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Google लगाएगा नौकरियों पर ब्रेक, CEO सुंदर पिचाई ने दिये संकेत​

Google CEO Sundar Pichai Hints to put a Break on Jobs: कोरोना वायरस संकट का असर गूगल पर भी दिखने लगा है. कंपनी ने आनेवाले कुछ महीनों के लिए नौकरियों पर ब्रे​क लगाने की तैयारी कर ली है. गूगल की पैरंट कंपनी एलफाबेट इंक में नियुक्तियों की प्रक्रिया को कम कर दिया जाएगा. कंपनी के सीईओ सुंदर पिचाई ने अपनी कंपनी के कर्मचारियों को एक चिट्ठी के जरिये इस बात की जानकारी दी है.

By Rajeev Kumar | April 18, 2020 10:21 PM

Google CEO Sundar Pichai Hints to put a Break on Jobs: कोरोना वायरस संकट का असर गूगल पर भी दिखने लगा है. कंपनी ने आनेवाले कुछ महीनों के लिए नौकरियों पर ब्रे​क लगाने की तैयारी कर ली है. गूगल की पैरंट कंपनी एलफाबेट इंक में नियुक्तियों की प्रक्रिया को कम कर दिया जाएगा. कंपनी के सीईओ सुंदर पिचाई ने अपनी कंपनी के कर्मचारियों को एक चिट्ठी के जरिये इस बात की जानकारी दी है.

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सुंदर पिचाई ने कर्मचारियों को सूचित करते हुए कॉस्ट कटिंग के अन्य क्षेत्रों पर बल देते हुए कहा है कि कंपनी इस बात पर फिर से विचार करेगी कि डेटा सेंटर, मशीन, नॉन बिजनस एसेंशियल मार्केटिंग कर कितना निवेश किया गया है.

सुंदर पिचाई की इस घोषणा से पता लगता है कोरोना से आर्थिक मंदी शुरू हो गई है. इसका प्रभाव अमीर कंपनियों पर भी पड़ रहा है. सबसे अमीर माइक्रोसॉफ्ट टेक कंपनी ने भी नियुक्तियों की प्रक्रिया को रोक दिया है.

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अगर उन कंपिनयों से गूगल की तुलना करें, जो बड़ी संख्या में कर्मचारियों को निकाल रही हैं, तो गूगल में वर्तमान कर्मचारियों स्थिति अच्छी है. वहीं, ऐड में कमी आने के कारण कंपनी के रिवेन्यू पर असर पड़ रहा है क्योंकि ऐड आय का प्रमुख स्त्रोत है. कोरोना संकट का सबसे अधिक प्रभाव रिटेल और ट्रैवल क्षेत्र पर अधिक पड़ा है.

सुंदर पिचाई ने यह भी कहा कि आर्थिक मंदी का प्रभाव सब पर पड़ा है और गूगल और एलफाबेट इंक इससे बचे हुए नहीं है. उन्होंने कहा कि हम साझेदारी और आंतरिक तौर पर जुड़े व्यापर के इकोसिस्टम में मौजूद हैं, जिनमें से कई लोग दर्द झेल रहे हैं.

बताते चलें कि ऐसा बहुत कम हुआ है जब कंपनी ने ऐसे कड़े निर्णय लिये हों. साल 2009 की आर्थिक मंदी के दौरान कंपनी ने कुछ नौकरियों में कटौती की थी लेकिन, हाल ही के सालों में कंपनी में धुआंधार नियुक्तियां की गईं.

बहरहाल, सुंदर पिचाई का कहना है कि कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए एशिया के गूगल कार्यालयों को 2 महीने से ज्यादा समय से हमने बंद करके रखा है. ऐसे समय में हमें अपने जरूरी उपकरणों जैसे लैपटॉप, सिक्योरिटी की आदि की कमी का सामना करना पड़ रहा है.

उन्होंने कहा कि हम सोच भी नहीं सकते थे कि दुनिया भर में इतने सारे लोगों के लिए इतना बड़ा बदलाव इतनी जल्दी करना पड़ सकता है. हमारी भावनाएं उन लोगों के साथ हैं, जिन्होंने इस महामारी के चलते अपने करीबियों को खो दिया है या जो इस बीमारी से जूझ रहे हैं.

उन्होंने कहा कि अभी 2020 के केवल 4 महीने ही निकले हैं और उसमें हमने यह अनुमान नहीं लगाया था कि हम में से इतने लोगों को इस वैश्विक महामारी के दौरान घर से ही काम करना पड़ेगा. उन्होंने बताया कि इस कठिन परिस्थिति में इन चुनौतियों से निपटने के लिए हमने हर समय ज्यादा से ज्यादा सही जानकारी देने का प्रयास किया है और कोरोना वायरस महामारी के दौरान लोगों की मदद के लिए 800 मिलियन डॉलर से ज्यादा का दान भी दिया है.

इन सबके अलावा कई सरकारी और सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों की भी हमने मदद करने की कोशिश की है, जिससे इस बीमारी को फैलने से रोका जा सके. इसके साथ-साथ हमने टेस्टिंग और पीपीई और जरूरी चिकित्सा उपकरणों के उत्पादन के लिए भी निवेश किया है.

सुंदर पिचाई ने आगे कहा कि हम अपने मिशन को इसी तरह आगे बढ़ाते रहेंगे. इस समय दुनिया की अर्थव्यवस्था 2008 के वित्तीय संकट जैसी स्थिति में ही है और हमें 2008 की परिस्थितियों से सबक लेना चाहिए.

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