People can talk after death – विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में हर रोज नये और अविश्वसनीय चमत्कार हो रहे हैं. इसी कड़ी में भारतीय मूल के एक कंप्यूटर वैज्ञानिक ने दावा किया है कि इंसान इस साल, यानी 2023 के अंत तक कंप्यूटर में चेतना और संवेदनशीलता अपलोड करने में सक्षम होगा. इस प्रोजेक्ट पर काम करनेवाले डॉक्टर प्रतीक देसाई अकेले साइंटिस्ट नहीं हैं. जब से यह प्रोजेक्ट रिसर्च लैब से बाहर, खबरों में आया है, वैज्ञानिकों का यह असंभव सा लगनेवाला कंसेप्ट तेजी से वायरल हो रहा है.
डॉ प्रतीक देसाई ने प्रियजनों की आवाज के नमूने नियमित रूप से रिकॉर्ड करना शुरू करने की अपील की है, ताकि वे अपनी मृत्यु के बाद भी ‘जीवित’ रह सकें. न्यूयॉर्क पोस्ट के अनुसार, वैज्ञानिक ने हाल ही में ट्विटर पर लिखा, अपने माता-पिता, बड़ों और प्रियजनों को नियमित रूप से रिकॉर्ड करना शुरू करें. पर्याप्त ट्रांसक्रिप्ट डेटा, नये वॉयस सिंथेसिस और वीडियो मॉडल के साथ, 100 प्रतिशत संभावना है कि भौतिक शरीर छोड़ने के बाद वह हमेशा आपके साथ रहेंगे.
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डॉ प्रतीक देसाई ऐसा दावा करनेवाले अकेले नहीं हैं. इससे पहले, मेटावर्स कंपनी सोनानियम स्पेस एआई-बेस्ड लिव फॉरएवर मोड की पेशकश कर चुकी है. इसका लक्ष्य लोगों के लिए अपने प्रियजनों के साथ मेटावर्स में बात करना संभव बनाना है. कंपनी के फाउंडर-सीईओ अर्तुर साइकोव ने कहा कि उनका प्रोजेक्ट लोगों को मरने के बाद तक उनके बात करने और चलने-फिरने के तरीके को स्टोर करना संभव बनायेगा. और इससे वे अपने रिश्तेदारों से बात करने के लिए ऑनलाइन अवतार में मृत्यु से वापस आ सकते हैं.
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