इलेक्ट्रिक गाड़ियों से वाहन मालिकों का भरोसा टूटा! जानें क्यों पाना चाहते हैं छुटकार?

Electric Vehicles भारत में एक ऑटोमोबाइल क्रांति की तरह स्थापित हो रही है, मगर एक सर्वे में चौकानें वाला खुलासा हुआ है. 50 प्रतिशत से ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहन मालिकों EVs को लेकर नाखुशी जाहीर की है, इसके पीछे की वजह जानकर आप भी चौंक जाएंगे.

By Abhishek Anand | July 30, 2024 9:44 AM

भारत में जिस स्पीड से इलेक्ट्रिक गाड़ियां (Electric Vehicles) बिक रही हैं, विशेषज्ञ ये अनुमान लगाते हैं कि 2030 तक भारत की सड़कों पर 60 प्रतिशत से ज्यादा गाड़ियां इलेक्ट्रिक ही नजर आएंगी, मगर ये खबर का एक पहलू है दूसरा पहलू ये है कि क्या इलेक्ट्रिक गाड़ियां खरीदने वाले खुश हैं? हाल ही में हुए एक सर्वे के मुताबिक इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वाले आड़े से ज्यादा लोग परेशान हैं और वो वापस पेट्रोल और डीजल गाड़ियों पर लौटना चाहते हैं.

इन इलेक्ट्रिक वाहन मालिकों का मानना है कि Electric Vehicles के मुकाबले पेट्रोल, डीजल और सीएनजी (CNG) गाड़ियां ज्यादा बेहतर हैं, इसके पीछे कई वजह हैं जिसमें सबसे अहम वजह देशभर में चार्जिंग स्टेशन की कमी.

Also Read: Gurugram Flood: जलमग्न हो गई करोड़ की गाड़ियां, पीड़ित ने Instagram पर शेयर किया वीडियो

Electric Vehicles को लेकर हुआ सर्वे

ये सर्वे देशभर के के कुछ बड़े मेट्रोपॉलिटन सिटी दिल्ली-एनसीआर, मुंबई और बैंगलुरू में ये सर्वे किया गया जहां लगभग 500 से ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहन मालिकों से उनकी राय पूछी गई, जिनमें 50 प्रतिशत से ज्यादा वाहन इलेक्ट्रिक वाहनों ने नाखुशी जाहिर की. इन वाहन मालिकों के अनुसार वे इलेक्ट्रिक गाड़ियों में कई तरह की समस्या को लेकर झूझ रहे हैं, जिनमें सबसे ज्यादा दिक्कत चार्जिंग को लेकर है.

ईवी चार्जिंग स्टेशन की कमी बड़ी समस्या

देशभर में फिलहाल 20 हजार से के आस-पास ईवी चार्जिंग स्टेशन मौजूद हैं जो मौजूदा स्थिति में नाकाफी हैं. दरअसल EVs चलाने वाले लोग बहुत सी ट्रिप इस लिए कैंसल कर देते हैं कि उनकी गाड़ी ज्यादा चार्ज नहीं है, मगर पेट्रोल, डीजल और सीएनजी वाली गाड़ियों में ये समस्या नहीं है. चार्जिंग में लगने वाला समय भी एक EVs को लेकर नाखुशी जाहीर करने की एक वजह है.

Also Read: Access 125 और Burgman समेत सुजुकी ने अपने 4 लाख टू-व्हीलर्स को वापस मंगवाया

इलेक्ट्रिक गाड़ियों की मेंटनेंस

अगर आपके पास पैसे हैं तो इलेक्ट्रिक गाड़ियां खरीदना आसान हो सकता है मगर उसे मैन्टेन करना इतना आसान नहीं है. इलेक्ट्रिक गाड़ियां को समझना बेहद मुश्किल है अगर सही मायनों में कहा जाए तो EVs एक ब्लैक बॉक्स की तरह है, जिसमें आने वाली छोटी-छोटी समस्या के लिए डीलरशिप के पास जाना पड़ता है जहां मेंटनेंस कॉस्ट भी फिक्स नहीं.

इलेक्ट्रिक गाड़ियों की रीसेल वैल्यू

बाद करें अगर रीसेल वैल्यू की तो इलेक्ट्रिक गाड़ियां अभी मार्केट में एक नया कॉन्सेप्ट है और इलेक्ट्रिक यूज़्ड कार की कीमत का सही आकलन लगाने का कोई सटीक तरीका नहीं. वहीं पेट्रोल-डीजल वाली गाड़ियों का एक एवरेज रीसेल प्राइस होता है जो उनके एज और कंडीशन पर डिपेंड करती है.

इलेक्ट्रिक गाड़ियों की रीसेल वैल्यू क्या है?

बाद करें अगर रीसेल वैल्यू की तो इलेक्ट्रिक गाड़ियां अभी मार्केट में एक नया कॉन्सेप्ट है और इलेक्ट्रिक यूज़्ड कार की कीमत का सही आकलन लगाने का कोई सटीक तरीका नहीं. वहीं पेट्रोल-डीजल वाली गाड़ियों का एक एवरेज रीसेल प्राइस होता है जो उनके एज और कंडीशन पर डिपेंड करती है.

Next Article

Exit mobile version