Motor Vehicle Act New Rules : देश में जारी कोरोना संकट (Coronavirus) के बीच 1 अक्टूबर से रोजमर्रा की कई चीजें बदलने वाली है. इनमें से कई नियम ऐसे हैं, जिनका सीधा असर आप पर पड़ने वाला है. देश में 1 अक्टूबर से अनलॉक-5 (Unlock 5.0) की भी शुरुआत हो रही है. 1 अक्टूबर से मोटर वाहन नियम, रसोई गैस, उज्जवला योजना, बैंकिंग समेत कई नियम बदल रहे है. ऐसे में जरूरी है कि आप इनके बारे में पहले से ही जान लें. आइए जानते हैं कि 1 अक्टूबर 2020 (October 1, 2020) से मोटर व्हीकल एक्ट में क्या-क्या बदलने वाला है-
ड्राइविंग के दौरान कर सकेंगे मोबाइल का इस्तेमाल
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा मोटर वाहन नियम 1989 में किये गए संशोधनों के अनुसार, ड्राइविंग के दौरान रूट देखने के लिए अब आप मोबाइल का भी इस्तेमाल कर सकेंगे. हालांकि मोबाइल या अन्य हैंड हेल्ड डिवाइस का इस्तेमाल सिर्फ रूट देखने के लिए किया जाएगा. इस दौरान अगर आप मोबाइल से बात करते पाये गए, तो आपके ऊपर 1 हजार से 5 हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने मोटर वाहन नियम 1989 में किये गए ऐसे विभिन्न संशोधनों की अधिसूचना जारी कर दी है, जो 1 अक्टूबर से लागू हो जाएंगे.
ड्राइविंग लाइसेंस और RC रखने की टेंशन होगी दूर
गाड़ी चलाते समय साथ में ड्राइविंग लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, फिटनेस सर्टिफिकेट, परमिट जैसे डॉक्युमेंट की हार्ड कॉपी रखने की टेंशन अब दूर होने वाली है. अब आप व्हीकल से जुड़े इन डॉक्युमेंट्स की सिर्फ वैलिड सॉफ्ट कॉपी लेकर गाड़ी चला सकते हैं. जांच के दौरान ये पूरी तरह मान्य होंगे. सरकार ने कहा है कि 1 अक्टूबर 2020 से ड्राइविंग लाइसेंस और ई-चालान सहित वाहन से जुड़े तमाम दस्तावेज का रखरखाव एक आईटी पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा. इस वेब पोर्टल पर लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन के सस्पेंशन, कंपाउंडिंग और रिवोकेशन समेत ई-चालान जैसे अपराधों का रिकॉर्ड भी उपलब्ध होगा.
कागजात की मांग नहीं कर सकेंगे पुलिस अधिकारी
वेब पोर्टल पर रिवोक्ड और डिस्क्वालीफाई किये गए ड्राइविंग लाइसेंस की जानकारी क्रोनोलॉजिकली अपडेट की जाएगी. इससे अथॉरिटीज को ड्राइवर्स के व्यवहार की मॉनीटरिंग में मदद मिलेगी. नियमों के मुताबिक, अगर वाहन से जुड़े कागजात की वैधता इलेक्ट्रॉनिक तरीके से हो जाती है तो पुलिस अधिकारी फिजिकल तौर पर कागजात की मांग नहीं कर सकेंगे. आईटी सर्विस और इलेक्ट्रॉनिक मॉनीटरिंग के इस्तेमाल से देश में ट्रैफिक से जुड़े नियम बेहतर तरीके से लागू होंगे. साथ ही, ड्राइवरों के उत्पीड़न पर रोक लगेगी.
पोर्टल पर मिलेगी सीज कागजात की जानकारी
ड्राइवर की ओर से कोई अपराध किये जाने पर पुलिस अधिकारी सीज करने के लिए कागजात की मांग कर सकते हैं. सीज करने की यह कार्रवाई वेब पोर्टल पर इलेक्ट्रॉनिक तरीके से की जाएगी. सीज किये गए कागजात की जानकारी क्रोनोलॉजिकली वेब पोर्टल पर अपडेट की जाएगी. रेग्युलर आधार पर यह रिकॉर्ड वेब पोर्टल पर उपलब्ध रहेगा. कागजातों का परीक्षण किये जाने वाले पुलिस अधिकारी और तारीख की जानकारी भी वेब पोर्टल पर उपलब्ध होगी. इससे गैर-जरूरी परीक्षण पर रोक लगेगी और ड्राइवरों का उत्पीड़न खत्म होगा.