Make In India : सरकार ने लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पर्सनल कंप्यूटर, अल्ट्रा स्मॉल फॉर्म फैक्टर (यूएसएफएफ) कंप्यूटर और सर्वेर के आयात पर अंकुश लगा दिया है. आयात अंकुश तत्काल प्रभाव से लागू है. किसी उत्पाद के आयात को अंकुश की श्रेणी में डालने का मतलब है कि उनके आयात के लिए लाइसेंस या सरकार की अनुमति अनिवार्य होगी.
विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने बृहस्पतिवार को जारी अधिसूचना में कहा कि शोध एवं विकास, परीक्षण, बेंचमार्किंग, मूल्यांकन, मरम्मत तथा उत्पाद विकास के उद्देश्य से प्रति खेप अब 20 वस्तुओं तक आयात लाइसेंस की छूट रहेगी. इस कदम का मकसद चीन जैसे देशों से आयात घटाना है. अधिसूचना में कहा गया, लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पर्सनल कंप्यूटर और सर्वर के आयात को तत्काल प्रभाव से अंकुश की श्रेणी में डाल दिया गया है.
अधिसूचना में कहा गया कि माइक्रो कंप्यूटर, बड़े कंप्यूटर और कुछ डाटा प्रोसेसिंग मशीनों को भी आयात अंकुश की श्रेणी में रखा गया है. इसमें कहा गया कि वैध लाइसेंस होने पर इन उत्पादों के आयात की अनुमति दी जाएगी. हालांकि, ये अंकुश बैगेज नियम के तहत लागू नहीं होंगे.
अधिसूचना में कहा गया, एक लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पर्सनल कंप्यूटर, ई-कॉमर्स पोर्टल के जरिये खरीदे गए, डाक या कूरियर से मंगाये जाने वाले उत्पाद पर आयात लाइसेंस की अनिवार्यता की छूट रहेगी. ऐसे मामलों में लागू शुल्क का भुगतान कर आयात किया जा सकता है.
शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनीशिएटिव (जीटीआरआई) की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत का चीन से 65 प्रतिशत आयात सिर्फ तीन उत्पाद समूहों – इलेक्ट्रॉनिक्स, मशीनरी और जैविक रसायन तक सीमित है.
रिपोर्ट में कहा गया कि भारत अपनी दैनिक जरूरतों तथा औद्योगिक उत्पादों मसलन मोबाइल फोन, लैपटॉप, कलपुर्जे, सौर सेल मॉड्यूल और आईसी के लिए चीन पर काफी हद तक निर्भर है. सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स सामान के घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहन देने के लिए कई कदम उठाये हैं.
भारतीय बाजार में बिकने वाले प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक ब्रांड में एचसीएल, सैमसंग, डेल, एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स, एसर, ऐपल, लेनोवो और एचपी शामिल हैं. भारत ने 2022-23 में लैपटॉप सहित 5.33 अरब डॉलर मूल्य के पर्सनल कंप्यूटर का आयात किया है. 2021-22 में यह आंकड़ा 7.37 अरब डॉलर रहा था.