Maruti 800 ने पूरे किये 37 साल, इस बीच कितनी बदली मारुति की पहली कार, जानें
Maruti 800, First Maruti Car: भारत की सबसे पहली 'जनता की कार' मारुति 800 ने अपनी लॉन्चिंग के 37 साल पूरे कर लिये हैं. साल 1983 के दिसंबर महीने में गुड़गांव की फैक्ट्री से मालाओं से लदी हुई एक छोटी सी सफेद कार निकली थी. यह भारत की पहली मारुति 800 कार थी और इसकी स्टीयरिंग पर बैठे हुए थे हरपाल सिंह, जिन्हें कार की चाबी देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने सौंपी थी.
Maruti 800, First Maruti Car: भारत की सबसे पहली ‘जनता की कार’ मारुति 800 ने अपनी लॉन्चिंग के 37 साल पूरे कर लिये हैं. साल 1983 के दिसंबर महीने में गुड़गांव की फैक्ट्री से मालाओं से लदी हुई एक छोटी सी सफेद कार निकली थी. यह भारत की पहली मारुति 800 कार थी और इसकी स्टीयरिंग पर बैठे हुए थे हरपाल सिंह, जिन्हें कार की चाबी देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने सौंपी थी.
भारत में मारुति सिर्फ एक कार के ब्रांड का नाम नहीं है. एक समय ऐसा था जब देश में मारुति का मतलब ही कार होता था. मारुति 800 के पहले मॉडल को DIA 6479 रजिस्ट्रेशन नंबर मिला. यह कार हरपाल सिंह के पास लगभग दशकों तक रही. उस समय मारुति 800 कार की कीमत 47,500 रुपये थी.
साल 2010 में हरपाल सिंह की मौत के बाद यह ऐतिहासिक कार लावारिस हालत में उनके दिल्ली स्थित मकान के बाहर सालों तक पड़ी रही. पिछले साल इस कार की मारुति सर्विस सेंटर में मरम्मत की गई. यहां भारत की पहली मारुति 800 कार को फैक्ट्री के मुताबिक रंग और रूप दिया गया.
Also Read: Maruti Cars खरीदना हो तो देरी न करें, अभी सस्ती मिल रही गाड़ियां नये साल में हो जाएंगी महंगीमारुति 800, जिसे एसएस 80 के नाम से भी जाना जाता है, भारत की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी (तब मारुति उद्योग) की पहली कार थी. 1980 के दशक में भारत की सड़कों पर हिंदुस्तान मोटर्स की एम्बेसडर और प्रीमियर पद्मिनी गाड़ियों का दबदबा था, तब इनके विकल्प के तौर पर एक आधुनिक, किफायती और ज्यादा माइलेज देने वाली कार की जरूरत महसूस की गई. जिसका नतीजा मारुति उद्योग के मारुति 800 के रूप में सामने आया. यह कार आते ही हिट हो गई. कंपनी ने इस कार का लगभग 3 दशकों तक उत्पादन किया.
मारुति 800 की शुरुआत 796cc, 3 सिलिंडर F8D पेट्रोल इंजन के साथ हुई थी, जो आज तक मारुति की कई कारों जैसे कि ऑल्टो 800 और ओमनी में इस्तेमाल की जाती है. इस इंजन की जबरदस्त विश्वसनीयता और इसके बहुत कम रखरखाव की खासियत की वजह से यह भारत में बेची जाने वाली सबसे ज्यादा कारों में इस्तेमाल किया जा रहा है.
मारुति 800 के इंजन की बात करें तो इसकी इतनी लंबी यात्रा के इतने वर्षों के दौरान इसकी शक्ति और टॉर्क में समय-समय पर बदलाव होता रहा. पहली पीढ़ी का इंजन 35 Bhp का था, जो 5 स्पीड-MPFI मॉडल में 45 Bhp का हो गया. मारुति ऑल्टो 800 के मौजूदा मॉडल में, F8D इंजन इस्तेमाल किया जाता है जिसमें खासा बदलाव किया गया है और अब यह 47 Bhp की ताकत के साथ आता है जो 69 Nm का टॉर्क पैदा करता है.
Also Read: Maruti ला रही Alto 800 से भी सस्ती कार, जानें कब होगी लॉन्चिंगइन वर्षों में पेट्रोल इंजन, एलपीजी-पेट्रोल और सीएनजी-पेट्रोल वेरिएंट में तब्दील हुआ. जबकि इंजन 4 स्पीड मैनुअल गियरबॉक्स के साथ शुरू हुआ था और मारुति 800 के अंतिम वर्षों में इसे 5 स्पीड मैनुअल गियरबॉक्स मिला, जो मारुति ऑल्टो में भी इस्तेमाल किया गया.
जब मारुति Alto (ऑल्टो) लॉन्च की गई तो इसमें मारुति 800 से ज्यादा ताकतवर इंजन, स्टाइल और फीचर्स दिये गए थे. ऑल्टो की बिक्री मारुति 800 के साथ-साथ की जा रही थी. लेकिन ऑल्टो से सस्ती मारुति 800 की ब्रांडिंग ज्यादा मजबूत थी और भारत के सेमी-अर्बन इलाकों में इसकी मांग ज्यादा थी.
ऑल्टो लॉन्च होने के बावजूद मारुति 800 की जबरदस्त बिक्री को देखते हुए कार निर्माताओं को मारुति 800 का उत्पादन बंद करने का फैसला करना पड़ा, ताकि ऑल्टो को पॉपुलर बनाया जा सके. ऐसे में साल 2010 में कंपनी ने मारुति 800 को बनाना बंद कर दिया. आखिरकार ऑल्टो को सबसे ज्यादा बिकनेवाली कार का तमगा हासिल हो गया जो सालों से मारुति 800 के हिस्से था.
Also Read: Kia Sonet के आने से कमजोर पड़ी Maruti Suzuki की यह पॉपुलर SUV?मारुति 800 की लॉन्चिंग और इसके सक्सेस के बाद, कंपनी ने अलग-अलग सेगमेंट में प्रवेश करने का फैसला किया. 1984 में ओमनी मिनीवैन और 1985 में भारत प्रतिष्ठित जिप्सी लांच हुई. कुछ साल बाद 1990 में मारुति सुजुकी ने पहली सेडान मारुति 1000 लॉन्च की. इसके बाद 1994 में इस कार का एक फेसलिफ्ट मॉडल एस्टीम लॉन्च किया गया, जिसने मूल रूप से भारत में सेडान ट्रेंड की नींव रखी. भारत के कुछ हिस्सों में इसे आज भी देखा जा सकता है.
एस्टीम से थोड़ा पहले, यानी साल 1993 में मारुति सुजुकी ने प्रीमियम हैचबैक जेन को लॉन्च किया. यह मॉडल भारत में बहुत लोकप्रिय हुआ. इसके बाद 1995 में कंपनी का दूसरा उत्पादन केंद्र खोला गया. ठीक चार साल बाद 1999 में तीसरा प्लांट भी खोल दिया गया.
21 वीं सदी की शुरुआत के साथ मारुति सुजुकी ने ऑल्टो के रूप में एक और आइकॉन लॉन्च किया. पांच साल बाद 2005 में, स्पोर्टी दिखने वाली स्विफ्ट को लॉन्च किया गया. यह मॉडल युवाओं में काफी लोकप्रिय हुआ और साल दर साल इसका क्रेज आज भी बरकरार है. इसके अलावा, कंपनी ने प्रीमियम हैचबैक सेगमेंट में बलेनो 2015 में और कॉम्पैक्ट एसयूवी सेगमेंट में विटारा ब्रेजा 2016 में बाजार में उतारी. लगातार अपग्रेडेशन के दम पर मारुति सुजुकी की ये कार्स बेस्ट सेलिंग बनी हुई हैं.
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