Bike और Scooter चालकों के लिए Modi सरकार का बड़ा फैसला, अब जरूरी हुआ ऐसा हेलमेट
Two Wheeler Motor Vehicles Quality Control Order 2020: केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ने सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए बीआईएस सर्टिफिकेशन (BIS Certification) वाले हेलमेट की ही बिक्री और निर्माण को भारत में जरूरी कर दिया है. देश में किसी भी गैर-बीआईएस दोपहिया हेलमेट का निर्माण या बिक्री नहीं की जा सकती है और इसका उल्लंघन अपराध माना जाएगा.
Two Wheeler Motor Vehicles Quality Control Order 2020: केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ने सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए बीआईएस सर्टिफिकेशन (BIS Certification) वाले हेलमेट की ही बिक्री और निर्माण को भारत में जरूरी कर दिया है. देश में किसी भी गैर-बीआईएस दोपहिया हेलमेट का निर्माण या बिक्री नहीं की जा सकती है और इसका उल्लंघन अपराध माना जाएगा.
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने हेलमेट फॉर राइडर्स ऑफ टू व्हीलर्स मोटर व्हीकल्स (क्वालिटी कंट्रोल) (Helmet for riders of Two-Wheeler Motor Vehicles (Quality Control) Order, 2020) के तहत एक आदेश जारी किया है.
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दुपहिया वाहन पर चलने वालो के लिए सुरक्षा हेलमेट को अनिवार्य बीआईएस प्रमाणीकरण तथा गुणवत्ता नियंत्रण प्रकाशन के अंतर्गत शामिल किया गया है.
बयान के अनुसार, उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के तहत देश की जलवायु स्थिति के अनुकूल हल्के भार के हेलमेट के बारे में विचार करने तथा हेलमेट का परिचालन सुनिश्चित करने के लिए सड़क सुरक्षा समिति बनायी गई थी. इस समिति में एम्स के विशेषज्ञ डॉक्टरों तथा बीआईएस के विशेषज्ञों सहित विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल किये गए.
समिति ने मार्च 2018 में अपनी रिपोर्ट के विस्तृत विश्लेषण के बाद देश में हल्के भार के हेलमेट की सिफारिश की. मंत्रालय ने इस सिफारिश को स्वीकार कर लिया. समिति की सिफारिशों के अनुसार बीआईएस ने विशेष विवरणों में संशोधन किया है जिससे हल्के भार के हेलमेट बनेंगे. भारत में प्रतिवर्ष लगभग 1.7 करोड़ टू व्हीलर बनाये जाते हैं.
गृह मंत्रालय के तहत आंकड़े इकट्ठा करने वाली संस्था NCRB के अनुसार, 2019 में हुए कुल रोड एक्सीडेंट में 38% पीड़ित दो पहिया वाहन चला रहे थे. इसके बाद नंबर आता है ट्रक या लॉरी (14.6%), कार (13.7%) और बस (5.9%) का. NCRB का आकलन है कि ओवरटेकिंग, खतरनाक या लापरवाही से वाहन चलाने की वजह से 25.7 फीसदी हादसे हुए. इसकी वजह से 2019 में 42, 557 मौतें हुई और 1,06,555 लोग घायल हुए. वहीं, मात्र 2.6 हादसों की वजह खराब मौसम था.
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