Koo ने अपने यूजर्स को दी सेल्फ वेरिफिकेशन की फैसिलिटी, ऐसा करने वाला दुनिया का पहला सोशल प्लेटफॉर्म बना
सेल्फ वेरिफिकेशन का फीचर मिलने के बाद अब कोई भी यूजर सरकार द्वारा स्वीकृत पहचान पत्र का इस्तेमाल करके चुटकियों में प्लेटफॉर्म पर अपनी प्रोफ़ाइल को सेल्फ वेरिफाई कर सकता है.
माइक्रो ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म कू ( Koo) एप ने अपने यूजर्स के लिए स्वैच्छिक सेल्फ वेरिफिकेशन का फीचर छह अप्रैल को लॉन्च किया है. अपने यूजर्स को यह सुविधा देने वाला कू एप दुनिया का पहला सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बन गया है.
सरकारी दस्तावेज से होगा वेरिफिकेशन
सेल्फ वेरिफिकेशन का फीचर मिलने के बाद अब कोई भी यूजर सरकार द्वारा स्वीकृत पहचान पत्र का इस्तेमाल करके चुटकियों में प्लेटफॉर्म पर अपनी प्रोफ़ाइल को सेल्फ वेरिफाई कर सकता है. इस फीचर के जरिये यूजर्स सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपने एकाउंट की प्रामाणिकता को साबित कर सकता है और ऐसा करके वह खुद को भी सशक्त कर सकता है. वेरिफाइड एकाउंट से जब विचार पोस्ट किये जायेंगे तो उनकी प्रमाणिकता अधिक होगी.
वेरिफिकेशन के बाद मिलेगा ग्रीन टिक
इस नये फीचर का उपयोग करने के बाद यूजर्स के एकाउंट में हरे रंग का टिक आ जायेगा जो एकाउंट के सेल्फ वेरिफाई होने का सबूत होगा. कू ने यह नया फीचर नये आईटी एक्ट को ध्यान में रखकर लाया है.
ऐसे करना है सेल्फ वेरिफिकेशन
सेल्फ वेरिफिकेशन के लिए यूजर्स को सरकारी पहचान पत्र का नंबर अपलोड करना है उसके बाद फोन नंबर पर आने वाले ओटीपी को दर्ज करना है जिसके बाद एकाउंट वैरिफाई हो जायेगा और यूजर्स को अपने एकाउंट में हरे रंग का निशान दिखने लगेगा. वेरिफिकेशन की यह प्रक्रिया कुछ ही सेकेंड में पूरी हो जाती है और वेरिफिकेशन की यह प्रक्रिया सरकार द्वारा अधिकृत थर्ड पार्टी द्वारा की जाती है. इस प्रक्रिया के दौरान कू एप इससे जुड़ी किसी भी जानकारी को स्टोर नहीं करता है.
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सोशल मीडिया पर विश्वास और सुरक्षा बढ़ाना उद्देश्य
कू एप के सह संस्थापक और सीईओ अप्रमेय राधाकृष्ण ने लॉन्चिंग के मौके पर कहा कि सोशल मीडिया पर विश्वास और सुरक्षा को बढ़ावा देने में कू एप सबसे आगे है. सेल्फ वेरिफिकेशन का फीचर लाकर हम ऐसा करने वाले दुनिया के पहले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म हो गये हैं और इस बात का हमें गर्व भी है. यूजर्स हमारी सुरक्षित वेरिफिकेशन सुविधा का लाभ उठा सकते हैं और कुछ सेकेंड में ही अपने एकाउंट को वेरिफाई कर सकते हैं. अप्रमेय राधाकृष्ण ने कहा कि इस फीचर से यूजर्स तो सशक्त होंगे ही ऑनलाइन गलत सूचनाएं, अभद्र भाषा का प्रयोग और दुर्व्यवहार पर भी रोक लगेगी.