भारत में पहली बार मिला लाखों टन लिथियम का भंडार
मोबाइल-लैपटॉप EV की बैटरी बनाने के काम आता है लिथियम
फिलहाल, ऑस्ट्रेलिया-अर्जेंटीना से इंपोर्ट होता है लिथियम
Lithium Reserve Found In J&K Usage: भारत में पहली बार जम्मू और कश्मीर में 59 लाख टन लिथियम का भंडार मिला है. भारत सरकार के खनन मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (GSI) ने जम्मू एवं कश्मीर में रियासी जिले के सलाल-हैमाना इलाके में 59 लाख टन लिथियम संसाधन (जी3) की पहली बार पुष्टि की है. लिथियम के भंडार की यह पहली साइट है, जिसकी भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) ने की है. लिथियम एक गैर-लौह धातु है और इसका इस्तेमाल इलेक्ट्रिक व्हीकल और मोबाइल फोन जैसे उपकरणों की बैट्री बनाने में किया जाता है. फिलहाल लिथियम को ऑस्ट्रेलिया-अर्जेंटीना और दूसरे देशों से आयात किया जाता है. रियासी जिले में अब इसके भंडार के दोहन से देश की आयात पर निर्भरता कम होगी.
आईआईटी, मंडी के स्कूल ऑफ मेकैनिकल ऐंड मैटेरियल्स इंजीनियरिंग में असोसिएट प्रॉफेसर सत्वशील पोवार कहते हैं कि लिथियम बैट्री का इस्तेमाल बच्चों के खिलौनों से लेकर फोन और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को पावर देने में होता है. भारत में लिथियम का बड़ा भंडार मिलने से लिथियम बैट्री का प्रोडक्शन भारत में शुरू हो सकता है. इससे इन सामानों का आयात नहीं करना पड़ेगा. इससे इन पर लगनेवाली 29% इंपोर्ट ड्यूटी सीधे कम हो जाएगी. ऐसे में भारत में लिथियम भंडार मिलने का सबसे बड़ा फायदा तो यह होगा कि लिथियम बैट्री से चलनेवाली चीजें सस्ती हो जाएंगी. दूसरा यह कि भारत लिथियम बैट्री निर्माता देश के रूप में उभरेगा और इससे आनेवाले दिनों में रोजगार बढ़ेंगे.
Also Read: EV Fire: इलेक्ट्रिक वाहनों में क्यों लगती है आग? जानें बचाव के टिप्सलिथियम एक अलौह धातु है, जो मोबाइल फोन, डिजिटल कैमरा, लैपटॉप और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए रिचार्बेल बैट्री में उपयोग किया जाता है. इसके अलावा इसका इस्तेमाल खिलौनों और घड़ियों के लिए भी किया जाता है. इस समय भारत लिथियम के लिए पूरी तरह दूसरे देशों पर निर्भर है. माइंस सेक्रेटरी विवेक भारद्वाज ने बताया, देश में पहली बार जम्मू-कश्मीर के रियासी में लिथियम के भंडार की खोज की गई है. उन्होंने कहा, चाहे मोबाइल फोन हो या सोलर पैनल, महत्वपूर्ण खनिजों की हर जगह आवश्यकता होती है. आत्मनिर्भर बनने के लिए देश के लिए महत्वपूर्ण खनिजों का पता लगाना और उन्हें संसाधित करना बहुत आवश्यक है. उन्होंने यह भी कहा कि अगर आयात कम करें, तो हम आत्मानिर्भर बन जाएंगे. 62वीं केंद्रीय भूवैज्ञानिक प्रोग्रामिंग बोर्ड (CGPB) की बैठक के दौरान लिथियम और गोल्ड समेत 51 खनिज ब्लॉक्स पर एक रिपोर्ट राज्य सरकारों को सौंपी गई.
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