Facebook Users Data Hacked and Sold: फेसबुक एक फिर यूजर्स की प्राइवेसी और डेटा को लेकर सवालों के घेरे में आ गया है. हाल ही में फेसबुक डेटा डार्क वेब पर बेचे जाने की जानकारी सामने आयी है.
एक नये सिक्योरिटी रिसर्च में दावा किया गया है कि 267 मिलियन (26 करोड़ 70 लाख) यूजर्स का डेटा लीक हुआ है और इस डेटा को केवल 540 डॉलर (लगभग 41,000 रुपये) में डार्क वेब पर बेचा गया है.
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लीक हुए डाटा में यूजर्स के नाम, फेसबुक आईडी नंबर, उम्र और मोबाइल नंबर जैसे डाटा शामिल हैं, हालांकि लीक डाटा में पासवर्ड होने की पुष्टि अभी तक नहीं हुई है. इन डाटा का इस्तेमाल फिशिंग अट्रैक और स्पैम ई-मेल के लिए किया जा सकता है. साइबर सिक्योरिटी फर्म साइबल ने बताया है कि उनके रिसर्चर ने सेल की जानकारी हासिल की है. इतना ही नहीं, वह डेटा डाउनलोड और वेरिफाई करने में सक्षम हैं.
बताते चलें कि कुछ सालों पहले कैंब्रिज एनालिटिका डेटा लीक सामने आने के बाद से फेसबुक यूजर्स की प्राइवेसी को लेकर सवालों के घेरे में रहा है. इसी तरह दिसंबर 2019 में भी एक रिपोर्ट से करोड़ो यूजर्स के डेटा चोरी होने की खबर सामने आयी थी.
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नयी रिपोर्ट साइबल के जरिये सामने आयी है, जिसने रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया है यूजर्स के पासवर्ड तो नहीं लेकिन इस बार यूजर के जन्म तिथि, ईमेल आईडी, नाम और फोन नंबर लीक हुए हैं.
फेसबुक यूजर्स का डाटा एलास्टीसर्च सर्वर पर मौजूद है. इसके अलावा डाटा को हैकर्स फोरम पर भी अपलोड किया गया है. कहा जा रहा है कि फेसबुक यूजर्स का यह डाटा थर्ड पार्टी ऐप और कैशे-कुकीज के जरिये लीक हुआ है. वहीं साइबल के शोधकर्ताओं ने वेरिफिकेशन के लिए डाटा को खरीदा भी है.
आप amibreached.com पर ई-मेल आईडी डालकर चेक कर सकते हैं कि आपका डाटा लीक हुआ है या नहीं. इस डाटा लीक पर फेसबुक की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.
बहरहाल, रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है कि उन्हें अभी तक इस बात की जानकारी नहीं मिली है कि डेटा आखिर सबसे पहले लीक कैसे हुआ. डेटा थर्ड पार्टी एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस के जरिये लीक हुआ या इसके पीछे का कारण कुछ और ही है, यह बात फिलहाल स्पष्ट नहीं है.
रिसचर्स ने बताया है कि हैकर्स ने पासवर्ड को एक्सेस नहीं किया है, इसका मतलब यूजर्स के पासवर्ड अभी सुरक्षित हैं. यूजर्स को सलाह दी जा रही है कि वे अनजाने सोर्स से आने वाले किसी भी ईमेल को खोलने से बचें.