Aadhaar Card 2.0 Latest News: आपके पास अभी जो आधार कार्ड (Aadhaar Card) है, बहुत जल्द उसका स्वरूप बदलने वाला है. लोगों की सूचना को सुरक्षित रखने और साइबर सुरक्षा बढ़ाने की दिशा में भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) काम कर रहा है. प्राधिकरण ब्लॉकचेन (Blockchain) और क्वॉन्टम कंप्यूटिंग तकनीक (Quantum Computing Technology) का इस्तेमाल करना चाहता है, ताकि डीसेंट्रलाइज्ड सॉल्यूशन (विकेंद्रित समाधान) मुहैया कराने में मदद मिल सके. हालांकि, यूआईडीएआई को भी अभी यह पता नहीं है कि यह कितना उपयोगी साबित होगा.
दरअसल, आधार कार्ड (Aadhaar Card Latest News Update) जारी करने वाली संस्था यूआईडीएआई अब ‘आधार 2.0’ (Aadhaar Card 2.0) की दिशा में आगे बढ़ रहा है. अगर योजना सफल हुई, तो स्वचालित बायोमीट्रिक मिलान (Biometric Verification) अधिक तेजी से किया जा सकेगा. यह अधिक सुरक्षित भी होगा. यूआईडीएआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सौरभ गर्ग (UIDAI CEO Saurabh Garg) ने यह जानकारी दी है.
श्री गर्ग ने कहा है कि प्राधिकरण ब्लॉकचेन एवं क्वॉन्टम कंप्यूटिंग तकनीकों का अधिकतम फायदा उठाने के बारे में भी सोच रहा है. गर्ग ने कहा, ‘हम देख रहे हैं कि ब्लॉकचेन से क्या मदद मिल सकती है और डीसेंट्रलाइज्ड सॉल्यूशन (विकेंद्रित समाधान) मुहैया कराने में क्या इसका कोई उपयोग किया जा सकता है?
सौरभ गर्ग ने एक सम्मेलन में कहा कि प्राधिकरण ‘आंशिक सत्यापन’ को सक्षम बनाने वाले समाधानों पर गौर करने के लिए तैयार है. श्री गर्ग ने ‘भारत डिजिटल सम्मेलन-2022’ (Bharat Digital Sammelan 2022) में कहा कि यूआईडीएआई (uidai e aadhaar card download) ऐसे समाधानों के बारे में उद्योग जगत की राय जानना चाहता है. उनका मानना है कि उद्योग की जरूरतों के अनुरूप अगर समाधान खोजा जाये, तो इसके फायदे अधिक होंगे.
इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) की ओर से आयोजित सम्मेलन में सौरभ गर्ग ने कहा कि यूआईडीएआई आधार (uidai aadhar card status) के अद्यतन संस्करण ‘आधार 2.0’ (aadhaar card 2.0 latest news update) की तरफ कदम बढ़ा रही है. अब वह ब्लॉकचेन एवं क्वॉन्टम कंप्यूटिंग के इस्तेमाल की संभावनाओं पर भी गौर कर रही है. इन मुद्दों पर उद्योग जगत की राय जानने से ही पता चल पायेगा कि उनकी मांग किस तरह की है और हम उसके हिसाब से सुविधा मुहैया कर पाते हैं या नहीं.
उन्होंने कहा कि सिर्फ किसी व्यक्ति के खास इलाके का निवासी होने की पुष्टि के लिए भी सत्यापन की जरूरत पड़ सकती है. इस तरह की सेवाएं देने के लिए प्राधिकरण ने अभी तक समाधान विकसित नहीं किये हैं. अब इसके बारे में गौर करने के लिए तैयार है.
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यूआईडीएआई के सीईओ ने कहा कि आधार नंबर के माध्यम से हर दिन 5 करोड़ से भी अधिक सत्यापन किये जा रहे हैं. हर महीने आधार-समर्थित भुगतान प्रणाली के जरिये 40 करोड़ से भी अधिक बैंकिंग लेन-देन हो रहे हैं. उन्होंने ‘आधार 2.0’ (Aadhaar 2.0) का जिक्र करते हुए कहा कि इससे स्वचालित बायोमीट्रिक मिलान अधिक तेजी से किया जा सकेगा और यह अधिक सुरक्षित भी होगा.
गर्ग ने कहा, ‘हम देख रहे हैं कि ब्लॉकचेन से क्या मदद मिल सकती है और डीसेंट्रलाइज्ड सॉल्यूशन (विकेंद्रित समाधान) मुहैया कराने में क्या इसका कोई उपयोग किया जा सकता है? अभी यह भविष्य के गर्भ में है, लेकिन हमारी नजर इस पर है. वहीं क्वॉन्टम कंप्यूटिंग के बारे में हमें यह देखना है कि इससे जुड़े क्या सुरक्षा समाधान (Security Solution) लाये जा सकते हैं?’
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सौरभ गर्ग ने अपने संबोधन में कहा कि सुरक्षा से जुड़े पहलू यूआईडीएआई के लिए सबसे अहम हैं. उन्होंने कहा कि प्राधिकरण आधार से जुड़े लोगों की जानकारी को सुरक्षित रखने और साइबर सुरक्षा (Cyber Security) बढ़ाने की दिशा में लगातार काम कर रहा है.
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हो सकता है कि कुछ लोग सिर्फ अपनी उम्र की पुष्टि करना चाहते हों और उनका इससे ज्यादा जानकारी पाने का इरादा न हो.
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किसी व्यक्ति के खास इलाके का निवासी होने की पुष्टि के लिए भी सत्यापन की जरूरत पड़ सकती है.
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कुछ लोगों को कोई और विशिष्ट सूचना चाहिए होगी. ‘आधार 2.0’ में वे सारी सुविधाएं देने की कोशिश की जा रही है.
Posted By: Mithilesh Jha