Google, Neutrality, Data Protection, JPC : गूगल Google ने कहा है कि सर्च Search, एंड्रॉयड Android और यूट्यूब YouTube पर उसके प्रोडक्ट्स ग्लोबल लेवल पर यूजर्स को प्रासंगिक सूचना उपलब्ध कराते हैं और उसका एल्गोरिदम यूजर्स की एनक्वायरी यानी सर्च पर हाई क्वालिटी का कंटेंट पेज सुनिश्चित करता है.
इससे पहले गूगल के एक्जीक्यूटिव्स एक संसदीय समिति के समक्ष पेश हुए थे. भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी BJP MP Meenakshi Lekhi की अगुवाई वाली संसदीय समिति ने गूगल की न्यूट्रलिटी यानी तटस्थता सवाल उठाए थे. इसके बाद गूगल का यह बयान आया है.
संसदीय समिति ने गूगल से सवाल किया कि वह विज्ञापन और सामग्री यानी ऐड और कंटेंट, दोनों क्षेत्रों में परिचालन करती है, ऐसे में वह यूजर्स के ‘चयन’ को नियंत्रित कर क्या उनके बुनियादी अधिकारों का उल्लंघन नहीं कर रही है.
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पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल की समीक्षा के लिए गठित समिति के सामने गूगल के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित हुए थे और उन्होंने डेटा सुरक्षा को लेकर पूछे गए सवालों के जवाब दिये.
भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी की अध्यक्षता वाली समिति के सामने गूगल के भारतीय कारोबार की डायरेक्टर और लीगल हेड गीतांजलि दुग्गल, गवर्नमेंट अफेयर्स एंड पब्लिक पॉलिसी हेड अमन जैन और पब्लिक पॉलिसी एंड गवर्नमेंट रिलेशन के मैनेजर राहुल जैन पेश हुए.
लेखी ने गूगल के साथ हुई बैठक के बाद कहा कि वे खुद प्लेटफॉर्म्स, सेलर्स और न्यूज एजेंसी हैं. गूगल के ही पास यह कंट्रोल करने का बटन है कि कौन सी सूचना पहले आएगी, कौन सी बाद में आएगी, कौन सी न्यूज फ्लैश करेगी और किसी न्यूज को दबा दिया जाएगा. ऐसे में वह एक न्यूट्रल प्लेटफॉर्म कैसे हो सकता है?
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गूगल के अलावा फेसबुक, ट्विटर, अमेजन और पेटीएम के अधिकारी भी समिति के सामने पेश हो चुके हैं. इनके अलावा, रिलायंस जियो, एयरटेल, ओला और उबर के अधिकारियों को भी पेश होने के लिए कहा गया है. समिति पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल-2019 की समीक्षा कर रही है.
गौरतलब है कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने 11 दिसंबर, 2019 को पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल लोकसभा में पेश किया था. विधेयक में लोगों से जुड़ी उनकी निजी जानकारी के संरक्षण और डेटा प्रोटेक्शन अथॉरिटी के गठन का प्रस्ताव किया गया है. विधेयक को बाद में संसद के दोनों सदनों की संयुक्त प्रवर समिति को भेज दिया गया. प्रस्तावित कानून किसी व्यक्ति की सहमति के बिना संस्थाओं द्वारा पर्सलन डेटा के स्टोरेज और इस्तेमाल पर रोक लगाता है.
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