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Mahindra पर 14 लाख रुपये का जुर्माना, जानिए क्या है मामला?

कंपनी को संयुक्त आयुक्त, सीजीएसटी और केंद्रीय उत्पाद शुल्क, पुणे-एक आयुक्तालय से पूर्ववर्ती महिंद्रा व्हीकल लिमिटेड (एमवीएमएल) के संबंध में सीजीएसटी अधिनियम, 2017 के लागू प्रावधानों के तहत 14,31,571 रुपए जुर्माने का आदेश मिला है.

महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड (एमएंडएम) पर उसकी एक पूर्ववर्ती इकाई द्वारा उत्पाद शुल्क से माल एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था में बदलाव के दौरान गलत इनपुट कर क्रेडिट (आईटीसी) लेने के लिए 14.3 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है.

14,31,571 रुपए का जुर्माना 

यह आईटीसी पूर्ववर्ती महिंद्रा व्हीकल मैन्युफैक्चरर्स लि. ने लिया था, जिसका बाद में महिंद्रा एंड महिंद्रा में विलय हो गया था. शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कंपनी ने शुक्रवार को कहा कि मौजूदा कानून और वकील की सलाह के आधार पर उसे उम्मीद है कि इस मामले में अपीलीय स्तर पर उसके पक्ष में फैसला आएगा. कंपनी को संयुक्त आयुक्त, सीजीएसटी और केंद्रीय उत्पाद शुल्क, पुणे-एक आयुक्तालय से पूर्ववर्ती महिंद्रा व्हीकल लिमिटेड (एमवीएमएल) के संबंध में सीजीएसटी अधिनियम, 2017 के लागू प्रावधानों के तहत 14,31,571 रुपए जुर्माने का आदेश मिला है.

गलत जीएसटी इनपुट देने पर हुई कार्रवाई 

कंपनी ने कहा कि यह आदेश उत्पाद शुल्क से जीएसटी व्यवस्था में बदलाव के दौरान एमवीएमएल द्वार लिए गए गलत आईटीसी के लिए जारी किया गया है. प्राधिकरण ने इस राशि को ब्याज सहित वसूलने का निर्देश दिया है. यह आदेश 20 जुलाई, 2023 का है. कंपनी को यह आदेश 17 अगस्त, 2023 को प्राप्त हुआ.

इससे पूर्व अप्रैल माह में भी महिंद्रा पर आरबीआई ने तगड़ा जुर्माना ठोका था

इससे पूर्व अप्रैल माह में भी महिंद्रा पर आरबीआई ने तगड़ा जुर्माना ठोका था. आरबीआई द्वारा इस वित्तीय संस्थान (RBI Action on Financial Institution) पर पूरे 6.77 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है. यह पेनाल्टी महिंद्रा पर आरबीआई के वित्तीय नियमों का पालन न करने के कारण लगाया गया था.

महिंद्रा ने ग्राहकों को लोन देने वक्त ब्याज दरों का खुलासा नहीं किया था

दरअसल, महिंद्रा ने ग्राहकों को लोन देने वक्त ब्याज दरों का खुलासा नहीं किया था जो आरबीआई (RBI) के नियमों का उल्लंघन है. इसके बाद रिजर्व बैंक ने इस वित्तीय संस्थान पर कार्रवाई करते हुए 6.77 करोड़ रुपये की राशि का जुर्माना लगाया. इस मामले पर आरबीआई ने एक बयान जारी करते हुए बताया कि 31 मार्च 2019 से 31 मार्च 2020 के बीच में महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंशियल सर्विसेज की एक जांच कराई गई थी.

6.77 करोड़ रुपये का जुर्माना

रिजर्व बैंक ने अपनी जांच में पाया कि महिंद्रा एंड महिंद्रा ने ग्राहकों को लोन देते वक्त ब्याज दर के खुलासे के लिए सही तरीके से नियमों का पालन नहीं किया. इसके साथ ही नियमों में बदलाव के बाद कंपनी ने इसकी जानकारी भी ग्राहकों को नहीं दी. इसके बाद आरबीआई ने कंपनी पर नियमों की अनदेखी करने के कारण 6.77 करोड़ रुपये का तगड़ा जुर्माना लगाया.

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