17.5 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Houthi attack: लाल सागर में हूतियों के हमले से कच्चे तेल और वाहनों के दाम बढ़ने के आसार

Houthi attack in Red Sea: लाल सागर में हूतियों के हमले ने सप्लाई चेन को बुरी तहर प्रभावित कर रखा है. हालांकि, ईरान समर्थित आतंकियों के हमले से भारत अछूता है, लेकिन आयात-निर्यात लागत काफी बढ़ गई है.

Houthi attack in Red Sea: लाल सागर में ईरान समर्थित हूती आतंकियों ने मालवाहक जहाजों पर एक बार फिर हमला कर दिया है. इससे भारत समेत दक्षिण-पश्चिम एशिया के देशों से होने वाले आयात-निर्यात के साथ-साथ पूरी दुनिया में सप्लाई चेन बाधित हो गया है. पश्चिमी देशों से आने वाले मालवाहक जहाजों को लंबी दूरी वाले समुद्री मार्ग से भारत समेत एशिया के दूसरे देशों तक जाना पड़ रहा है. हूतियों के इस हमले से सप्लाई चेन प्रभावित होने की वजह से कच्चे तेल और वाहन निर्माण में इस्तेमाल होने वाले कल-पुर्जों के दाम बढ़ने के आसार अधिक हैं. आशंका जाहिर की जा रही है कि इस हमले से भारत में आने वाले दिनों में पेट्रोलियम पदार्थों और कारों की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है.

नवंबर 2023 से हमले कर रहे हूती आतंकवादी

मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, ईरान समर्थित हूती आतंकवादियों ने नवंबर 2024 में पहली बार मालवाहक जहाजों पर हमला किया था. इसके बाद इन आतंकवादियों ने जनवरी में हमले किए और अभी हाल के दिनों में एक बार फिर हमला कर दिया है. खबर यह भी है कि इन हूती आतंकवादियों ने यमन में लाल सागर के तहत हवाई अड्डे का निर्माण भी शुरू कर दिया है.

ईरान के कब्जे में अमेरिकी तेल कंपनी का टैंकर

उधर, ईरान ने दावा किया है कि उसने अमेरिकी तेल कंपनी शेवरॉन कॉर्प को भेजे जा रहे तेल के टैंकर को अपने कब्जे में ले लिया है, जिसकी कीमत करीब 5 करोड़ डॉलर है. यह टैंकर कुवैत से अमेरिका भेजा जा रहा था. उसने दावा किया है कि वह इस टैंकर को जब्त कर लेगा. इससे पहले भी उसने तेल के टैंकरों को जब्त कर लिया था. उसके इस कदम को अमेरिका और नाटो समेत तमाम पश्चिमी देश ईरान के खिलाफ खड़े दिखाई दे रहे हैं. मीडिया की रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि पश्चिमी देश और ईरान-हूतियों ने लाल सागर को लेकर युद्ध की तैयारियां भी शुरू कर दी हैं. इसमें एक तरफ हूती आतंकवादी-ईरान और दूसरी तरफ अमेरिका, नाटो, ब्रिटेन समेत तमाम पश्चिमी देश शामिल होंगे.

ईरान को रूस-चीन और इस्लामिक देशों का समर्थन

मीडिया की एक रिपोर्ट में यह भी बताया जा रहा है कि लाल सागर को लेकर रूस, चीन और इस्लामिक देश ईरान को अपना समर्थन दे रहे हैं. करीब नौ साल पहले सुर्खियों में आए हूतियों को ईरान का समर्थन हासिल है. ईरान के समर्थन से साल 2014 में हूती आतंकवादियों ने यमन की राजधानी सना पर कब्जा करके इसके एक बड़े हिस्से को अपने अधीन कर लिया था. इससे पहले ये आतंकवादी सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात पर भी हमला कर चुके हैं. खबर है कि ये हूती आतंकवादी यमन में अपने कब्जे वाली जगह पर समुद्र से सटे हवाई अड्डे का निर्माण भी कर रहे हैं.

यमन में हवाई अड्डा बना रहे हूती आतंकवादी

समाचार एजेंसी एसोसिएट प्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, यमन के हूती आतंकवादियों ने मध्यपूर्व जलमार्ग में जहाजों पर एक बार फिर निशाना साधा है. समाचार एजेंसी ने सैटेलाइट से ली गई एक तस्वीर भी जारी की है, जिससे पता चलता है कि हूती आतंकवादियों ने महत्वपूर्ण समुद्री मार्ग हिंद महासागर क्षेत्र के एंट्री एरिया में हवाई अड्डा का निर्माण शुरू कराया है. हालांकि, किसी देश ने अभी तक सार्वजनिक रूप से ऐसा कोई दावा नहीं किया है कि अदन की खाड़ी के एंट्री के पास हिंद महासागर क्षेत्र में अब्द अल-कुरी द्वीप पर कोई निर्माण कार्य हो रहा है.

अमेरिकी सेना ने ड्रोन नष्ट करने का किया दावा

वहीं, एसोसिएट प्रेस की दूसरी खबर में यह भी बताया गया है कि अमेरिकी सेना ने युद्धग्रस्त यमन में हूती आतंकवादियों के कब्जे वाले क्षेत्र में एक ड्रोन और लाल सागर में एक महत्वपूर्ण जलमार्ग के ऊपर एक दूसरे ड्रोन को नष्ट किया है. ईरान समर्थित हूती आतंकवादियों और अमेरिका के बीच कई महीनों से बढ़ रहे तनाव के बीच यह ताजा घटना हुई है. अमेरिकी मध्य कमान (सेंटकॉम) ने रविवार को कहा कि शनिवार सुबह नष्ट किए गए ड्रोन क्षेत्र में अमेरिकी एवं गठबंधन बलों और वाणिज्यिक पोत के लिए खतरा थे.

भारत के लिए महत्वपूर्ण है लाल सागर

अंतरराष्ट्रीय व्यापार के दृष्टिकोण से लाल सागर भारत के लिए काफी महत्व रखता है. समुद्री व्यापार को सुविधाजनक बनाने में अपनी भूमिका के कारण लाल सागर भारत के लिए रणनीतिक महत्व रखता है. स्वेज नहर लाल सागर को भूमध्य सागर से जोड़ती है. यह मार्ग यूरोप से आने-जाने वाले भारतीय जहाजों के लिए एक महत्वपूर्ण मार्ग है.

आयात-निर्यात की बढ़ी लागत

हालांकि, बताया यह भी जा रहा है कि लाल सागर में हूतियों के हमले से अभी भारत के आयात-निर्यात पर सीधा असर नहीं पड़ा है, लेकिन सप्लाई चेन बाधिक होने और आयात-निर्यात के लिए समुद्री मार्ग बदलने से परिवहन लागत में बढ़ोतरी देखी जा रही है. भारतीय अधिकारियों का कहना है कि लाल सागर संकट से आयात-निर्यात की परिवहन लागत काफी बढ़ गई है, क्योंकि जहाज भेजने वाले लंबा रास्ता अपना रहे हैं.

सप्लाई चेन बुरी तरह से प्रभावित

उधर, खबर यह भी है कि वाणिज्यिक जहाजों पर यमन के हूती आतंकवादियों के हमलों की वजह से दुनिया के सबसे व्यस्त जलमार्ग,लाल सागर से माल की आवाजाही ने ग्लोबल सप्लाई चेन को बुरी तरह प्रभावित किया है. जहाजों को निर्यात और आयात के लिए लंबे रास्ते अपनाने पड़ रहे हैं. थिंक टैंक जीटीआरआई के अनुसार, औसत कंटेनर स्पॉट दरें दिसंबर 2023 की शुरुआत से दोगुनी से अधिक हो गई हैं. बासमती चावल निर्यातकों को लाल सागर के आसपास के गंतव्यों के लिए माल ढुलाई लागत 2,000 अमेरिकी डॉलर प्रति 20 टन कंटेनर तक बढ़ने का सामना करना पड़ रहा है, जो 233 फीसदी की वृद्धि दर्शाता है.

ऑटो-पेट्रोलियम सेक्टर प्रभावित

इतना ही नहीं, लाल सागर संकट की वजह से ऑटो सेक्टर और पेट्रोलियम सेक्टर में भी प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिल रहा है. इसका कारण यह है कि ऑटो सेक्टर में वाहनों के निर्माण के लिए पश्चिमी देशों से आयात कर मंगाए जाने वाले कल-पुर्जों की लागत काफी बढ़ गई है, जिसका असर गाड़ियों की कीमतों पर दिखाई दे रहा है. वहीं, कच्चे तेल के आयात पर भी इसका गहरा असर पड़ने की आशंका है. बिजनेस टूडे की वेबसाइट की एक रिपोर्ट के अनुसार, यूरोप और मध्यपूर्व में चल रहे दो युद्धों से भारत काफी हद तक अछूता है, लेकिन यमन के हूती आतंकवादियों के हमलों की वजह से लाल सागर में पैदा हुए संकट ने भारत के शिपमेंट को प्रभावित करना शुरू कर दिया है. इसने सरकार में खतरे की घंटी बजा दी है.

Also Read: India Export Data: लाल सागर में समस्या के बाद भी बढ़ा भारत का निर्यात, व्यापार घाटा नौ माह के निचले स्तर पर पहुंचा

भारत ने उठाया ये कदम

बिजनेस टूडे की रिपोर्ट में कहा गया है कि यमन के हूती आतंकवादियों की ओर से 19 नवंबर से लगातार किए जा रहे हमलों की वजह से माल ढुलाई लागत में वृद्धि का खतरा काफी बढ़ गया है, जो भारतीय निर्यात को नुकसान पहुंचा सकता है और कच्चे तेल में उछाल हो सकता है. हालांकि, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जनवरी 2024 के मध्य में हूतियों का समर्थन करने वाले ईरान के साथ इस मुद्दे को उठाया था. वहीं, वाणिज्य मंत्रालय निर्यातकों के साथ उनकी समस्याओं को सुलझाने के लिए काम कर रहा है. भारतीय जहाजों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारतीय नौसेना को भी लाल सागर के क्षेत्र में तैनात किया गया है.

Also Read: ऑटो सेक्टर को हिला रहा ‘लाल सागर’ से उठा तूफान, जानें अब क्या होगा अंजाम

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें