New VPN Rules: ExpressVPN ने किया भारत में अपना सर्विस बंद, जानिए क्या कहते हैं नए नियम

भारत में नए VPN नियमों के आने के बाद ExpressVPN ने भारत में अपने सर्विसेज को बंद कर दिया है. कुछ दिन पहले इसी तरह NordVPN ने भी भारत में अपनी सर्विसेज बंद कर दी थी. CERT-In के नए नियमों के बाद इन दोनों कंपनियों को भारत में अपने सर्विसेज को बंद करना पड़ा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 5, 2022 2:04 PM

New VPN Rules India: भारत में कुछ दिन पहले नए IT रूल्स लागू किये गए थे. इन रूल्स के आने के बाद भारत में VPN का फ्यूचर खतरे में दिखाई दे रहा है. इन नए नियमों के आने के बाद ExpressVPN ने भारत में अपनी सर्विसेज बंद कर दी है. ExpressVPN दुनियाभर में मौजूद प्रमुख VPN प्रोवाइडर्स में से एक है. कंपनी ने अपने बयान में कहा कि उन्होंने भारत में अपनी सर्विसेज को बंद करने का फैसला कर लिया है. लेकिन, यूजर्स भारत में मौजूद सर्वर्स से खुद को कनेक्ट कर सकेंगे। जो भी यूजर भारतीय सर्वर से कनेक्ट होना कहते हैं UK या Singapur के सर्वर की मदद से भारतीय सर्वर से कनेक्ट कर सकेंगे. ExpressVPN से पहले NordVPN ने भारत में अपनी सर्विसेज बंद कर दी थी.

क्यों इंडियन मार्केट को छोड़ कर जा रही हैं कंपनियां

अप्रैल 2022 को CERT-In (Indian Computer Emergency Response Team) ने एक एडवाइजरी जारी की थी जिसके मुताबिक हर VPN सर्विस प्रोवाइडर को यूजर्स के डेटा को कम से कम 5 साल तक के लिए संभाल के रखना होगा. CERT-In मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के अंतर्गत काम करने वाली एक एजेंसी है.नयी एडवाइजरी के मुताबिक VPN प्रोवाइडर्स को यूजर्स से जुड़ी सभी डीटेल्स जैसे उनके नाम, IP अड्रेस और ऑनलाइन बेहेवियर जैसे डेटा को संभाल के अपने पास रखना होगा। VPN सर्विस प्रोवाइडर्स ने सरकार के इस फैसले का विरोध करना चाहा लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हो सका.

ExpressVPN ने क्या कहा इस बारे में

ExpressVPN ने इस विषय में बात करते हुए कहा कि ये जो नए नियम हैं उन्हें साइबर क्राइम से लड़ने के लिए तैयार किया गया है. लेकिन ये VPN सर्विस प्रोविडेंस के लिए सही नहीं है क्योंकि, VPN को बनाया ही गया है यूजर्स के ऑनलाइन एक्टिवटी को प्राइवेट रखने के लिए. ExpressVPN ने अपने ब्लॉग के जरिये इस बात की जानकारी दी और उस ब्लॉग में बताया कि “भारत में इंट्रोड्यूस किये गए डेटा लॉ की वजह से VPN सर्विस प्रोवाइडर्स को यूजर्स का डेटा 5 साल तक सेव करके रखना होगा और इसीलिए उनहोने भारत में अपनी सर्विसेज को बंद करने का फैसला किया है”.

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