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पुरानी गाड़ी पर ग्रीन टैक्स लगाने की तैयारी, यह है सरकार का प्लान

Green Tax, Car News: आपकी कार अगर 15 साल (15 years old car) से ज्यादा पुरानी कार है, तो आने वाले दिनों में यह आपकी जेब पर बोझ बढ़ा सकती है. खबर यह है कि सरकार 15 साल से ज्यादा पुरानी गाड़ियों पर ग्रीन टैक्स लगाने की तैयारी में है. देश की सड़कों पर अभी 15 साल से अधिक पुराने चार करोड़ वाहन दौड़ रहे हैं. ये वाहन हरित कर (Green tax) के दायरे में आते हैं. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Road Transport and Highways) ने देशभर में ऐसे वाहनों के आंकड़ों को डिजिटल किया है. पुराने वाहनों के मामले में कर्नाटक (Karnataka) शीर्ष पर है. कर्नाटक की सड़कों पर 70 लाख ऐसी गाड़ियां, जो 15 साल से पुरानी हैं, दौड़ रही हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 30, 2021 6:49 PM

आपकी कार अगर 15 साल (15 years old car) से ज्यादा पुरानी कार है, तो आने वाले दिनों में यह आपकी जेब पर बोझ बढ़ा सकती है. खबर यह है कि सरकार 15 साल से ज्यादा पुरानी गाड़ियों पर ग्रीन टैक्स लगाने की तैयारी में है. देश की सड़कों पर अभी 15 साल से अधिक पुराने चार करोड़ वाहन दौड़ रहे हैं. ये वाहन हरित कर (Green tax) के दायरे में आते हैं.

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Road Transport and Highways) ने देशभर में ऐसे वाहनों के आंकड़ों को डिजिटल किया है. पुराने वाहनों के मामले में कर्नाटक (Karnataka) शीर्ष पर है. कर्नाटक की सड़कों पर 70 लाख ऐसी गाड़ियां, जो 15 साल से पुरानी हैं, दौड़ रही हैं.

देश की सड़कों पर अभी 15 साल से अधिक पुराने चार करोड़ वाहन दौड़ रहे हैं. ये वाहन हरित कर के दायरे में आते हैं. पुराने वाहनों के मामले में कर्नाटक शीर्ष पर है. कर्नाटक की सड़कों पर ऐसे 70 लाख वाहन दौड़ रहे हैं. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने देशभर में ऐसे वाहनों के आंकड़ों को डिजिटल किया है.

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हालांकि, इनमें आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और लक्षद्वीप शामिल नहीं हैं. इन राज्यों के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं. ऐसे वाहनों पर हरित कर लगाने का प्रस्ताव राज्यों को पहले ही भेजा जा चुका है. आंकड़ों के अनुसार, चार करोड़ से अधिक वाहन 15 साल से ज्यादा पुराने हैं. इनमें से दो करोड़ वाहन तो 20 साल से अधिक पुराने हैं.

मंत्रालय ने कहा कि वाहनों का डिजिटल रिकॉर्ड केंद्रीयकृत वाहन डाटाबेस पर आधारित है. इसमें आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और लक्षद्वीप शामिल नहीं हैं. पुराने प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों की दृष्टि से उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है. उत्तर प्रदेश में ऐसे वाहनों की संख्या 56.54 लाख है, जिनमें से 24.55 लाख वाहन 20 साल से अधिक पुराने हैं.

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राजधानी दिल्ली 49.93 लाख वाहनों के साथ तीसरे स्थान पर है. दिल्ली में 35.11 लाख वाहन 20 साल से अधिक पुराने हैं. केरल में ऐसे वाहनों की संख्या 34.64 लाख, तमिलनाडु में 33.43 लाख, पंजाब में 25.38 लाख और पश्चिम बंगाल में 22.69 लाख है.

महाराष्ट्र, ओडिशा, गुजरात, राजस्थान और हरियाणा में ऐसे वाहनों की संख्या 17.58 लाख से 12.29 लाख के बीच है. वहीं, झारखंड, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, पुडुचेरी, असम, बिहार, गोवा, त्रिपुरा और संघ शासित प्रदेश दादरा एवं नगर हवेली तथा दमन एवं दीव में ऐसे वाहनों की संख्या एक लाख से 5.44 लाख के बीच है.

आंकड़ों के अनुसार, शेष राज्यों में ऐसे वाहनों की संख्या एक लाख से कम है. सरकार पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण पर अंकुश के लिए ऐसे पुराने वाहनों पर जल्द हरित कर लगाने की तैयारी कर रही है. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस साल जनवरी में प्रदूषण फैलाने वाले पुराने वाहनों पर हरित कर लगाने का प्रस्ताव किया था.

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इस प्रस्ताव को राज्यों के पास विचार-विमर्श के लिए भेज दिया गया है. उसके बाद इसे औपचारिक रूप से अधिसूचित किया जाएगा. फिलहाल कुछ राज्यों/संघ शासित प्रदेशों द्वारा भिन्न दरों के आधार पर हरित कर लगाया जा रहा है. प्रस्ताव के तहत आठ साल से अधिक पुराने वाहनों पर फिटनेस प्रमाणन के नवीकरण के समय पथकर के 10 से 25 प्रतिशत के बराबर कर लगाया जाएगा.

व्यक्तिगत वाहनों पर 15 साल बाद नवीकरण के समय कर लगाने का प्रस्ताव है. वहीं, सार्वजनिक परिवहन वाहनों मसलन बसों आदि पर निचला हरित कर लगाया जाएगा. वहीं बेहद प्रदूषित शहरों में पंजीकृत वाहनों पर ऊंचा यानी पथकर के 50 प्रतिशत के बराबर कर लगाने का प्रस्ताव है.

(इनपुट:भाषा)

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