सड़क हादसों पर अब लगेगी लगाम ! इंडियन आर्मी ने बनाया स्पेशल AI बेस्ड डिवाइस, जानें कैसे करता है काम

इंडियन आर्मी ने एक ऐसा डिवाइस बनाया है जिसकी मदद से नींद की वजह से होने वाले सड़क हादसों पर रोक लगायी जा सकेगी. बता दें यह एक AI बेस्ड डिवाइस है. तो चलिए जानते हैं कि, आखिर इंडियन आर्मी का यह डिवाइस काम किस तरह से करता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 25, 2023 2:47 PM

टेक्नोलॉजी जगत में काफी तेजी से बदलाव हो रहे हैं. आये दिन दुनिया के सामने कई की टेक्नोलॉजी को पेश किया जा रहा है. टेक जगत में सबसे लेटेस्ट आविष्कार AI या फिर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को भी बताया जा सकता हैं. AI का इस्तेमाल वैसे तो कई तरह की चीजों के लिए किया जा सकता है लेकिन, क्या आपने कभी सोचा है कि इसका इस्तेमाल सड़क हादसों को रोकने के लिए भी किया जाएगा? अगर नहीं, तो बता दें इंडियन आर्मी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित एक ऐसे डिवाइस को डेवलप किया है जो सड़क हादसों को होने से पहले ही रोकने में मददगार साबित होगा. ख़ुशी की बात यह भी है कि, इंडियन आर्मी को इस डिवाइस को पूरी तरह से डेवलप करने के लिए पेटेंट सर्टिफिकेट भी मिल गया है. अगर आप सोच रहे हैं कि आखिर यह डिवाइस काम कैसे करता है तो बता दें यह AI बेस्ड डिवाइस सड़क हादसों के होने से पहले अलार्म बजाकर वाहन चलाने वाले को सचेत कर देता. खासतौर पर उस समय जब वाहन चलाने वाले को नींद आ रही हो. डिवाइस पर बात करते हुए आर्मी ने बताया कि, इसकी मदद से सड़क हादसों पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी.

2021 में दायर किया गया आवेदन

आपकी जानकारी के लिए बता दें इंडियन आर्मी द्वारा बनाये गए इस AI बेस्ड डिवाइस को अधिकारी कर्नल कुलदीप यादव ने डेवलप किया है. केवल यहीं नहीं साल 2021 में ही उन्होंने इसके पेटेंट के लिए आवेदन भी डाल दिया था. लेकिन करीबन दो साल बाद अब इसे सर्टिफिकेट मिल गयी है. डिवाइस पर बात करते हुए इंडियन आर्मी ने बताया कि, उसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) बेस्ड एक्सीडेंट प्रेवेंशन सिस्टम का पेटेंट मिल गया है. आगे बताते हुए आर्मी ने एक ट्वीट जारी किये जिसमें उन्होंने कहा कि, इस एक्सीडेंट प्रवेंशन डिवाइस को सेना के रिसर्च और डेवलपमेंट (R&D) कंपोनेंट द्वारा स्वदेशी रूप से डेवलप किया गया है. पेटेंट सर्टिफिकेट कहता है कि यह 2 फरवरी 2021 में दायर किया गया था.

कैसे काम करता है यह डिवाइस

आप सभी के दिमाग में अब यह सवाल जरूर आ रहा होगा कि, आखिर यह AI बेस्ड डिवाइस काम कैसे करता है ? अगर आप भी यह जानने में दिलचस्पी रखते हैं तो बता दें इस डिवाइस को एक्सीडेंट प्रेवेंशन के तौर पर तैयार किया गया है. यह डिवाइस वाहन चालक की गतिविधियों पर नजर रखेगा और वाहन चलाते समय अगर चालक को नींद आती है या फिर वह झपकी लेता है तो यह एक तेज आवाज में अलार्म बजा देगा. जब तेज आवाज होगी तो चालक की नींद खुल जाएगी और ऐसा होने की वजह से नींद के कारण होने वाली सड़क दुर्घटनाओं पर रोक लगाने में काफी मदद मिलेगी. जानकारी के मुताबिक़ इस डिवाइस को केवल आर्मी के वाहनों में ही नहीं बल्कि, किसी भी अन्य वाहन में आसानी से लगाया जा सकेगा. बता दें यह जो डिवाइस है उसे वाहन के डैशबोर्ड पर फिट किया जाता है और यह हमेशा चालक की आंखों पर नजर रखता है. सफर के दौरान चालक को जब भी नींद आती है यह डिवाइस उसे अलर्ट कर देता है.

हर परिस्थिति में की गयी टेस्टिंग

AI बेस्ड डिवाइस पर बात करते हुए इंडियन आर्मी के एक अधिकारी ने मीडिया को बताया कि, इस डिवाइस की टेस्टिंग पहाड़, रेगिस्तान और हाइवेज पर अलग-अलग परिस्थितियों में किया गया है जिसमें यह डिवाइस पूरी तरह से सफल रहा है. सफल टेस्टिंग के बाद अब इस डिवाइस को इंडियन आर्मी के सभी वाहनों में फिट किया जा रहा है. जानकारी के लिए बता दें पेटेंट हासिल करने से पहले AI-बेस्ड एक्सीडेंट प्रेवेंशन डिवाइस की टेस्टिंग आंध्र प्रदेश और तेलंगाना सहित दो राज्यों के परिवहन निगम की बसों में सफलतापूर्वक की गई थी. इस AI बेस्ड डिवाइस की एक खास बात यह भी है कि, इसे बिना किसी परेशानी के ट्रकों में भी फिट किया जा सकता है.

इस वजह से होते हैं 57 प्रतिशत सड़क हादसे

AI बेस्ड डिवाइस को डेवलप करने के पीछे के कारणों के बारे में पूछे जाने पर कर्नल कुलदीप यादव ने बताया कि, उनके मन में इस डिवाइस को विकसित करने का ख्याल उस समय आया जब वह मणिपुर में सेना की एक यूनिट को संभाल रहे थे. उन्होंने बताया कि, पहाड़ों में वाहन चलाते समय चालक थक जाते हैं और उनकी आंख लग जाती थी. ऐसा होने की वजह से सड़क दुर्घटना होने की संभावना बढ़ जाती थी. जो सरकारी आंकड़े पेश किये गए हैं उसके अनुसार साल 2021 के दौरान देश में सड़क हादसों की वजह से कुल 1.54 लाख लोगों के मारे जाने की जानकारी है. वहीं, एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार 57 प्रतिशत से अधिक ट्रक हादसे चालकों के सो जाने की वजह से होते हैं.

Next Article

Exit mobile version