17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

IRTE ने दिल्ली में ट्रैफिक रूल्स के टूटने के पीछे रोड इंजीनियरिंग को ठहराया जिम्मेदार, जानें क्यों?

दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट की समिति के निर्देशों का पालन करते हुए जुर्माना वसूलने में जुट गई और वर्ष 2017 में उसने करीब 64.8 करोड़ रुपये जुर्माना से कलेक्ट किए. लेकिन, इसी दौरान सड़क हादसों में मृत्यदर बढ़कर 1584 तक पहुंच गई. इस ओर उसका ध्यान नहीं गया.

नई दिल्ली : भारत की राजधानी दिल्ली में यातायात नियमों के उल्लंघन के पीछे सड़क यातायात शिक्षा संस्थान (आईआरटीई) ने रोड इंजीनियरिंग और पर्यावरण को ठहराया है. आईआरटीई के एक अध्ययन में कहा गया है कि दिल्ली में वाहन चालकों द्वारा यातायात नियमों का उल्लंघन किया जाता है, उसमें 25 फीसदी दोषपूर्ण रोड इंजीनियरिंग और पर्यावरण के कारण हुए. इंटरनेशनल रोड फेडरेशन (आईआरएफ) का कराए गए ‘ट्रैफिक मैनेजमेंट एंड प्रीजेंटिंग केस स्टडी ऑफ एनसीटी दिल्ली’ को पेश करते हुए आईआरटीई के अध्यक्ष रोहित बलूजा ने कहा कि यातायात पुलिस दिल्ली-एनसीआर समेत देश के कई हिस्सों में ड्राइविंग लाइसेंस, प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र और अन्य संबंधित दस्तावेजों और उपकरणों के नहीं होने को आधार पर चालान कर रही है, लेकिन उसका फोकस यह होना चाहिए कि यातायात पुलिस ट्रैफिक को कंट्रोल करने और नियमों के उल्लंघन को लेकर आज वह जो कुछ कर रही है, क्या वह सही है? क्या यह उसका तरीका आसान नहीं है?

जुर्माना लगाने और वसूले से सड़क हादसों में नहीं होती कमी

आईआरटीई के अध्यक्ष रोहित बलूजा ने आगे का सड़क सुरक्षा पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से वर्ष 2017 में गठित एक समिति ने पूरे भारत में पुलिस विभाग के अधिकारियों को हाईस्पीड से गाड़ी चलाने, रेड लाइट जंप करने, गाड़ी चलाते समय मोबाइल फोन पर बात करने, रॉन्ग साइड से ड्राइविंग को खतरनाक बताते हुए जुर्माना की रकम बढ़ाने का निर्देश दिया था. दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट की समिति के निर्देशों का पालन करते हुए जुर्माना वसूलने में जुट गई और वर्ष 2017 में उसने करीब 64.8 करोड़ रुपये जुर्माना से कलेक्ट किए. लेकिन, इसी दौरान सड़क हादसों में मृत्यदर बढ़कर 1584 तक पहुंच गई. इस ओर उसका ध्यान नहीं गया. उन्होंने कहा कि वर्ष 2021 में दिल्ली यातायात पुलिस ने जुर्माने से करीब 493 करोड़ रुपये वसूले. हालांकि, इस साल भीषण सड़क हादसों में मरने वालों की संख्या घटकर 1230 तक पहुंच गई. सड़क हादसों में मरने वाले लोगों की संख्या में कमी कोरोना महामारी और उस दौरान लगने वाले लॉकडाउन और कर्फ्यू की वजह से दर्ज की गई. उन्होंने कहा कि महामारी ने इस मिथक को तोड़ दिया कि जुर्माना लगाने और जुर्माने की राशि वसूलने से सड़क दुर्घटनाओं में कमी आती है. उन्होंने कहा कि सड़क हादसों के पीछे रोड इंजीनियरिंग के साथ अन्य कारकों को भी जोड़ना चाहिए.

यातायात उल्लंघन के तत्वों को समझने के लिए पुलिस को ट्रेनिंग देना जरूरी

रोहित बलूजा ने आगे कहा कि आज रोड और ट्रैफिक इंजीनियरिंग को जाने-समझे बिना सड़क सुरक्षा में सुधार करने का प्रयास किया जा रहा है, जो ड्राइविंग के लिए आवश्यक है. उन्होंने कहा कि यातायात उल्लंघन के तत्वों को समझने के लिए पुलिस को बुनियादी प्रशिक्षण देने की जरूरत है. इसके साथ ही, वाहन चालकों को सड़कों के किनारे लगे प्रतीक चिह्नों के बारे में जागरूक करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि जब समग्र तरीके से सुधारात्मक उपाय नहीं किए जाते, तब तक ऐसी परिस्थितियों में सड़क सुरक्षा को लेकर कुछ भी करना बेमानी है.

सड़क हादसों में होने वाली मौतें कैसे होगी कम

इंटरनेशनल रोड फेडरेशन (आईआरएफ) के एमेरिट्स अध्यक्ष केके कपिला ने कहा कि दुनियाभर में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में से 11 फीसदी सड़क हादसे भारत में होते हैं. इसके साथ ही, भारत ने वर्ष 2030 तक सड़क हादसों में 50 फीसदी तक कमी लाने के लिए संयुक्त राष्ट्र की घोषणा पर हस्ताक्षर भी किए हैं. हालांकि, केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने संयुक्त राष्ट्र के इस लक्ष्य वर्ष को घटाकर 2025 कर दिया है. भारत में होने वाले सड़क हादसों में होने वाली मौतों को कम करने के लिए आईआरएफ रोड और वाहन इंजीनियरिंग, शिक्षा, प्रवर्तन, आपातकालीन सेवाओं और सड़क सुरक्षा पर अपना ध्यान केंद्रित कर रहा है.

Also Read: रोड सेफ्टी टिप्स : बचपन से ही बच्चों को सिखाएं यातायात नियम, सरकार ने दो साल पहले ही बना दिया है ये कानून

दिल्ली में नजर नहीं आते सड़क पर लगे संकेतक

केके कपिला ने कहा भारत में वाहन चालक सड़क संकेतकों को हल्के में लेते हैं या उसे नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन दिल्ली में सड़क संकेतक नजर ही नहीं आते. उन्होंने कहा कि दिल्ली में सड़क संकेतक दिखाई ही नहीं देते. कहीं पर वे छिपे हैं, तो कहीं पर गायब हैं और कहीं पर तो गलत सड़क संकेतक लगाए गए हैं. उन्होंने कहा कि हालांकि, रोड इंजीनियरिंग के तहत सड़कों पर लगाए जाने संकेतक, प्रतीक चिह्न, सड़क जंक्शनों के लेआउट में मामूली परिवर्तन सड़क हादसों को कम करने में काफी मददगार साबित होते हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें