11.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

इन दो National Highway पर शुरू होगी GPS आधारित टोल कलेक्शन, नितिन गडकरी का बयान

अब बहुत जल्द Toll Plaza में Toll Tax देने का झंझट खत्म हो जायगा. राज्यसभा में केन्द्रीय परिवहन मंत्री Nitin Gadkari ने कहा कि जल्द ही National Highway पर GPS आधारित टोल कलेक्शन सिस्टम से टैक्स कलेक्शन शुरू हो जाएगी.

अब चुनिंदा राष्ट्रीय राजमार्गों (National Highway) पर पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर GPS आधारित Toll Tax Collection (Global Navigation Satellite System) की व्यवस्था शुरू की जाएगी. ये बात केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कही है. राज्यसभा में उन्होंने ने कहा कि इस पायलट परियोजना के अंतर्गत कर्नाटक में NH-275 के बेंगलुरु-मैसूर खंड और हरियाणा में NH-709 के पानीपत-हिसार खंड पर किया जाएगा. GNSS के लिए 25 जून, 2024 से 22 जुलाई, 2024 तक Global Expression of Interest आमंत्रित की गई थी.

कैसे काम करता है GNSS प्रणाली?

GNSS प्रणाली मौजूदा FASTag प्रणाली के साथ काम करेगी, जिससे एक हाइब्रिड मॉडल बनेगा जो RFID और सैटेलाइट तकनीक दोनों का लाभ उठाएगा. वर्चुअल गैंट्री वाहन की जानकारी, जिसमें पंजीकरण संख्या, प्रकार और भुगतान विवरण शामिल हैं, को कैप्चर करेगी और उपयोगकर्ता के खाते से टोल राशि को स्वचालित रूप से काट लेगी. यह इनोवेटिव अप्रोच कम भीड़भाड़, लागत बचत और बेहतर पारदर्शिता का वादा करता है.

Also Read: Bajaj Freedom 125 CNG किस मोड में होती है स्टार्ट? जानें इस बाइक से जुड़ी 5 जरूरी बातें

जैसे ही वाहन इन वर्चुअल टोल बूथों से गुजरेंगे, टोल वसूलने के लिए GNSS-आधारित सिस्टम अपने आप चालू हो जाएगा और उपयोगकर्ताओं के बैंक खाते से एक निश्चित राशि काट लेगा. टोल प्लाजा में समर्पित GNSS लेन होंगी, जो तकनीक का उपयोग करने वाले वाहनों के लिए सुगम मार्ग की सुविधा प्रदान करेंगी.

इस तकनीक के लाभ

GNSS-आधारित टोल संग्रह प्रणाली दूरी-आधारित, समय-आधारित और भीड़-आधारित टोल संग्रह जैसी विभिन्न चार्जिंग तकनीकों का उपयोग कर सकती है. यह तकनीक पारंपरिक टोल प्लाजा की तुलना में सड़क के किनारे बुनियादी ढांचे की आवश्यकताओं को कम करेगी, जिसके परिणामस्वरूप लागत बचत और आसान रखरखाव होगा.

GNSS-आधारित टोल संग्रह प्रणाली एक स्केलेबल समाधान प्रदान करेगी, जिसे बुनियादी ढांचे में निवेश किए बिना अधिक व्यापक सड़क नेटवर्क को कवर करने के लिए विस्तारित किया जा सकता है. GNSS-आधारित टोल संग्रह प्रणाली के साथ, वाहन राजमार्गों और एक्सप्रेसवे पर बिना धीमे हुए या रुके यात्रा कर सकेंगे, जिससे यातायात की भीड़ कम होगी और यात्रियों के लिए सुगम यात्रा अनुभव प्रदान होगा.

Also Read: Royal Enfield Guerrilla 450 की भारी डिमांड, खरीदने के लिए करना होगा लंबा इंतजार

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें