FASTag Scam: फास्टैग के बारे में तो हम सभी जानते हैं. यह एक सुविधा है. कहीं दूर ट्रैवल के दौरान हम अपने FASTag को रीचार्ज करा लेते हैं. FASTag में पैसे होने से हमें टॉल प्लाजा पर अनावश्यक रुकना नहीं पड़ता. इसके मदद से हम टोल बूथ पर ऑटोमैटिकली भुगतान कर सकते हैं. इस सर्विस को सरकार ने फरवरी 2021 से अनिवार्य कर दिया था. लेकिन, पिछले कुछ दिनों से इससे जुड़ा एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो में एक बच्चे को स्मार्टवॉच की मदद से FASTag अकाउंट को खाली करते हुए दिखाया गया है. क्या है इस वीडियो की सच्चाई? आइए जानें-
वायरल वीडियो की बात करें तो उसमें एक छोटे बच्चे के द्वारा उसके स्मार्टवॉच की मदद से Fastag Sticker को स्कैन करते हुए दिखाया गया है. ऐसा दावा किया जा रहा है कि यह बच्चा कार साफ करने के बहाने स्मार्टवॉच के जरिये कार मालिक के फास्टैग अकाउंट से पैसे चुरा रहा है. बताया जा रहा है कि बच्चे के स्मार्टवॉच में इनबिल्ट स्कैनर लगा हुआ है, जिसकी मदद से वह ऐसा कर पा रहा है. वायरल वीडियो की मानें तो स्मार्टवॉच से स्कैन करते ही उनके E-Wallet, Fastag और Paytm से पैसे खुद-ब-खुद कट जाते हैं.
भारत सरकार की प्रेस एजेंसी Press Information Bureau यानी PIB ने इस वायरल वीडियो की सच्चाई बताई है. PIB ने बताया कि वीडियो में जैसा दावा किया जा रहा है कि बच्चे के हाथ में बंधी घड़ी फास्टैग स्कैन करने के लिए है, वो दरअसल पूरी तरह से गलत है. इस तरह की ट्रांजैक्शन बिल्कुल नहीं हो सकती है. हर टोल प्लाजा का अपना एक अलग यूनिक कोड होता है.
Paytm ने इस बारे में सफाई देते हुए इस वायरल वीडियो को फेक करार दिया है. साथ ही Paytm ने यह भी कहा की FASTag टेक्नोलॉजी के साथ किसी भी तरह की छेड़खानी नहीं की गयी है. Twitter पर कंपनी ने अपना बयान देते हुए बताया कि इस वीडियो में FASTag Paytm के बारे में गलत सूचना फैलाई जा रही है और स्मार्टवॉच से स्कैन करके FASTag से पैसे नहीं निकाले जा सकते. FASTag का इस्तेमाल करना पूरी तरह से सुरक्षित है.
NETC ( National Electronic Toll Collection) की मानें तो FASTag पर भुगतान करने के दौरान कई तरह के परीक्षण के बाद केवल अधिकृत व्यापारियों द्वारा ही इसका इस्तेमाल किया जा सकता है. NETC ने भी इसे पूरी तरह से सुरक्षित बताया है.