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Stephen Hawking के जन्मदिन पर Google ने बनाया Video वाला डूडल, देखें

गूगल हमेशा खास दिनों को डूडल के जरिये सेलिब्रेट करता है. वहीं, आज यानी 8 जनवरी को स्टीफन हॉकिंग का जन्मदिन है. इस खास दिन को और खास बनाने के लिए गूगल ने बड़ा खास डूडल बनाया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 8, 2022 11:41 AM

Google Doodle Today: सर्च इंजन कंपनी गूगल ने शनिवार को महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग के 80वें जन्मदिन (Stephen Hawking 80th Birthday) पर गूगल (Google) ने आज खास डूडल (Doodle) बनाया है.

गूगल हमेशा खास दिनों को डूडल के जरिये सेलिब्रेट करता है. वहीं, आज यानी 8 जनवरी को स्टीफन हॉकिंग का जन्मदिन है. इस खास दिन को और खास बनाने के लिए गूगल ने बड़ा खास डूडल बनाया है. गूगल ने डूडल के जरिये एक एनिमेटेड वीडियो बनाया है.

गूगल ने इस वीडियो के जरिये कॉस्मोलॉजिस्ट, ऑथर और वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग (Stephen Hawking) को श्रद्धांजलि दी है. इस खास वीडियो डूडल में स्टीफन हॉकिंग के पूरे जीवन को दर्शाया गया है. साथ ही, वीडियो में उनके कार्यों की झलक भी दिखायी गई है.

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स्टीफन हॉकिंग को क्या बीमारी थी?

इंग्लैंड के ऑक्सफोर्ड में जन्मे स्टीफन हॉकिंग बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि वाले थे. 21 साल की उम्र तक आते-आते वह एक न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारी Amyotrophic Lateral Sclerosis (ALS) की चपेट में आ गए थे. ALS बीमारी में मनुष्य का तंत्रिका तंत्र (Nervous System) धीरे-धीरे काम करना बंद कर देता है. फिर धीरे-धीरे पूरे शरीर की मूवमेंट बंद हो जाती है. इससे वह धीरे-धीरे व्हीलचेयर पर आ गए. तब डॉक्टरों ने कह दिया था कि वह दो साल से ज्यादा जी नहीं पाएंगे.

स्पेस साइंस में बड़ा योगदान

स्टीफन हॉकिंग ने अपनी मजबूत इच्छाशक्ति से डॉक्टरों की भविष्यवाणी को झूठा साबित कर दिया. उस समय स्टीफन हॉकिंग का दिमाग छोड़कर शरीर का कोई भी अंग काम नहीं करता था. इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और बड़े वैज्ञानिक बने. उन्होंने अपनी बोलने की क्षमता खो दी, तो स्पीच-जेनरेटिंग डिवाइस के माध्यम से संवाद करना शुरू किया. उन्होंने स्पेस साइंस में बड़ा योगदान दिया. उनकी उपलब्धियों में सिंगुलैरिटी का सिद्धांत, ब्लैक होल का सिद्धांत, कॉस्मिक इन्फ्लेशन थ्योरी, यूनिवर्स का वेव फंक्शन मॉडल और टॉप-डाउन थ्योरी शामिल है.

ब्लैक होल के प्रति जुनूनी थे हॉकिंग

स्टीफन हॉकिंग बचपन से ही ब्रह्मांड के प्रति आकर्षित थे. वह ब्लैक होल के प्रति जुनूनी थे, जो उनके अध्ययन और शोध का आधार बना. हॉकिंग ने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से पीएचडी प्राप्त करने से पहले, ऑक्सफोर्ड से भौतिकी में बीए की डिग्री के साथ स्नातक की उपाधि प्राप्त की. 1974 में उन्होंने पाया कि कण ब्लैक होल से बच सकते हैं. इस सिद्धांत को भौतिकी में उनका सबसे महत्वपूर्ण योगदान माना जाता है.

आधुनिक भौतिकी में क्रांति

Google उन्हें ‘इतिहास के सबसे प्रभावशाली वैज्ञानिक दिमागों में से एक के रूप में’ वर्णित किया है. गूगल का कहना है कि ब्लैक होल के टकराने से लेकर बिग बैंग तक, ब्रह्मांड की उत्पत्ति और यांत्रिकी पर स्टीफन हॉकिंग के सिद्धांतों ने आधुनिक भौतिकी में क्रांति ला दी, जबकि उनकी सबसे अधिक बिकने वाली पुस्तकों ने दुनिया भर में लाखों पाठकों के लिए इस क्षेत्र को सर्वसुलभ बना दिया.

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