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जियो, एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया टेलीकॉम सेक्टर पर कब तक करते रहेंगे राज? जानें अश्विनी वैष्णव ने क्या कहा

दूरसंचार क्षेत्र में फिलहाल तीन कंपनियां हैं. ये हैं मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया लिमिटेड. जियो अभी सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी बन गई है. कंपनी 5जी लागू करने में भी आगे है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 24, 2023 7:28 PM
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Jio Airtel Vi Rule Telecom Sector: दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि देश में दूरसंचार क्षेत्र में किसी एक कंपनी या दो कंपनियों के एकाधिकार की स्थिति नहीं होगी क्योंकि सार्वजनिक क्षेत्र की बीएसएनएल मजबूती से अपने पैर जमाने में लगी है.

पीटीआई-भाषा की रिपोर्ट के अनुसार, इंडियन एक्सप्रेस मंच एक्सप्रेस अड्डा पर वैष्णव ने भारतीय बाजार में दो कंपनियों के दबदबे को लेकर चिंताओं को खारिज कर दिया. वोडाफोन आइडिया लिमिटेड की खराब होती वित्तीय स्थिति और बाजार हिस्सेदारी घटने के साथ यह चिंता बढ़ी है.

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यह पूछे जाने पर क्या वोडाफोन आइडिया की खराब होती स्थिति और एयरटेल के वित्त के मोर्चे पर मौजूदा चुनौतियों को देखते हुए रिलायंस जियो एकमात्र दूरसंचार कंपनी रह जाएगी, मंत्री ने कहा- नहीं. हम किसी एक कंपनी के दबदबे वाली स्थिति की ओर नहीं जा रहे. यहां तक कि दो कंपनियों के दबदबे की भी स्थिति नहीं होगी.

दूरसंचार क्षेत्र में फिलहाल तीन कंपनियां हैं. ये हैं मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया लिमिटेड. जियो अभी सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी बन गई है. कंपनी 5जी लागू करने में भी आगे है. सुनील भारती मित्तल की एयरटेल, जियो के साथ प्रतिस्पर्धा कर रही है जबकि वोडाफोन आइडिया को अभी 5जी के क्रियान्वयन के बारे में घोषणा करना बाकी है.

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वैष्णव ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की बीएसएनएल के परिचालन के स्तर पर स्थिरता आ रही है. उन्होंने कहा, कंपनी अब परिचालन लाभ कमा रही है. यह बीएसएनएल के लिए स्थिति बदलने वाली कहानी है. यह पूछे जाने पर कि क्या क्षेत्र में तीन कंपनियां या तीन कंपनियां तथा एक संघर्ष कर रही कंपनी होगी, वैष्णव ने कहा कि इस बारे में बाजार निर्णय करेगा.

मंत्री ने यह भी कहा कि भारत अगले पांच साल में सेमीकंडक्टर विनिर्माण के क्षेत्र में बड़ा देश बनेगा. सरकार इसके लिए सही परिवेश सुनिश्चित कर रही है. सरकार ने सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले फैब कारखाने आकर्षित करने के लिए दिसंबर, 2021 में 76,000 करोड़ रुपये की योजना की घोषणा की थी.

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