नयी दिल्ली : साइबर सिक्योरिटी फर्म जिंपेरियम ने एक नये एंड्रॉयड ट्रोजन की पहचान की है. जिंपेरियम के शोधकर्ताओं ने इसे ‘प्लाईट्रैप’ नाम दिया है. जिंपेरियम के शोधकर्ताओं ने कहा है कि मार्च महीने से सोशल मीडिया हाईजैकिंग, थर्ड पार्टी ऐप स्टोर और साइडलोडेड एप्लिकेशन के जरिये फैलने में यह सक्षम है.
एंड्रॉयड मैलवेयर ‘फ्लाईट्रैप’ दुनिया भर के 144 देशों में 10 हजार से अधिक फेसबुक अकाउंट्स को हाइजैक करने के लिए सोशल इंजीनियरिंग ट्रिक्स का उपयोग करता है. फ्लाईट्रैप एंड्रॉयड मैलवेयर नेटफ्लिक्स कूपन कोड और गूगल एडवर्ड्स कूपन कोड का इस्तेमाल कर रहा है.
मैलवेयर एंड्रॉयड डिवाइसों को संक्रमित कर सोशल मीडिया अकाउंट्स को हाइजैक कर हमलावर पीड़ितों के फेसबुक आईडी, लोकेशन, ई-मेल एड्रेस और आईपी एड्रेस के साथ-साथ आपके फेसबुक से जुड़े कुकीज और टोकन जैसी जानकारी एकत्र कर सकते हैं.
फेसबुक उपयोगकर्ताओं को कूपन कोड के जरिये इस तरह का भरोसा दिलाता है कि उपयोगकर्ता इसे डाउनलोड कर लेते हैं. इसके इंस्टॉल होने के बाद ये ऐप्स उपयोगकर्ताओं से कई तरह के सवाल पूछते हैं और उनके फेसबुक अकाउंट को हाइजैक कर लेते हैं.
शोधकर्ताओं ने मैलवेयर के लिए वियतनाम के समूहों को जिम्मेदार ठहराया है. साथ ही कहा है कि गूगल प्ले और अन्य ऐप स्टोर का उपयोग करके यह वितरित करने में सक्षम है. गूगल को मैलवेयर के संबंध में रिपोर्ट भेजी गयी है. साथ ही इसे सत्यापित भी किया गया. इसके बाद सभी स्टोर से एप्लिकेशन को हटा दिया गया है.