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Koo पर सभी यूजर्स पा सकते हैं Identification Tick, ऐसे कर सकेंगे अप्लाई

Koo Yellow Tick: माइक्रो ब्लॉगिंग प्लैटफॉर्म ट्विटर के भारतीय प्रतिद्वंद्वी के रूप में उभरी 'कू' अपने वेरीफिकेशन प्रोग्राम का दायरा बढ़ाने के लिए सभी यूजर्स के लिए स्वैच्छिक आधार पर 'पहचान टिक' का विकल्प देने की तैयारी में है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 4, 2022 11:11 AM

Koo Yellow Tick: माइक्रो ब्लॉगिंग प्लैटफॉर्म ट्विटर के भारतीय प्रतिद्वंद्वी के रूप में उभरी ‘कू’ अपने वेरीफिकेशन प्रोग्राम का दायरा बढ़ाने के लिए सभी यूजर्स के लिए स्वैच्छिक आधार पर ‘पहचान टिक’ का विकल्प देने की तैयारी में है. ‘कू’ के सह-संस्थापक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अप्रमेय राधाकृष्ण ने मीडिया के साथ बातचीत में इसकी जानकारी देते हुए कहा कि सत्यापन कार्यक्रम का दायरा बढ़ाने के लिए ‘कू’ अपने सभी यूजर्स को ‘पहचान टिक’ की सुविधा देने की योजना बना रही है.

माइक्रो ब्लॉगिंग मंच ट्विटर के भारतीय प्रतिद्वंद्वी के रूप में उभरी कू अपने सत्यापन कार्यक्रम का दायरा बढ़ाने के लिए सभी उपयोगकर्ताओं के लिए स्वैच्छिक आधार पर ‘पहचान टिक’ का विकल्प देने की तैयारी में है. कू के सह-संस्थापक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अप्रमेय राधाकृष्ण ने पीटीआई-भाषा के साथ बातचीत में इसकी जानकारी देते हुए कहा कि सत्यापन कार्यक्रम का दायरा बढ़ाने के लिए कू अपने सभी उपयोगकर्ताओं को ‘पहचान टिक’ की सुविधा देने की योजना बना रही है.

राधाकृष्ण ने पहचान टिक के प्रस्ताव पर कहा कि इस व्यवस्था को उपयोगकर्ताओं के लिए वैकल्पिक आधार पर दिया जाएगा और इसमें किसी तरह की बाध्यता नहीं होगी. उन्होंने कहा, हमारे पास पहले से ही एक एमिनेंस टिक सुविधा है. पहचान टिक के जरिये हमारे आम उपयोगकर्ता यह कह पाएंगे कि वे असली हैं. उन्होंने कहा कि पहचान टिक को जल्द ही उन सभी उपयोगकर्ताओं के लिए मुहैया करा दिया जाएगा, जो इसका इस्तेमाल करना चाहेंगे. देखने में भी पहचान टिक पीले रंग की एमिनेंस टिक से अलग होगी.

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उन्होंने कहा कि स्वदेशी स्तर पर विकसित इस माइक्रो ब्लॉगिंग मंच का विस्तार दूसरे देशों में भी करने की मंशा है लेकिन कंपनी इसमें जल्दबाजी नहीं करना चाहती है. उन्होंने कहा कि विदेशों में विस्तार कंपनी की तात्कालिक प्राथमिकता में नहीं है. राधाकृष्ण ने कहा कि कंपनी की नजर फिलहाल घरेलू स्तर पर बाजार की अगुवा बनने पर है और स्थानीय संस्कृतियों एवं मूल्यों के अनुरूप खुद को ढालने से जुड़े सभी जरूरी सबक भारत में काम करते हुए ही सीख लेना चाहती है. कू का नाइजीरिया में भी परीक्षण चल रहा है.

कंपनी का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने की योजना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह अभी बहुत दूर की बात है और कू अभी अपनी वृद्धि पर नजरें टिकाये हुए है. कू को तीन करोड़ से अधिक लोगों ने डाउनलोड किया हुआ है. (इनपुट : भाषा)

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