Google Doodle, Padma Shri, Arati Saha, 80th Birthday Today, First Asian Woman to Cross English Channel : दुनिया का सबसे बड़ा सर्च इंजन Google (गूगल) समय समय पर अपने Doodle (डूडल) के जरिये समाज में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले लोगों को याद करता है. आज 24 सितंबर को गूगल ने अपना डूडल लंबी दूरी की भारतीय तैराक आरती साहा को (Google Doodle Arati Saha) उनकी 80वीं जयंती के मौके पर समर्पित किया है.
दरअसल, आज लंबी दूरी की तैराक आरती साहा का 80वां जन्मदिन है और गूगल ने उनके सम्मान में ही आज का डूडल बनाया है. आरती साहा इंग्लिश चैनल के पार तैरने वाली पहली एशियाई महिला थीं. ये एक ऐसा कारनामा था जिसे माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने के समान माना जाता है. साहा ने केप ग्रिस नेज, फ्रांस से सैंडगेट, इंग्लैंड तक 42 मील की दूरी तय की थी.
साहा का जन्म 24 सितंबर, 1940 को कोलकाता (तब ब्रिटिश भारत) में हुआ था. उन्होंने हुगली नदी के किनारे तैरना सीखा. बाद में उन्होंने भारत के सर्वश्रेष्ठ प्रतिस्पर्धी तैराकों में से एक सचिन नाग की निगरानी में प्रशिक्षण लिया. आरती साहा ने अपना पहला तैराकी गोल्ड मेडल पांच साल की उम्र में जीता था. 11 साल की उम्र तक साहा ने तैराकी के कई रिकॉर्ड्स तोड़ डाले.
फिनलैंड की हेलसिंकी में 1952 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में नए स्वतंत्र भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली पहली सबसे कम उम्र की सदस्य बन गईं और 19 साल की कम उम्र में उन्होंने इंग्लिश चैनल को पार करके दुनिया को हैरानी में डाल दिया. आरती ने 42 मील की यह दूरी 14 घंटे 20 मिनट में पूरी कल ली. उनकी प्रतिभा के लिए उन्हें 1960 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया.
आरती साहा ने 18 साल की उम्र में इंग्लिश चैनल को पार करने की कोशिश की लेकिन उनके हाथ कामयाबी नहीं लगी लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. उसके एक महीने बाद उन्होंने इसे पूरा करने के लिए कई मील की लहरों और धाराओं को पीछे छोड़ दिया और जीत हासिल की. ये जीत भारत की महिलाओं के लिए एक ऐतिहासिक जीत थी. साहा 1960 में पद्म श्री पुरस्कार प्राप्त करने वाली पहली महिला भी बनीं.
गूगल ने अपने डूडल में आरती साहा को इंग्लिश चैनल को पार करते हुए दर्शाया है. साथ ही, इसमें उनके चित्र को कंपास के साथ चित्रित किया गया. इस चित्र को कोलकाता के कलाकार लावण्या नायडू ने बनाया है. नायडू का कहना है कि आरती साहा कोलकाता के घरों में एक प्रसिद्ध नाम हैं. उन्होंने कहा, मुझे आशा है कि यह हमारे देश के इतिहास में जब भी किसी क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए महिलाओं को याद किया जाएगा, तो उसमें आरती साहा का नाम भी शामिल होगा.