Google Doodle Today: गूगल ने 23 अगस्त को प्लेटफॉर्म पर डूडल बनाकर अन्ना मणि (Anna Mani) को उनके 104वें जन्मदिन के मौके पर सम्मान दिया. अन्ना मणि देश की पहली महिला वैज्ञानिकों में से एक थीं. उन्होंने देश में मौसम पूर्वानुमान लगाने वाली उपकरणों को डिजाइन किया था. उनके जीवन के कार्य और रिसर्च ने भारत के लिए सटीक मौसम पूर्वानुमान करना आसान और संभव बनाय और साथ ही देश के लिए अक्षय ऊर्जा का उपयोग करने के लिए पायदान भी तैयार किया.
अन्ना मणि का जन्म आज ही के दिन केरल में सन 1918 में हुआ था. उन्हें पढ़ने लिखने में बहुत रूचि थी. उन्होंने 12 साल की उम्र तक अपने पब्लिक लाइब्रेरी की लगभग सभी किताबें पढ़ डाली थी. अन्ना मणि ने साल 1939 में चेन्नई के प्रेसीडेंसी कॉलेज से भौतिक और रसायन विज्ञान में ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की. इसके बाद उन्होंने साल 1945 में भौतिकी की पढ़ाई के लिए लंदन के इम्पीरियल कॉलेज में भी दाखिला लिया. इम्पीरियल कॉलेज से उन्होंने मौसम संबंधी उपकरणों की विशेषज्ञता हासिल की. अन्ना मणि 1948 में भारत वापस आयी और मौसम विभाग में नौकरी शुरू की. बता दें उन्होंने मौसम विज्ञान उपकरणों से संबंधित कई रिसर्च पेपर भी लिखे हैं. साल 1969 में अन्ना मणि ने भारतीय मौसम विभाग में उप महानिदेशक के पद पर ज्वाइन किया. बता दें अन्ना मणि ने बेंगलुरु में एक कार्यशाला की भी स्थापना की थी. इस कार्यशाला में हवा की गति और सौर ऊर्जा को मापने का काम किया जाता था.
अपने स्नातक स्तर की पढाई पूरी करने के बाद उन्होंने करीब एक साल तक महिला क्रिश्चियन कॉलेज (WCC) ने पढ़ाया भी था. बात दें भारतीय विज्ञान संस्थान बैंगलोर में स्नातकोत्तर पढ़ाई के लिए स्कॉलरशिप प्राप्त की. यहीं उन्होंने नोबेल पुरस्कार विजेता CV Raman के मार्गदर्शन में हीरे और माणिक में विशेषज्ञता वाले स्पेक्ट्रोस्कोपी की पढाई की. उनके नेतृत्व में 100 से अधिक मौसम उपकरण डिजाइनों को उत्पादन के लिए सरल और मानकीकृत किया गया था.