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The Beast: किले जैसी सुरक्षा,छूने पर करंट और बम का निकलता है दम ऐसी है US राष्ट्रपति जो बाइडन की ‘द बीस्ट’ कार

The Beast भारत की अध्यक्षता में दिल्ली में आयोजित होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ उनकी खास कार ‘द बीस्‍ट’ भी भारत आएगी. जो बाइडन ‘द बीस्‍ट’ कार में सफर करते हैं, जो अपने आप में एक टैंक की तरह होती है. इस कार पर बम को भी कोई असर नहीं होता है.

नई दिल्ली : भारत की राजधानी दिल्ली में आठ से 10 सितंबर तक जी-20 शिखर सम्मेलन आयोजित होने जा रहा है. भारत अध्यक्षता में आयोजित होने वाले शिखर सम्मेलन में अमेरिका, चीन और जापान समेत समूह-20 के सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष शामिल होंगे. खबर है कि दिल्ली में आयोजित होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन भी आने शामिल होंगे. सबसे बड़ी बात यह है कि जो बाइडन के साथ उनकी कार ‘द बीस्ट‘ (The Beast) भी दिल्ली आने वाली है, जो इस समय काफी चर्चा में है. आखिरकार, उसकी चर्चा हो भी क्यों नहीं? उसमें सिक्योरिटी फीचर्स ऐसे हैं कि आप सुन-पढ़कर ही अचंभित होने के लिए मजबूर हो जाएंगे. मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की ‘द बीस्ट’ कार में किले जैसी सुरक्षा, किसी ने छुआ तो 120 वोल्ट के करंट का झटका और इस कार तक पहुंचने के बाद बम का दम भी निकल जाता है. तो आइए, जानते हैं, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की हाई सिक्योरिटी वाली कार के बारे में…

टैंक की तरह होती है ‘द बीस्ट’ कार

मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, भारत की अध्यक्षता में दिल्ली में आयोजित होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ उनकी खास कार ‘द बीस्‍ट’ भी भारत आएगी. जो बाइडन ‘द बीस्‍ट’ कार में सफर करते हैं, जो अपने आप में एक टैंक की तरह होती है. इस कार पर बम को भी कोई असर नहीं होता है. यही नहीं यह कार बम के गोले या हमलावर ड्रोन की तत्‍काल पहचान करने में सक्षम है.

बैलिस्टिक स्‍टील से 10 गुना मजबूत होती है ‘द बीस्ट’ कार

रिपोर्ट के अनुसार, ‘द बीस्‍ट’ एक बुलेट प्रूफ कार है और इसकी क्षमता 1000 पाउंड तक की है. ‘द बीस्‍ट’ बैलिस्टिक स्‍टील के मुकाबले 10 गुना ज्यादा मजबूत होती है. इस कार में दरवाजे और शीशे समेत किसी भी हिस्से में गोली नहीं धंस सकती, क्योंकि इसकी बैलिस्टिक ग्‍लास विंडो होती हैं. बैलिस्टिक ग्लास विंडो बंदूक की गोलियों के असर को पूरी तरह से बेकार करने में सक्षम होती है. इस कार में एक्‍सटर्नल माइक्रोफोन के साथ एक कम्‍युनिकेशंस सेंटर भी होता है. इसकी मदद से राष्ट्रपति समेत अन्य सुरक्षाकर्मी खिड़की नीचे किए बिना या दरवाजे को खोले बिना बाहर की आवाजें आसानी से सुन सकते हैं.

कार के दरवाजे का हैंडल छूते ही लगता है करंट

इतना ही नहीं, अगर कोई हमलावर ‘द बीस्ट’ के बेहद करीब पहुंचने में सफल भी हो जाता है, तो वह दरवाजे को कभी खोलने में कामयाब नहीं हो पाएगा. इसका कारण यह है कि इसे हैंडल को छूते ही उसे करीब 120 वोल्ट जैसा जोरदार करंट लगेगा. कार के अंदर एक स्विच फ्लिप करने पर हमलावर को झटका लगता है. इसका इलेक्ट्रिक शॉक सिस्टम कार की 12 वोल्ड बैटरी पावर को 120 वोल्ट करंट में बदल देता है, जिसे सीधे तांबे के तार के जरिए दरवाजे के हैंडल में सप्लाई कर देता है.

पीछा करने वाले को दे देती है चकमा

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की ‘द बीस्ट’ कार की सबसे बड़ी खूबी यह है कि वह पीछा करने वाले को बड़ी आसानी के साथ चकमा दे सकती है. ‘द बीस्ट’ में सबसे बेहतरीन सिक्योरिटी फीचर्स में एक स्मोक स्क्रीन दी गई है. स्मोक स्क्रीन एक तेल आधारित मिश्रण को भाप में तब्दील करने के लिए गर्म करती .। फिर यह भाप बाहर निकलने वाली ठंडी बाहरी हवा के साथ मिलती है, तो अपनी पीछे एकदम से कोहरा फैला देती है. ऐसे में राष्ट्रपति की कार का पीछा करने वाला कोहरे की वजह से कुछ भी देख नहीं पाता है और आगे बढ़ने के लिए उसे काफी मशक्कत करनी पड़ती है. तब तक ‘द बीस्‍ट’ काफी आगे निकल सेफ जोन में पहुंच जाती है.

कितनी है कीमत

करीब 10 करोड़ रुपये की कीमत और ट्रक की चैसिस पर बनने वाली ये सात टन की कार पर बम का भी असर नहीं होता है. अगर टायर फट जाते हैं, तो उसकी गति और क्षमता पर कोई असर नहीं पड़ता है. कार के अंदर राष्ट्रपति की सिक्योरिटी के लिए पंप एक्शन शॉर्ट गन, आंसू गैस से लेकर ग्रेनेड हमले तक के ऑप्शंस मौजूद है. कार में नाइट विजन कैमरा लगा है. यह कार अपने सामने खड़े किसी भी लक्ष्य को कुछ सेकंड्स में ही तबाह कर सकती है.

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होटलों में इंटरनेट सिस्टम की हो रही समीक्षा

मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, विदेशी मेहमान दिल्ली और गुड़गांव के होटलों में ठहरेंगे. सुरक्षा एजेंसियों को अंदेशा है कि होटलों के इंटरनेट सिस्टम को हैक किया जा सकता है. ऐसे में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा खुफिया एजेंसियों के साथ मिलकर होटलों के इंटरनेट सिस्टम का ऑडिट किया जा रहा है. ऑडिट के बाद होटल प्रशासन को बताया जाएगा कि उनके सिस्टम में ये कमी है और वह इसे दुरुस्त कर लें. इस बात की आशंका है कि हैकर सिस्टम हैक कर शिखर सम्मेलन की जानकारी हासिल कर सकते हैं.

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