Social Media Rules: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के शिकायत अधिकारियों के फैसलों के खिलाफ लोगों द्वारा दायर अपीलों पर गौर करने के लिए केंद्र ने एक शिकायत अपील समिति का गठन करने की योजना बनाई है. सरकार सोशल मीडिया मंचों के नियमों में संशोधन के साथ शिकायत निपटान अधिकारियों के फैसलों के खिलाफ दायर आवेदनों पर विचार के लिए अपीलीय समिति के गठन की योजना बना रही है.
सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 में संशोधन के लिए जारी एक अधिसूचना के अनुसार, इस समिति को अपील मिलने के 30 दिन के भीतर शिकायत का निपटान करना होगा. यह निर्णय मध्यवर्तियों या संबंधित बड़ी सोशल मीडिया कंपनियों के लिए बाध्यकारी होगा.
ट्विटर जैसे सोशल मीडिया मंचों ने ‘समुदायिक दिशानिर्देशों’ के कथित उल्लंघन का हवाला देते हुए पिछले कुछ समय में कुछ चर्चित हस्तियों समेत कई उपयोगकर्ताओं के खातों को बंद किया है. ऐसे में सरकार की तरफ से यह कदम काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
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इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (मेइटी) ने एक अधिसूचना के मसौदे में कहा, केंद्र सरकार एक या अधिक शिकायत अपीलीय समितियों का गठन करेगी. इस समिति में एक चेयरपर्सन और अन्य सदस्य होंगे. केंद्र सरकार समिति का आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचना के जरिये गठन कर सकती है.
नये नियमों के तहत शिकायत अधिकारियों के फैसलों के खिलाफ संबंधित उपयोगकर्ता अपनी अपील दायर कर सकते है. इस अपील का 30 दिन के भीतर निपटान करना होगा. एक जून को जारी अधिसूचना के मसौदे के अनुसार, अपीलीय समिति उपयोगकर्ताओं की अपील पर तेजी से कार्रवाई करेगी और अपील मिलने की तारीख से 30 दिन के भीतर अंतिम रूप से इसके निपटान का प्रयास करेगी.
समिति की तरफ से पारित प्रत्येक आदेश का अनुपालन संबंधित मध्यवर्तियों द्वारा किया जाएगा. इसके अलावा समिति एक वैकल्पिक शिकायत निवारण तंत्र प्रदान करेगी. साथ ही शिकायतकर्ता के पास किसी भी समय शिकायत को लेकर न्यायालय के समक्ष जाने का अधिकार होगा.
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मसौदा अधिसूचना के अनुसार, मध्यस्थों को 24 घंटे के भीतर सूचना या लिंक हटाने और 15 दिनों के भीतर शिकायत का निपटान करने के मामले में खाते के निलंबन, हटाने या अवरुद्ध करने जैसी किसी भी शिकायत को स्वीकार करना होगा. वहीं मानहानि, अश्लील, निजता का हनन, फर्जी या गलत जानकारी/संचार/सामग्री को हटाने की शिकायत दर्ज किये जाने के 72 घंटों के भीतर निवारण करना होगा.
मसौदा अधिसूचना में कहा गया कि संबंधित मध्यस्थ को गोपनीयता और पारदर्शिता की अपेक्षा के साथ उपयोगकर्ताओं के लिए अपनी सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करने को सभी उचित उपाय उठाने होंगे. इसके अलावा, सोशल मीडिया कंपनियों को भारत के संविधान के तहत देश के नागरिकों के सभी अधिकारों का सम्मान करना होगा. मंत्रालय ने इस अधिसूचना के मसौदे पर 22 जून तक टिप्पणियां मांगी हैं.