24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Internet Calling, Messaging Apps को टेलीकॉम लाइसेंस के तहत लाने की तैयारी में भारत सरकार

दूरसंचार सेवाओं और दूरसंचार नेटवर्क को लेकर संबंधित कंपनियों को लाइसेंस लेना होगा. सरकार ने विधेयक में दूरसंचार और इंटरनेट सेवा प्रदाताओं के लिए शुल्क और जुर्माना माफ करने के प्रावधान का प्रस्ताव किया है.

इंटरनेट के जरिये कॉल करने और संदेश आदान-प्रदान की सुविधा देने वाली व्हॉट्सएप, जूम और गूगल डुओ जैसी ‘ओवर द टॉप’ (ओटीटी) कंपनियों को देश में परिचालन के लिए लाइसेंस की जरूरत हो सकती है. दूरसंचार विधेयक के मसौदे में यह प्रस्ताव किया गया है. दूरसंचार विधेयक-2022 के मसौदे में ओटीटी को दूरसंचार सेवा के हिस्से के रूप में शामिल किया गया है.

बुधवार को जारी विधेयक के मसौदे के अनुसार, दूरसंचार सेवाओं और दूरसंचार नेटवर्क को लेकर संबंधित कंपनियों को लाइसेंस लेना होगा. सरकार ने विधेयक में दूरसंचार और इंटरनेट सेवा प्रदाताओं के लिए शुल्क और जुर्माना माफ करने के प्रावधान का प्रस्ताव किया है. मंत्रालय ने दूरसंचार या इंटरनेट प्रदाता के अपना लाइसेंस वापस करने की स्थिति में भी शुल्क वापस करने के प्रावधान का प्रस्ताव किया है.

Also Read: WhatsApp Calling अब नहीं रहेगी फ्री! सरकार आखिर क्यों उठाने जा रही है ऐसा कदम?

दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया मंच पर लिखा है, भारतीय दूरसंचार विधेयक-2022 के मसौदे पर आपके विचार चाहिए. उन्होंने विधेयक के मसौदे का ‘लिंक’ भी साझा किया है. इस पर 20 अक्टूबर तक टिप्पणी दी जा सकती है. विधेयक के मसौदे के अनुसार, केंद्र सरकार दूरसंचार नियमों के तहत किसी भी लाइसेंस धारक या पंजीकृत संस्था के लिए आंशिक रूप से या पूर्ण रूप से किसी भी शुल्क को माफ कर सकती है. इसमें प्रवेश शुल्क, लाइसेंस शुल्क, पंजीकरण शुल्क या कोई अन्य शुल्क या ब्याज, अतिरिक्त शुल्क अथवा जुर्माना शामिल है.

Also Read: OMG! मंत्रीजी की मीट‍िंग में अध‍िकारी को आयी झपकी, तो हो गई छुट्टी; जानें पूरा मामला

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें