सेक्टर को मिलेगी सौगात! बैटरी पर GST में छूट और बढ़ सकती है फेम-III सब्सिडी
इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग के अंदर लागत-प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के लिए यह क्षेत्र ईवी स्पेयर पार्ट्स के आयात पर कम लेवी की भी तलाश कर रहा है. पिछले बजट में ईवी पार्ट्स पर सीमा शुल्क में कटौती ने स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा दिया और 2024 के बजट में इसी तरह के संशोधन की उम्मीद है.
नई दिल्ली: इलेक्ट्रिक वाहन बनाने वाली कंपनियों और ग्राहकों के लिए एक खुशखबरी है और वह यह कि 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए संसद में पेश होने वाले अंतरिम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए टैक्स में छूट का ऐलान कर सकती हैं. मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) क्षेत्र कई टैक्स और सब्सिडी में संशोधनों और अनुकूल नीतियों पर जोर दे रहा है, ताकि इस क्षेत्र में तेजी देखी जा सके. ईवी कंपनियों का सबसे प्रमुख अनुरोध कराधान के मामले में समान अवसर लाने का है. विशेष रूप से ईवी बैटरियों पर लगाए गए उच्च माल और सेवा कर (जीएसटी) है, जो पहले से ही इलेक्ट्रिक वाहन की तुलनात्मक रूप से उच्च अग्रिम लागत का एक बड़ा हिस्सा बनाते हैं.
बैटरी पर 13 फीसदी जीएसटी घटाने की मांग
ईवी इकोसिस्टम डेवलपर टेरा मोटर्स इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अखिरो उएदा ने कहा कि बैटरी पर लगने वाले जीएसटी को 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी के स्लैब में शामिल कर देने पर ईवी उपभोक्ताओं के लिए गाड़ियां काफी किफायती हो जाएंगी. इसके साथ ही, गाड़ियों की कीमतों में कमी आते ही उसकी बिक्री भी बढ़ जाएगी. उन्होंने कहा कि जीएसटी दरों में संशोधन करने का अधिकार जीएसटी परिषद के पास है, न कि वित्त मंत्रालय के पास. लेकिन, उद्यमियों को इस बात की उम्मीद है कि आगामी बजट भाषण इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र के लिए काफी उत्साहजनक होगा.
बजट में ईवी स्पेयर पार्ट्स के आयात पर कम लेवी की उम्मीद
इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर प्लेटफॉर्म ईबाइकगो के सह-संस्थापक और मुख्य परिचालन अधिकारी हरि किरण ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग के अंदर लागत-प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के लिए यह क्षेत्र ईवी स्पेयर पार्ट्स के आयात पर कम लेवी की भी तलाश कर रहा है. पिछले बजट में ईवी पार्ट्स पर सीमा शुल्क में कटौती ने स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा दिया और 2024 के बजट में इसी तरह के संशोधन की उम्मीद है.
फेम-II सब्सिडी में विस्तार की उम्मीद
उद्योग को फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (फेम-II) सब्सिडी के विस्तार की भी उम्मीद है, जो 31 मार्च को समाप्त होने वाली है. सब्सिडी ईवी के घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहित करती है और कुल 12.16 लाख से अधिक इलेक्ट्रिक वाहनों को राहत प्रदान करती है. सरकार ने फेम-II सब्सिडी पर दिसंबर 2023 तक 5,422 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है और प्रस्तावित फेम-III सब्सिडी पर अभी काम किया जा रहा है.
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फेम-III सब्सिडी पर पांच साल में 30,000 करोड़ रुपये खर्च
मध्यम और भारी इलेक्ट्रिक ट्रक ओईएम ट्रेसा मोटर्स के संस्थापक और सीईओ रोहन श्रवण ने कहा कि फिक्की के प्रस्ताव के अनुसार, फेम-III पर अगले पांच वर्षों में 30,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च होने का अनुमान है. यह नई योजना ईवी उद्योग को और बढ़ावा दे सकती है और भारत में ईवी अपनाने की गति को जारी रख सकती है. उन्होंने कहा कि हमारा अनुरोध ईवी कम्पोनेंट निर्माताओं के साथ-साथ फेम-III में भी शामिल करना होगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हम मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) के लिए चीन से सीधे खरीद और यहां असेंबल करने के सभी रास्ते बंद कर सकें.
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पीएलआई योजनाओं के विस्तार की मांग
फेम के साथ-साथ इस क्षेत्र के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इन्सेंटिव (पीएलआई) योजनाओं ने भी पिछले कुछ वर्षों में घरेलू विनिर्माण प्रयासों को प्रोत्साहित किया. टेरा मोटर्स के उएडा ने कहा कि यह सबके लिए फायदेमंद होगा कि यदि आगामी बजट में पीएलआई योजनाओं के दायरे का विस्तार करने का प्रावधान हो, जो विनिर्माण की समग्र मांग को बढ़ा सके और जिससे प्रोत्साहनों का प्रभावी उपयोग सुनिश्चित हो सके.
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