Facebook, Social media, US Elections: फेसबुक का बहुप्रतीक्षित निगरानी बोर्ड अक्टूबर से काम करने लगेगा. यह बोर्ड तय करेगा कि फेसबुक के मंच पर क्या किसी विशिष्ट तरह की सामग्री को रखा जाना चाहिए अथवा नहीं.
सोशल मीडिया कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मार्क जुकरबर्ग ने दो साल पहले इस तरह के अर्ध-स्वतंत्र बोर्ड की स्थापना किये जाने की घोषणा की थी. गलत सूचनाओं, अभद्र भाषा (हेट स्पीच) और दुर्भावनापूर्ण बढ़ाने वाले अभियानों को हटाने की दिशा में पर्याप्त तेजी से काम नहीं कर पाने को लेकर कड़ी आलोचना के बाद उन्होंने यह घोषणा की थी.
फेसबुक ने एक बयान में कहा, हम अभी तैनात नयी तकनीकी प्रणालियों का परीक्षण कर रहे हैं, जो उपयोगकर्ताओं को अपील करने और बोर्ड को मामलों की समीक्षा करने की सुविधा देंगी. बोर्ड ने कहा कि यदि ये परीक्षण योजना के हिसाब से आगे बढ़े तो वह अक्टूबर के अंत तक उपयोक्ताओं की अपील को स्वीकार करना व मामलों की समीक्षा करना शुरू कर देगा. इससे पहले बोर्ड के 2020 की शुरुआत में ही परिचालन प्रारंभ कर देने की उम्मीदें थीं, लेकिन कुछ कारणों से इसमें देरी हुई.
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बोर्ड ने कहा, एक ऐसी प्रक्रिया का निर्माण करना, जो पूरी तरह से सैद्धांतिक और विश्व स्तर पर प्रभावी हो, इसमें समय लगता है और हमारे सदस्य जल्द से जल्द परिचालन प्रारंभ करने के लिए आक्रामक तरीके से काम कर रहे हैं. यह बोर्ड 20 सदस्यों का एक बहुराष्ट्रीय समूह है, जिसमें कानूनी विद्वान, मानवाधिकार विशेषज्ञ और पत्रकार शामिल हैं. बोर्ड के फैसले और कंपनी की प्रतिक्रियाएं सार्वजनिक होंगी.