Uber Hacked Updates : ऑनलाइन कैब सेवा प्रदान करने वाली कंपनी उबर को लेकर बड़ी खबर आ रही है. जी हां…उबर ने अपने डेटा नेटवर्क में सेंधमारी की घटना की जानकारी दी है. कंपनी ने इस संबंध में कानूनी एजेंसियों को बताया है और कहा है कि वह साइबर सुरक्षा के इस मसले से निपटने का प्रयास कर रही है.
उबर ने इस बाबत एक मेल किया है. कंपनी ने ईमेल में कहा कि वह साइबर सुरक्षा से जुड़ी एक घटना से उपजे हालात से निपटने की प्रक्रिया में है. इसके साथ ही उसने कहा कि वह लगातार पुलिस एवं अन्य एजेंसियों के संपर्क में है और किसी भी प्रगति की जानकारी से अवगत कराती रहेगी.
दरअसल, एक हैकर ने उबर के डेटा नेटवर्क की सुरक्षा में सेंध मारा है. साथ ही बड़े पैमाने पर डाटा पर अटैक किया है. इस संबंध में ‘द टाइम्स’ ने भी खबर प्रकाशित की है. खबर की मानें तो, हैकर एक 18 साल का लड़का था और उसने उबर के कमजोर डेटा सुरक्षा नेटवर्क का लाभ उठा लिया और इसमें सेंध लगाने में वह सफल रहा.
वहीं ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ का कहना है कि इस डेटा सेंधमारी की जिम्मेदारी लेने वाले युवक ने सोशल इंजीनियरिंग को जरिया बनाया और डेटा नेटवर्क तक पहुंच गया. हैकर का दावा है कि उसने उबर के एक कर्मचारी को तकनीकी कर्मचारी बनकर एक लिखित संदेश भेजने का काम किया. इसके बाद उसे पासवर्ड देने के लिए मना लिया. इस बारे में एक सुरक्षा इंजीनियर ने कहा कि सेंधमारी करने वाले युवक ने उबर की महत्वपूर्ण प्रणालियों तक पहुंच बनाने के सबूत भी साझा किये हैं.
इस संबंध में युग लैब्स के इंजीनियर सैम करी ने कहा कि ऐसा लगता है कि हैकर ने एक बड़े डेटा में सेंधमारी की है. सेंधमारी की जद में अमेजन और गूगल के क्लाउड नेटवर्क पर मौजूद उबर के डेटा स्टोर भी आ गये हैं. हालांकि, इस तरह का कोई संकेत नहीं मिला है कि इस हैकिंग से उबर के वाहनों के बेड़े या उनके परिचालन पर कोई असर पड़ा है. करी का यह भी मानना है कि हैकर ने यह पूरी कवायद प्रचार पाने की नीयत से की है क्योंकि उसने डेटा को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाया है. हैकर ने सुरक्षा इंजीनियरों के साथ एक टेलीग्राम अकाउंट भी साझा करने का काम किया है.
हालांकि, ‘द एसोसिएटेड प्रेस’ ने जब इस टेलीग्राम अकाउंट पर हैकर से संपर्क करने की कोशिश की तो उसकी ओर से कोई भी प्रतिक्रिया नहीं देखने को मिली. वैसे उबर के डेटा नेटवर्क में एक बार पहले भी सेंध लग चुकी है. वर्ष 2016 में हुई उस हैकिंग के दौरान उबर के करीब 5.7 करोड़ उपभोक्ताओं एवं ड्राइवरों से संबंधित निजी जानकारियां खतरे में पड़ी थीं.
भाषा इनपुट के साथ