G20 Declaration: जी20 लीडर्स ने AI के लिए ग्लोबल गवर्नेंस का किया आह्वान, जानिए क्या होगा इससे
G20 Summit India - घोषणापत्र में इस बात पर जोर दिया गया कि सुरक्षित, भरोसेमंद, जवाबदेह और समावेशी डीपीआई, मानवाधिकारों, व्यक्तिगत डेटा, गोपनीयता और बौद्धिक संपदा अधिकारों का सम्मान करते हुए संकट से उबरने की क्षमता को मजबूत कर सकता है.
G20 leaders call for global governance for artificial intelligence – जी20 नेताओं ने अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के लिए अंतरराष्ट्रीय शासन पर आगे की चर्चा पर जोर दिया तथा सेवाएं प्रदान करने और नवाचार के वास्ते एक सुरक्षित, विश्वसनीय, जवाबदेह और समावेशी डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे (डीपीआई) का आह्वान किया.
सामाजिक स्तर पर सेवाओं के वितरण में डीपीआई की भूमिका को स्वीकार करते हुए, नयी दिल्ली घोषणापत्र (नयी दिल्ली लीडर्स डिक्लेरेशन) ने ‘डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना की प्रणालियों के लिए जी20 फ्रेमवर्क’ का स्वागत किया, जो डीपीआई के विकास, तैनाती और शासन के लिए एक स्वैच्छिक और सुझाया गया ढांचा है.
G20 घोषणापत्र में इस बात पर जोर दिया गया कि सुरक्षित, भरोसेमंद, जवाबदेह और समावेशी डीपीआई, मानवाधिकारों, व्यक्तिगत डेटा, गोपनीयता और बौद्धिक संपदा अधिकारों का सम्मान करते हुए संकट से उबरने की क्षमता को मजबूत कर सकता है.
घोषणापत्र डिजिटल अर्थव्यवस्था में सुरक्षा प्रदान करने, संकट से उबरने और विश्वास मजबूत करने की ओर भी ध्यान आकर्षित करता है. इसमें कहा गया है, इस उद्देश्य के लिए हम डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना की प्रणालियों के लिए जी20 फ्रेमवर्क का स्वागत करते हैं, जो डीपीआई के विकास, तैनाती और शासन के लिए एक स्वैच्छिक और सुझाया गया ढांचा है.
Also Read: G20 Summit: क्रिप्टोकरेंसी पर दुनियाभर में लग जाएगा बैन? ग्लोबल रेग्युलेटरी फ्रेमवर्क बनने से क्या होगा असर?घोषणापत्र में डिजिटल परिवेश को बढ़ावा देने के साथ ही ‘अच्छा और सभी के लिए’ जिम्मेदारी से कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग करने की बात की गई है. इसमें कहा गया है ‘एआई की पूरी क्षमता का दोहन करने, इसके लाभों को समान रूप से साझा करने और जोखिम को कम करने के लिए, हम अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने तथा एआई के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रशासन पर आगे की चर्चा के वास्ते मिलकर काम करेंगे.
घोषणापत्र में ‘ग्लोबल डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर रिपोजिटरी’ (जीडीपीआईआर) के निर्माण और रखरखाव की भारत की योजना का भी स्वागत किया गया, जो डीपीआई का एक आभासी भंडार है, जिसे स्वेच्छा से जी20 सदस्यों और उससे इतर साझा किया जाता है.
Also Read: G20 Summit: भारत मंडपम में AI के जरिये मेहमानों को दिखाया जा रहा डिजिटल इंडिया का सफरइसके अलावा, यह ‘वन फ्यूचर एलायंस’ (ओएफए) के भारत की अध्यक्षता में आये प्रस्ताव को महत्व देता है. ओएफए एक स्वैच्छिक पहल है, जिसका उद्देश्य क्षमता निर्माण करना और डीपीआई को लागू करने के लिए तकनीकी तथा पर्याप्त वित्तीय सहायता प्रदान करना है.