कोरोना संकट के बीच Fake News ने भी बनाया रिकॉर्ड, फेसबुक पर 380 करोड़ लोगों ने देखीं झूठी हेल्थ की खबरें
Health News, facebook, Fake News, covid19, Coronavirus : फेक स्वास्थ्य कंटेट (Fake Health News) पर पिछले एक साल में करीब 380 करोड़ से ज्यादा फेसबुक व्यू मिले है. कोविड-19 (Covid19) के दौरान इसमें लगातार वृद्धि देखने को मिल रही है. एडवोकेट समूह अवाज ने अपनी नयी रिपोर्ट में यह खुलासा किया है और फेसबुक पर फेक हेल्थ न्यूज को पहुंचाने का जरिया बताया है.
Health News, facebook, Fake News, covid19, Coronavirus : फेक स्वास्थ्य कंटेट (Fake Health News) पर पिछले एक साल में करीब 380 करोड़ से ज्यादा फेसबुक व्यू मिले है. कोविड-19 (Covid19) के दौरान इसमें लगातार वृद्धि देखने को मिल रही है. एडवोकेट समूह अवाज ने अपनी नयी रिपोर्ट में यह खुलासा किया है और फेसबुक पर फेक हेल्थ न्यूज को पहुंचाने का जरिया बताया है.
रिपोर्ट में पाया गया कि 10 ‘सुपरस्प्रेडर’ वेबसाइटों ने स्वास्थ्य की गलत जानकारी सबसे ज्यादा साझा की है. जिसमें फेसबुक भी शामिल है. इस रिपोर्ट के मुताबिक इन 10 प्रमुख स्वास्थ्य संस्थान जैसे- विश्व स्वास्थ्य संगठन और रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्रों की साइटों के समकक्ष कंटेंट को फेरबदल कर या फैक्ट्स में बदलाव कर, कई साइट्स ने अपने यूजर्स के सामने फेसबुक के माध्यम से परोसे है. कोविड-19 के दौरान फेक न्यूज से जुड़ी हर Latest News in Hindi से अपडेट रहने के लिए बने रहें हमारे साथ.
आपको बता दें कि सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी फेसबुक, गलत सूचनाओं पर अंकुश लगाने के लिए दबाव में पहले से ही है. ऐसे में कोरोना काल के दौरान फेक स्वास्थ्य सूचनाओं से लोगों का भरोसा फेसबुक में शेयर न्यूज से उठ रह है. हालांकि, कंपनी ने पहले से ही इसपर कार्रवाई शुरू कर दी है. कोरोनवायरस वायरस के प्रकोप के बारे में गलत सूचना निकालना शुरू कर दिया था ताकि इससे लोगों को कोई नुकसान न हो. इसके लिए फेसबुक तमाम कोशिशें की जा रही है. सभी फेक कंटेंट का फैक्ट चेक और रिमूव करने का काम जारी है.
वहीं, अवाज अभियान के निदेशक फादी कुरान की मानें तो कोरोना महामारी के दौरान विश्वसनीय जानकारी प्रदान करने का वादा करने वाले मार्क जकरबर्ग ने गलत सूचनाओं को अपने नेटवर्क से साझा होने दिया है. उनके फेसबुक एल्गोरिथ्म यही दर्शा रही है. करीब 2.7 बिलियन उपयोगकर्ताओं में से कई को स्वास्थ्य की गलत सूचनाएं फैलाने का काम फेसुबक नेटवर्क ने ही किया है.
इसपर फेसबुक कंपनी की प्रवक्ता ने कहा कि हमारे माध्यम से गलत जानकारियां साझा हो रही है, मैं अवाज की बात से सहमत हूं. लेकिन, अवाज की रिपोर्ट में यह नहीं दिया गया है कि फेक न्यूज के रोकथाम के लिए हमने क्या कदम उठाए है. दरअसल, हमारी टीम लगातार गलत सूचनाओं को फैलाने से रोकने के कदम उठा रही है.
उन्होंने आगे कहा कि हम अपने वैश्विक फैक्ट-चेकर्स नेटवर्क को धन्यवाद देते हैं. उनके प्रयास से हमनें अप्रैल से जून तक कोविड-19 से संबंधित बड़ी मात्रा में गलत सूचनाओं को रोकने में कामयाबी पायी है. करीब 98 मिलियन को चेतावनी जारी की गयी है. 7 मिलियन कंटेंट को हटा दिया गया है जिससे यूजर्स को नुकसान हो सकता था. इसके अलावा 2 अरब से अधिक लोगों को गलत सूचना नहीं फैलाने का निर्देश भी जारी किया गया है. उन्होंने कहा कि जब कोई संस्थान कोविड-19 से जुड़ी सही लिंक साझा करता है तो हम उन्हें विश्वसनीय स्वास्थ्य जानकारी का पॉप-अप दिखाते हैं.
हालांकि, अवाज की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि तथ्य-जांचकर्ताओं ने बार-बार चेतावनी लेबल जारी किया है जब उन्हें कोई सूचना गलत नजर आयी है.
Note : उपरोक्त जानकारियां अंग्रेजी वेबसाइट गैजेट्स नाऊ में छपी रिपोर्ट पर आधारित हैं.
Posted By : Sumit Kumar Verma
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.