Loading election data...

चीन-पाकिस्तान का अब छूटेगा धुंआ, लद्दाख में बन रही दुनिया की सबसे ऊंची मोटरेबल रोड

सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) लद्दाख में एक नई सड़क बनाने जा रहा है, जो जल्द ही दुनिया की सबसे ऊंची मोटरेबल रोड के रूप में उमलिंग ला दर्रा की जगह ले लेगी. संगठन ने इस नई सड़क का निर्माण शुरू कर दिया है. जो संवेदनशील सीमा क्षेत्र पर भारत के रणनीतिक सड़क नेटवर्क का हिस्सा होगा.

By KumarVishwat Sen | August 16, 2023 12:40 PM

नई दिल्ली : भारत को टेढ़ी निगाह से देखने वाले चीन और पाकिस्तान का अब धुंआ छूटने वाला है. इसका कारण यह है कि लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास दुनिया की सबसे ऊंची मोटरेबल रोड बनाई जा रही है, जो कार निर्माता कंपनियों के लिए टेस्टिंग रोड और प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक तो होगी. इसके साथ ही, लद्दाख के इस प्वाइंट से चीन और पाकिस्तान की नापाक हरकतों पर नजर भी रखी जा सकती है. यह रोड सीमा सड़क संगठन की ओर से बनाई जा रही है. हालांकि, इन दोनों देशों को भारतीय सेना के जवान जून 2020 के बाद से नाकों चने चबवा रहे हैं.

मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) लद्दाख में एक नई सड़क बनाने जा रहा है, जो जल्द ही दुनिया की सबसे ऊंची मोटरेबल रोड के रूप में उमलिंग ला दर्रा की जगह ले लेगी. मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, 15 अगस्त को बीआरओ ने 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सोशल मीडिया पर की है कि उसकी ओर से लद्दाख के लिकारू-मिग ला-फुक्चे में नई सड़क का निर्माण कराया जा रहा है. यह उमलिंग ला से करीब 100 फीट ऊंची होगी. फिलहाल, दुनिया की सबसे ऊंची मोटरेबल रोड की ऊंचाई 19,300 फीट है.

सबसे ऊंची मोटरेबल रोड

सीमा सड़क संगठन ने घोषणा की है कि संगठन ने इस नई सड़क का निर्माण शुरू कर दिया है. जो संवेदनशील सीमा क्षेत्र पर भारत के रणनीतिक सड़क नेटवर्क का हिस्सा होगा. संगठन के अनुसार, लिकारू-मिग ला-फुकचे सड़क 19,400 फीट की ऊंचाई से होकर गुजरेगी और उमलिंग ला दर्रा को पार करते हुए दुनिया की सबसे ऊंची मोटरेबल सड़क होगी.

भारत-चीन एलएसी के नजदीक होगी नई सड़क

सीमा सड़क संगठन की नई सड़क चीन के साथ सटे वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से बमुश्किल तीन किलोमीटर दूर बनाई जाएगी, जो फुक्चे के साथ कनेक्टिविटी प्रदान करेगी. इस क्षेत्र में सशस्त्र बलों के लिए एक अपडेटेड लैंडिंग पैड है. यह सड़क लद्दाख घाटी और शेष भारत के साथ प्रमुख सड़क संपर्क प्रदान करेगी. सीमा सड़क संगठन ने कोई समयसीमा साझा नहीं की है कि नई सड़क कब तक पूरी होगी और क्या यह नागरिकों के लिए भी सुलभ होगी.

नेपाल के एवरेस्ट बेस कैंप से भी ऊंचा है उमलिंग ला दर्रा

उमलिंग ला दक्षिणी लद्दाख में स्थित 52 किलोमीटर लंबी चिसुमले-डेमचोक सड़क का हाइएस्ट प्वाइंट है, जो हानले गांव से लगभग 100 किलोमीटर दूर है. 19,300 फीट की ऊंचाई पर बसा उमलिंग ला दर्रा नेपाल के एवरेस्ट बेस कैंप से भी ऊंचा है. यह सड़क पूर्वी लद्दाख के चुमार सेक्टर के कई प्रमुख शहरों को भी कनेक्टिविटी प्रदान करती है. चिसुमले-डेमचोक सड़क विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह चीन के साथ सीमा क्षेत्रों के पास सैन्य वाहनों की आसान आवाजाही में सहायता करेगी. चिसुमले-डेमचोक को इंजीनियरिंग के लिए बेहतरीन माना जाता है, क्योंकि इतनी ऊंचाई पर निर्माण कई महत्वपूर्ण चुनौतियों के साथ आता है.

दुनिया की सबसे ऊंची मोटरेबल रोड उमलिंग ला दर्रा

बता दें कि सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने 19,300 फीट की ऊंचाई पर स्थित पूर्वी लद्दाख के उमलिंग ला दर्रा क्षेत्र में दुनिया की सबसे ऊंची मोटरेबल सड़क पर ब्लैक टॉपिंग और निर्माण कार्य को पूरा किया है. इस सड़क का निर्माण कर बीआरओ ने ऊंचाई पर स्थित सड़कों के निर्माण में कीर्तिमान स्थापित किया है. बीआरओ ने बोलीविया में ज्वालामुखी उटुरुंकु से 18,953 फीट की ऊंचाई पर एक सड़क निर्माण के अपने पिछले रिकॉर्ड को तोड़ा है. ‘प्रोजेक्ट हिमांक’ के तहत बनी रणनीतिक सड़क उमलिंग ला टॉप से होकर गुजरती है और चिसुमले और डेमचोक गांवों को जोड़ती है. यह सामाजिक-आर्थिक स्थिति को बढ़ाने के साथ लद्दाख में पर्यटन को बढ़ावा देती है. यह सड़क भारत-चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के करीब है और इससे सैनिकों तथा उपकरणों की त्वरित आवाजाही में सुविधा मिलेगी.

Also Read: चीन और पाकिस्तान की उड़ जाएगी नींद! US और UAE के साथ इंफ्रा प्रोजेक्ट पर काम करने जा रहा भारत

लद्दाख में कितने दर्रे

भारत के लद्दाख क्षेत्र के मध्य भाग में स्थित एक पर्वतमाला है. इसका उत्तरी छोर पाक-अधिकृत कश्मीर (पीओके) के गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र तक जाता है. यह सिन्धु नदी और श्योक नदी की घाटियों के बीच स्थित है और 370 किमी लंबी है. लद्दाख की राजधानी लेह है, इसी पर्वतमाला के सतही भाग में स्थित है. लद्दाख पर्वतमाला काराकोरम पर्वतों की एक दक्षिणी उपशृंखला है. लाद्दाख में मुख्य रूप से चोरबत ला (5,090 मी), खारदोंग ला (5,602 मी), चांग ला (5,599 मी), दीगार ला ((5,400 मी) और त्साका ला (4,724 मी) दर्रे हैं.

Next Article

Exit mobile version