Jeep India और डीलर पर लगा 61 लाख रुपये का जुर्माना, जानिए क्या है पूरा मामला?
आयोग ने जीप इंडिया और डीलरशिप को कार के लिए भुगतान की गई पूरी राशि वापस करने का आदेश दिया. यह राशि में 58.75 लाख रुपये की खरीद मूल्य, 2.25 लाख रुपये की ब्याज और 60,000 रुपये का कानूनी शुल्क शामिल था.
चंडीगढ़ के कंज्यूमर फोरम ने 2023 में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया, जिसमें जीप इंडिया और डीलरशिप को 61.61 लाख रुपये का रिफंड देने का आदेश दिया. यह फैसला एक चंडीगढ़ के ग्राहक के पक्ष में आया था, जिसने 2021 में चंडीगढ़ के एक डीलर से जीप ग्रैंड चेरोकी एसयूवी खरीदी थी.
ग्राहक ने शिकायत की थी कि कार में कई समस्याएं थीं, जिनमें शामिल हैं:
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कार अचानक बंद हो जाती थी
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कार की ब्रेकिंग प्रणाली ठीक से काम नहीं करती थी
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कार के इंजन में कंपन होता था
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कार के दरवाजे ठीक से बंद नहीं होते थे
ग्राहक ने कंज्यूमर फोरम का दरवाजा ठकठकाया
ग्राहक ने इन समस्याओं को ठीक करने के लिए कई बार डीलरशिप का दौरा किया, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला. आखिरकार, ग्राहक ने उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में शिकायत दर्ज कराई.
आयोग ने एक जांच के बाद पाया कि कार में कई गंभीर दोष थे
आयोग ने एक जांच के बाद पाया कि कार में कई गंभीर दोष थे, जिन्हें जीप इंडिया और डीलरशिप ने खराब तरीके से निपटान किया. आयोग ने पाया कि जीप इंडिया ने कार को खराब गुणवत्ता के मानकों के साथ बनाया था, और डीलरशिप ने कार की समस्याओं को ठीक करने के लिए उचित प्रयास नहीं किए थे.
आयोग ने जीप इंडिया और डीलरशिप को कार के लिए भुगतान की गई पूरी राशि वापस करने का आदेश दिया
आयोग ने जीप इंडिया और डीलरशिप को कार के लिए भुगतान की गई पूरी राशि वापस करने का आदेश दिया. यह राशि में 58.75 लाख रुपये की खरीद मूल्य, 2.25 लाख रुपये की ब्याज और 60,000 रुपये का कानूनी शुल्क शामिल था.
उपभोक्ता अदालत का बेहतरीन फैसला
यह मामला भारत में दोषपूर्ण वाहनों के लिए उपभोक्ताओं के अधिकारों के लिए एक महत्वपूर्ण फैसला है. यह दिखाता है कि उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग दोषपूर्ण वाहनों के लिए कार निर्माताओं और डीलरों को जवाबदेह ठहराने के लिए सक्षम हैं. इस फैसले से उपभोक्ताओं को यह भी आशा है कि वे दोषपूर्ण वाहनों के लिए उचित मुआवजा प्राप्त कर सकेंगे.
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