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Make In India: टॉप लैपटॉप ब्रांड्स भारत में बनायेंगे अपने प्रोडक्ट्स

Make In India - वैश्विक सर्वर कंपनियों ने कहा है कि वे भारत को एक निर्यात केंद्र बनाना चाहती हैं. सरकार ने 17,000 करोड़ रुपये की पीएलआई योजना के तहत आईटी हार्डवेयर विनिर्माण की आखिरी तारीख 30 अगस्त तय की है.

Make In India : वैश्विक स्तर के पर्सनल कम्प्यूटर (पीसी) विनिर्माताओं सहित लगभग 44 आईटी हार्डवेयर कंपनियों ने भारत में लैपटॉप, टैबलेट और पीसी बनाने के लिए पंजीकरण कराया है. एक आधिकारिक सूत्र ने यह जानकारी दी. अधिकारी ने किसी कंपनी का नाम लिये बिना कहा कि देश में आईटी हार्डवेयर विनिर्माण में उस सफलता को दोहराने की उम्मीद है, जो उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत मोबाइल फोन विनिर्माण में मिली.

अधिकारी ने कहा, प्रमुख लैपटॉप कंपनियों ने पीएलआई के लिए पंजीकरण कराया है और उनमें से कुछ किसी भी समय भारत में विनिर्माण शुरू कर सकती हैं. पीटीआई भाषा की रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक सर्वर कंपनियों ने कहा है कि वे भारत को एक निर्यात केंद्र बनाना चाहती हैं. सरकार ने 17,000 करोड़ रुपये की पीएलआई योजना के तहत आईटी हार्डवेयर विनिर्माण की आखिरी तारीख 30 अगस्त तय की है.

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काउंटरप्वाइंट रिसर्च के अनुसार जून 2023 तिमाही में पीसी खंड में लेनोवो, एचपी, डेल, ऐपल और एसर शीर्ष पांच कंपनियां थीं. काउंटरप्वाइंट रिसर्च के शोध निदेशक तरुण पाठक ने कहा कि भारत में कुल लैपटॉप और पीसी बाजार सालाना आठ अरब अमेरिकी डॉलर के करीब है. इसमें लगभग 65 प्रतिशत इकाइयां आयात की जाती हैं.

सरकार ने हाल ही में लैपटॉप, टैबलेट और कंप्यूटर के आयात के लिए लाइसेंस को जरूरी कर दिया था. यह कदम उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा के लिहाज से इन उपकरणों के हार्डवेयर में मौजूद खामियों को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है. आईटी मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि लाइसेंस के आधार पर आयात की मंजूरी देने से केंद्र सरकार इसपर नजर रख पाएगी कि भारत में किस देश में निर्मित लैपटॉप एवं टैबलेट आ रहे हैं. इससे सुरक्षा संबंधी चिंताओं का समाधान करने में मदद मिलेगी.

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वाणिज्य मंत्रालय ने 3 अगस्त को एक अधिसूचना में कहा कि केंद्र सरकार ने लैपटॉप, टैबलेट और कंप्यूटर के आयात पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है. रिपोर्ट के अनुसार, नोटिस में लिखा गया है कि प्रतिबंधित आयात के लिए वैध लाइसेंस के तहत आयात की अनुमति दी जाएगी. नोटिफिकेशन में कहा गया है, HSN 8741 के तहत आने वाले लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पर्सनल कंप्यूटर और अल्ट्रा स्मॉल फॉर्म फैक्टर कंप्यूटर और सर्वर का आयात प्रतिबंधित होगा और उनके आयात को प्रतिबंधित आयात के लिए वैध लाइसेंस के खिलाफ अनुमति दी जाएगी.

सरकार ने लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पर्सनल कंप्यूटर, अल्ट्रा स्मॉल फॉर्म फैक्टर (यूएसएफएफ) कंप्यूटर और सर्वेर के आयात पर अंकुश लगा दिया है. आयात अंकुश तत्काल प्रभाव से लागू है. किसी उत्पाद के आयात को अंकुश की श्रेणी में डालने का मतलब है कि उनके आयात के लिए लाइसेंस या सरकार की अनुमति अनिवार्य होगी. इस कदम का मकसद चीन जैसे देशों से आयात घटाना है.

विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने बृहस्पतिवार को जारी अधिसूचना में कहा कि शोध एवं विकास, परीक्षण, बेंचमार्किंग और मूल्यांकन, मरम्मत और वापसी तथा उत्पाद विकास के उद्देश्य से प्रति खेप अब 20 वस्तुओं तक आयात लाइसेंस की छूट रहेगी. पीटीआई भाषा की रिपोर्ट के अनुसार, अधिसूचना में कहा गया है, लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पर्सनल कंप्यूटर और सर्वर के आयात को तत्काल प्रभाव से अंकुश की श्रेणी में डाल दिया गया है.

हालांकि, एक लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पर्सनल कंप्यूटर, या अल्ट्रा स्मॉल फॉर्म फैक्टर कंप्यूटर के आयात के लिए आयात लाइसेंस आवश्यकताओं से छूट प्रदान की जाती है, जिसमें ई-कॉमर्स पोर्टल से पोस्ट या कूरियर के माध्यम से खरीदे गए कंप्यूटर भी शामिल हैं. यह फैसला ऐसे समय पर लिया गया है जब सरकार मेक इन इंडिया पर जोर दे रही है.

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