Vehicle Recall Policy: नयी कार या बाइक में खराबी पाये जाने पर अब ऑटो कंपनियों को जुर्माना भरना पड़ सकता है. अब सरकार खराब वाहन बेचने वाली कंपनियों से सख्ती से निबटेगी. केंद्र सरकार ने वाहन बनाने वाली ऑटो कंपनियों और इंपोर्ट करने वाली कंपनियों पर जुर्माना लगाने का प्रावधान किया है. केंद्र सरकार ने इसे लेकर हाल ही में एक नोटिफिकेशन जारी किया है.
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने कहा है कि विनिर्माण में खामी को लेकर अगर सरकार की तरफ से अनिर्वाय रूप से वाहनों को वापस मंगाये जाने का आदेश दिया जाता है, तो कंपनियों को एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना देना होगा. यह व्यवस्था एक अप्रैल, 2021 से लागू होगी.
अधिसूचना के अनुसार, वाहनों की संख्या और उनके प्रकार के आधार पर जुर्माना 10 लाख रुपये से लेकर एक करोड़ रुपये होगा. केंद्रीय मोटर वाहन कानून के तहत वाहनों के परीक्षण और अनिवार्य रूप से वापस मंगाये जाने के नियम में जुर्माने का प्रावधान है. यह जुर्माना तब लगता है जब विनिर्माता या आयातक स्वेच्छा से वाहन मंगाने में विफल रहते हैं. फिलहाल इसको लेकर कोई जुर्माना नहीं लग रहा था.
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नया नियम उन वाहनों पर लागू होगा जो सात साल से कम पुराने हैं. इसमें वाहन या कल-पुर्जे अथवा सॉफ्टवेयर में उस गड़बड़ी को खामी मानी जाएगी, जिससे सड़क सुरक्षा को लेकर जोखिम है. अनिवार्य रूप से छह लाख दो पहिया वाहन या एक लाख चार-पहिया वाहनों को वापस मंगाने पर अधिकतम एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगेगा. अगर वाहन में नौ लोगों के बैठने की व्यवस्था है और भारी सामान की ढुलाई का वाहन है, तो ऐसे मामलों में 50,000 से अधिक वाहनों को अनिवार्य रूप से वापस मंगाने के आदेश की स्थिति में एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगेगा.
अधिसूचना के अनुसार कार और एसयूवी (स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल) के मामले में एक लाख से अधिक खामी वाले वाहनों की बिक्री की जाती है तो एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगेगा. तिपहिया वाहनों के मामलों में ऐसे तीन लाख वाहनों की बिक्री पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगेगा. नयी कार या बाइक में खराबी पाये जाने पर अब ऑटो कंपनियों को भारी जुर्माना भरने तथा Hindi News से अपडेट के लिए बने रहें हमारे साथ.
(इनपुट-भाषा)