Electronic Interlocking: रेलवे में इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग क्या होता है, जो बना बालासोर रेल हादसे की वजह

what is electronic interlocking - रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम में बदलाव के कारण बालासोर रेल दुर्घटना हुई है. अश्विनी वैष्णव के इस बयान बाद लोग अब यह जानना चाहते हैं कि इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम क्या है और यह कैसे काम करता है? आइए जानें-

By Rajeev Kumar | June 4, 2023 6:15 PM
an image

Balasore Train Accident Reason Electronic Interlocking: ओडिशा के बालासोर में भीषण ट्रेन दुर्घटना के बाद रेलवे की लापरवाही पर सवाल उठने लगे हैं. रेलवे व्यवस्था में कई खामियां निकाली जा रही हैं. इसी बीच, ओडिशा बालासोर रेल हादसे की प्रमुख वजह का पता चल गया है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार, 4 जून को कहा है कि इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम में बदलाव के कारण बालासोर रेल दुर्घटना हुई है. अश्विनी वैष्णव ने कहा- यह हादसा एक अलग मुद्दा है. मशीन, इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग के बारे में यह पॉइंट है. इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग के दौरान बदलाव होने की वजह से यह दुर्घटना हुई. अब यह जांच का मुद्दा है कि यह किसने किया और कैसे हुआ, और इसकी जांच चल रही है. अश्विनी वैष्णव के इस बयान बाद लोग अब यह जानना चाहते हैं कि इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम क्या है और यह कैसे काम करता है? आइए जानें-

What is Electronic Interlocking in Railway ?

रेलवे में इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग क्या है ?

आसान भाषा में कहें, तो इंटरलॉकिंग ट्रेन की सुरक्षा सुनिश्चित करने का एक सिस्टम है. रेलवे में इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग (Railway Electronic Interlocking) एक ऐसा सिस्टम है, जो रेलवे सिग्नलिंग प्रणाली को नियंत्रित करने के लिए इस्तेमाल में लायी जाती है.

इंटरलॉकिंग का मतलब है कि अगर लूप लाइन सेट है, तो लोको पायलट को मेन लाइन का सिग्नल नहीं मिलेगा. वहीं, अगर मेन लाइन सेट है, तो लूप लाइन का सिग्नल नहीं मिलेगा.

इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिग्नल अरेंजमेंट की एक व्यवस्था है, जो लाइन और ट्रेनों के बीच एक ऐसा सिस्टम तैयार करती है, जो ट्रेन कोलिजन होने से बचाती है.

इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम की वजह से किसी भी ट्रेन को तब तक आगे बढ़ने का सिग्नल नहीं मिलता जब तक लाइन क्लियर ना हो.

इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम यार्ड और पैनल इनपुट पढ़ने के लिए एक माइक्रोप्रॉसेसर आधारित इंटरलॉकिंग डिवाइस है. यह सिस्टम पारंपरिक रिले इंटरलॉकिंग सिस्टम का विकल्प है.

Also Read: Coromandel Train Accident Reason: मेन लाइन की जगह लूप लाइन पर थी कोरोमंडल एक्सप्रेस? क्या है दोनों में अंतर?
How Did Coromandel Train Accident Happen ?

कैसे हुआ कोरोमंडल रेल हादसा?

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि शुक्रवार, 2 जून को शाम के समय कोरोमंडल एक्सप्रेस दुर्घटना का शिकार हो गई थी. ओडिशा के बालासोर जिले के एक स्टेशन के पास कोरोमंडल एक्सप्रेस की टक्कर मालगाड़ी से हो गई थी. इस हादसे में 275 लोगों की मौत हो गई, वहीं 1100 से अधिक लोग घायल हो गए हैं. ओडिशा में हुई इस रेल हादसे पर रेलवे बोर्ड ने बताया है कि मालगाड़ी पटरी से नहीं उतरी. चूंकि मालगाड़ी लौह अयस्क ले जा रही थी, इसलिए सबसे ज्यादा नुकसान कोरोमंडल एक्सप्रेस को हुआ. यह बड़ी संख्या में मौतों और चोटों का कारण है. कोरोमंडल एक्सप्रेस की पटरी से उतरी बोगियां डाउन लाइन पर आ गईं और यशवंतपुर एक्सप्रेस की आखिरी दो बोगियों से टकरा गईं, जो डाउन लाइन से 126 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से गुजर रही थी.

Also Read: IRCTC का वह इंश्योरेंस, जो 49 पैसे के खर्च पर देता है 10 लाख रुपये का कवर

Exit mobile version